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रोहतक PGI का दावा: हेपेटाइटिस की दवा मार सकती है कोरोना, ट्रायल की मांगी अनुमति

पीजीआईएमएस रोहतक के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के हेड डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने दावा किया है कि काला पीलिया की दवा कोरोना पर काबू पाने में मददगार शाबित हो सकती है.

rohtak pgi claims hepatitis drug corona
rohtak pgi claims hepatitis drug corona
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Published : Jul 30, 2020, 7:04 PM IST

रोहतक: पीजीआईएमएस रोहतक की ओर से दावा किया गया है कि हेपेटाइटिस की दवा कोरोना को मार सकती है. इन दवाओं का ट्रायल कोरोना के मरीजों पर करने के लिए पीजीआईएमएस के डॉक्टर ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अनुमति मांगी है. दरअसल ये दावा पीजीआईएमएस रोहतक के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के हेड डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने किया है.

डेढ़ हजार मरीजों पर रिसर्च के बाद किया दावा

उनका दावा है कि काला पीलिया की दवा लेने वाले मरीजों में कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ. दुनियाभर के कई देशों में भी काला पीलिया यानी हेपेटाइटिस की दवा कोरोना से बचाव करने में मददगार साबित हुई है. ये दावा पीजीआईएमएस रोहतक की रिसर्च में किया गया है. यहां के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग और नेशनल वायरल हेपेटाइटिस सेंट्रल प्रोग्राम के मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर में डेढ़ हजार मरीजों पर ये रिसर्च की गई.

रोहतक PGI का दावा, हेपेटाइटिस की दवा मार सकती है कोरोना, देखिए ये रिपोर्ट.

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के हेड और सीनियर प्रोफेसर डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने दावा किया कि काला पीलिया की दवा कोविड-19 में कारगर है. 5 माह तक हेपेटाइटिस बी और सी का इलाज कराने वालों में डेढ़ हजार मरीजों को चिह्नित करके मार्च से जुलाई माह तक उनकी हेल्थ मॉनिटरिंग की गई. रिसर्च में शामिल डेढ़ हजार मरीजों में कोविड-19 का कोई लक्षण नहीं दिखाई दिया. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अगर इसका बड़े स्तर पर ट्रायल किया जाता है तो सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.

ये भी पढ़ें- ऑनलाइन काम ने बढ़ाई चश्मों की डिमांड, कैसे करें आंखों की हिफाजत?

डॉक्टर मल्होत्रा ने कहा कि कई देशों में इसको लेकर रिसर्च किया गया है और उनका यह रिसर्च सफल भी रहा है. सबसे बड़ी बात ये रही है कि वैक्सीन की बजाय यह दवाई कोरोना वायरस को शरीर में मारने में सक्षम साबित हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस और हेपेटाइटिस बी वायरस की बनावट एक जैसी है और यह दोनों ही आरएनए वायरस हैं. उन्होंने कहा कि पूरे देश में ये दवा पहले से ही उपलब्ध है और दवाई का खर्च भी ज्यादा नहीं है. ऐसे में हेपेटाइटिस बी की ये दवा व को-वैक्सीन एक और एक ग्यारह का काम कोरोना वायरस के खिलाफ कर सकते हैं.

रोहतक: पीजीआईएमएस रोहतक की ओर से दावा किया गया है कि हेपेटाइटिस की दवा कोरोना को मार सकती है. इन दवाओं का ट्रायल कोरोना के मरीजों पर करने के लिए पीजीआईएमएस के डॉक्टर ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अनुमति मांगी है. दरअसल ये दावा पीजीआईएमएस रोहतक के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के हेड डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने किया है.

डेढ़ हजार मरीजों पर रिसर्च के बाद किया दावा

उनका दावा है कि काला पीलिया की दवा लेने वाले मरीजों में कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ. दुनियाभर के कई देशों में भी काला पीलिया यानी हेपेटाइटिस की दवा कोरोना से बचाव करने में मददगार साबित हुई है. ये दावा पीजीआईएमएस रोहतक की रिसर्च में किया गया है. यहां के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग और नेशनल वायरल हेपेटाइटिस सेंट्रल प्रोग्राम के मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर में डेढ़ हजार मरीजों पर ये रिसर्च की गई.

रोहतक PGI का दावा, हेपेटाइटिस की दवा मार सकती है कोरोना, देखिए ये रिपोर्ट.

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के हेड और सीनियर प्रोफेसर डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने दावा किया कि काला पीलिया की दवा कोविड-19 में कारगर है. 5 माह तक हेपेटाइटिस बी और सी का इलाज कराने वालों में डेढ़ हजार मरीजों को चिह्नित करके मार्च से जुलाई माह तक उनकी हेल्थ मॉनिटरिंग की गई. रिसर्च में शामिल डेढ़ हजार मरीजों में कोविड-19 का कोई लक्षण नहीं दिखाई दिया. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अगर इसका बड़े स्तर पर ट्रायल किया जाता है तो सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.

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डॉक्टर मल्होत्रा ने कहा कि कई देशों में इसको लेकर रिसर्च किया गया है और उनका यह रिसर्च सफल भी रहा है. सबसे बड़ी बात ये रही है कि वैक्सीन की बजाय यह दवाई कोरोना वायरस को शरीर में मारने में सक्षम साबित हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस और हेपेटाइटिस बी वायरस की बनावट एक जैसी है और यह दोनों ही आरएनए वायरस हैं. उन्होंने कहा कि पूरे देश में ये दवा पहले से ही उपलब्ध है और दवाई का खर्च भी ज्यादा नहीं है. ऐसे में हेपेटाइटिस बी की ये दवा व को-वैक्सीन एक और एक ग्यारह का काम कोरोना वायरस के खिलाफ कर सकते हैं.

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