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पानीपत: चेतावनी स्तर के करीब पहुंचा यमुना में पानी, प्रशासन की तैयारी अधूरी

पानीपत में यमुना नदी का जलस्तर इस साल का सबसे अधिक है. यमुना नदी का जलस्तर चेतावनी लेवल के पास पहुंच गया है. जिससे आसपास के गांवों में पानी घुसने का खतरा बना हुआ है.

water level of Yamuna close to warning level in panipat
water level of Yamuna close to warning level in panipat
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Published : Aug 24, 2020, 5:31 PM IST

Updated : Aug 24, 2020, 7:13 PM IST

पानीपत: जिले में यमुना नदी के लगातार बढ़ते जल स्तर को लेकर नदी के आसपास के गांव के लोगों और किसानों को अब बाढ़ का खतरा सताने लगा है. फिलहाल यमुना का जलस्तर 229.70 क्यूसिक मीटर है. जो चेतावनी स्तर 230.00 के नजदीक है. जबकि खतरे के निशान 230.85 क्यूसिक मीटर पर है. वर्तमान में यमुना का जलस्तर इस साल का सबसे अधिक है. जोकि पहाड़ों में हो रही लगातार बरसात के चलते बढ़ रहा है.

चेतावनी स्तर के करीब पहुंचा यमुना में पानी, प्रशासन की तैयारी अधूरी

कटाव को रोकने के लिए प्रशासन की तैयारी नहीं

मानसून के चलते प्रसाशन द्वारा जुलाई महीने तक बाढ़ बचाव के सभी प्रबंध करना अनिवार्य होता है. तटबंधों पर पत्थरों की ठोकरें बनाई जाती हैं. ताकि पानी से कटाव ना हो. लेकिन प्रसाशन द्वारा अभी तक कोई भी इंतजाम नहीं करवाए गए. जिससे लोगों को अब बाढ़ का खतरा सताने लगा है.

ईटीवी भारत की टीम ने पानीपत यमुना नदी से सटे गांवों के तटबंधों का निरीक्षण किया. जहां पर यमुना के तटबंध पर जगह-जगह कटाव देखने को मिला. बांधों पर मिट्टी के कट्टे रखवाए गए हैं. जबकि पत्थरों की ठोकरें बनवाई जाती हैं. प्रसाशन द्वारा कई जगहों पर पत्थर तो रखवाए हैं लेकिन उनकी तार बंदी नहीं की गई.

15 गांव में रहता है यमुना का पानी पहुंचने का डर

यमुना नदी के आसपास करीब 15 गांव ऐसे हैं जोकि जलस्तर बढ़ने से परेशानियां झेलते हैं. ये गांव हैं पत्थरगढ़, तमसाबाद, नवादा आर, नवादा पास, रिसपुर, सनोली, नन्हेड़ा, अधमी, जलमाना, मिर्जापुर, गोयला खुर्द, गोयला खेड़ा, रक्षेड, हथवाला और खोजकीपुर. सितंबर 2013 में पानीपत में यमुना नदी के 5 जगहों से तटबंध टूटने के कारण बाढ़ आई थी. जिसके कारण किसानों की हजारों एकड़ फसल डूब गई थी और दर्जनों गांव भी प्रभावित हुए थे.

प्रशासन ने नहीं की तैयारी- ग्रामीण

गांव पत्थरगढ़ के निवासी इस्लाम और सरपंच अमजद मजीदी ने बताया कि प्रसाशन द्वारा बाढ़ से निपटने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं. अगर यमुना नदी का जल स्तर लगातर बढ़ता रहा तो इन गांवों में यमुना का पानी घुस जाएगा और हजारों एकड़ भूमि में खड़ी फसल यमुना के पानी मे बह जाएगी. लोगों को अब बाढ़ का डर सता रहा हैं.

ये भी पढ़ें- सैलजा ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, गांधी परिवार के नेतृत्व को बताया उम्मीद की एकमात्र किरण

पानीपत: जिले में यमुना नदी के लगातार बढ़ते जल स्तर को लेकर नदी के आसपास के गांव के लोगों और किसानों को अब बाढ़ का खतरा सताने लगा है. फिलहाल यमुना का जलस्तर 229.70 क्यूसिक मीटर है. जो चेतावनी स्तर 230.00 के नजदीक है. जबकि खतरे के निशान 230.85 क्यूसिक मीटर पर है. वर्तमान में यमुना का जलस्तर इस साल का सबसे अधिक है. जोकि पहाड़ों में हो रही लगातार बरसात के चलते बढ़ रहा है.

चेतावनी स्तर के करीब पहुंचा यमुना में पानी, प्रशासन की तैयारी अधूरी

कटाव को रोकने के लिए प्रशासन की तैयारी नहीं

मानसून के चलते प्रसाशन द्वारा जुलाई महीने तक बाढ़ बचाव के सभी प्रबंध करना अनिवार्य होता है. तटबंधों पर पत्थरों की ठोकरें बनाई जाती हैं. ताकि पानी से कटाव ना हो. लेकिन प्रसाशन द्वारा अभी तक कोई भी इंतजाम नहीं करवाए गए. जिससे लोगों को अब बाढ़ का खतरा सताने लगा है.

ईटीवी भारत की टीम ने पानीपत यमुना नदी से सटे गांवों के तटबंधों का निरीक्षण किया. जहां पर यमुना के तटबंध पर जगह-जगह कटाव देखने को मिला. बांधों पर मिट्टी के कट्टे रखवाए गए हैं. जबकि पत्थरों की ठोकरें बनवाई जाती हैं. प्रसाशन द्वारा कई जगहों पर पत्थर तो रखवाए हैं लेकिन उनकी तार बंदी नहीं की गई.

15 गांव में रहता है यमुना का पानी पहुंचने का डर

यमुना नदी के आसपास करीब 15 गांव ऐसे हैं जोकि जलस्तर बढ़ने से परेशानियां झेलते हैं. ये गांव हैं पत्थरगढ़, तमसाबाद, नवादा आर, नवादा पास, रिसपुर, सनोली, नन्हेड़ा, अधमी, जलमाना, मिर्जापुर, गोयला खुर्द, गोयला खेड़ा, रक्षेड, हथवाला और खोजकीपुर. सितंबर 2013 में पानीपत में यमुना नदी के 5 जगहों से तटबंध टूटने के कारण बाढ़ आई थी. जिसके कारण किसानों की हजारों एकड़ फसल डूब गई थी और दर्जनों गांव भी प्रभावित हुए थे.

प्रशासन ने नहीं की तैयारी- ग्रामीण

गांव पत्थरगढ़ के निवासी इस्लाम और सरपंच अमजद मजीदी ने बताया कि प्रसाशन द्वारा बाढ़ से निपटने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं. अगर यमुना नदी का जल स्तर लगातर बढ़ता रहा तो इन गांवों में यमुना का पानी घुस जाएगा और हजारों एकड़ भूमि में खड़ी फसल यमुना के पानी मे बह जाएगी. लोगों को अब बाढ़ का डर सता रहा हैं.

ये भी पढ़ें- सैलजा ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, गांधी परिवार के नेतृत्व को बताया उम्मीद की एकमात्र किरण

Last Updated : Aug 24, 2020, 7:13 PM IST
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