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ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर शुरू किया तालाब भराई का काम, 16 दिन पहले डूबे थे 3 बच्चे

पानीपत गढ़ सरनाई गांव के तालाब में तीन बच्चों के डूबने से हुई मौत के बाद ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से इसे बंद कराने की मांग की थी लेकिन हादसे के 16 दिन बीतने के बाद भी सुनवाई न होने पर ग्रामीणों ने खुद तालाब भराई का काम शुरु कर दिया है.

Children died due to drowning in pond
पानीपत में तालाब भराई का काम शुरु
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Published : Aug 19, 2022, 2:41 PM IST

Updated : Aug 19, 2022, 4:41 PM IST

पानीपत: बीते दो अगस्त को तालाब में डूबने से 3 बच्चों की मौत हो गई (three kids died in Panipat) थी. बच्चों की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने तालाब को बंद कराने की अपील प्रशासन से की थी. प्रशासनिक अधिकारियों ने तलाब को 7 दिन के अंदर पाटने का आश्वासन दिया था लेकिन 16 दिन बीत जाने के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी सुध लेने नहीं पहुंचा. जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से ठोस कदम न उठाए जाने पर ग्रामीणों ने खुद तालाब को भरने का बीड़ा उठा लिया.

गांव के लोगों ने चंदा इकट्‌ठा कर एकजुट होकर तालाब को भरने का काम शुरु कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि JCB का प्रतिदिन का खर्चा करीब 10 हजार रुपए आ रहा है और तालाब भराई का कार्य बीते चार दिन से चल रहा है. पानीपत गढ़ सरनाई गांव में दो अगस्त को तीन बच्चे जिनका नाम अभिषेक (16), हितेश (14) और नवीन (14) है, वह तालाब में डूब गए थे. इसके बाद अधिकारियों ने तालाब को बंद करने का निर्देश भी जारी किय था लेकिन समय अवधि बीतने के बाद भी किसी भी अधिकारी ने कोई सुध नहीं ली. ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए अपना रोष व्यक्त किया है.

तालाब में डूबने से बच्चों की मौत

घटनास्थल की दोबारा नहीं ली गई सुध: स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन की आंखें नहीं खुली हैं. इतने बड़े हादसे में भी सरकारी आश्वासन दे दिया गया. पूर्व सरपंच भी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. हादसा होने के बाद कोई भी प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं आया. दोबारा किसी ने सुध नहीं ली. जिसके चलते ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ रोष है. इसीलिए अब लोग खुद आगे आए हैं और एकजुट होकर इस तलाब को भरवा (Pond filling work started in Panipat) रहे हैं.

बच्चों को गहराई का अनुमान नहीं था: पानीपत गढ़ सरनाई गांव (Panipat Garh Sarnai Village) में रहने वाले रोहताश का बेटा अभिषेक, दिलबाग का बेटा हितेश और रविंद्र का बेटा नवीन तीनों दोस्त थे. नवीन नौवीं और अभिषेक और हितेश आठवीं कक्षा के छात्र थे. तीनों गढ़ सरनाई गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ाई करते थे. 2 अगस्त की दोपहर ढाई बजे स्कूल की छुट्‌टी होने के बाद तीनों दोस्त नहाने के लिए गांव के तालाब पर पहुंच गए. उस समय तालाब पर कई और बच्चे भी नहा रहे थे. गहराई का अंदाजा नहीं होने के चलते अभिषेक, हितेश और नवीन तालाब में ज्यादा अंदर चले गए और डूब (three children drowned in pond in panipat) गए.

सरकारी प्रोजेक्ट के ठेकेदार ने JCB से खोदे गड्ढे: पानीपत गढ़ सरनाई गांव के ग्रामाणों ने बताया कि गांव का यह तालाब काफी पुराना है. इसकी गहराई तकरीबन 3 फुट थी. एक सरकारी प्रोजेक्ट के तहत इस तालाब के पास वाटर पॉन्ड बनाने के लिए तीन महीने से खुदाई चल रही थी. बरसात के दौरान वाटर पॉन्ड के लिए खोदे जा रहे गड्ढे में पानी भर जाने से काम रुक गया था तो ठेकेदार ने JCB से तालाब में 15-15 फीट गहरे गड्ढे खुदवा दिए जिससे वाटर पॉन्ड वाली जगह भरा पानी तालाब में डाला जा सके. उस दौरान तालाब में गड्ढों की खुदाई के दौरान निकली मिट्‌टी ठेकेदार के लोग उठाकर ले गए. गांव वालों ने तब यह कहते हुए इसका विरोध भी किया था कि मिट्‌टी तालाब की है और इसे यहां खोदे गए गड्ढों को दोबारा भरने के लिए यहीं छोड़ा जाना चाहिए. हालांकि ठेकेदार के कर्मियों ने उनकी एक नहीं सुनी.

ये भी पढ़ें- हरियाणा: तालाब में नहाने गये 3 स्कूली बच्चों की डूबने से मौत

पानीपत: बीते दो अगस्त को तालाब में डूबने से 3 बच्चों की मौत हो गई (three kids died in Panipat) थी. बच्चों की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने तालाब को बंद कराने की अपील प्रशासन से की थी. प्रशासनिक अधिकारियों ने तलाब को 7 दिन के अंदर पाटने का आश्वासन दिया था लेकिन 16 दिन बीत जाने के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी सुध लेने नहीं पहुंचा. जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से ठोस कदम न उठाए जाने पर ग्रामीणों ने खुद तालाब को भरने का बीड़ा उठा लिया.

गांव के लोगों ने चंदा इकट्‌ठा कर एकजुट होकर तालाब को भरने का काम शुरु कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि JCB का प्रतिदिन का खर्चा करीब 10 हजार रुपए आ रहा है और तालाब भराई का कार्य बीते चार दिन से चल रहा है. पानीपत गढ़ सरनाई गांव में दो अगस्त को तीन बच्चे जिनका नाम अभिषेक (16), हितेश (14) और नवीन (14) है, वह तालाब में डूब गए थे. इसके बाद अधिकारियों ने तालाब को बंद करने का निर्देश भी जारी किय था लेकिन समय अवधि बीतने के बाद भी किसी भी अधिकारी ने कोई सुध नहीं ली. ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए अपना रोष व्यक्त किया है.

तालाब में डूबने से बच्चों की मौत

घटनास्थल की दोबारा नहीं ली गई सुध: स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन की आंखें नहीं खुली हैं. इतने बड़े हादसे में भी सरकारी आश्वासन दे दिया गया. पूर्व सरपंच भी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. हादसा होने के बाद कोई भी प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं आया. दोबारा किसी ने सुध नहीं ली. जिसके चलते ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ रोष है. इसीलिए अब लोग खुद आगे आए हैं और एकजुट होकर इस तलाब को भरवा (Pond filling work started in Panipat) रहे हैं.

बच्चों को गहराई का अनुमान नहीं था: पानीपत गढ़ सरनाई गांव (Panipat Garh Sarnai Village) में रहने वाले रोहताश का बेटा अभिषेक, दिलबाग का बेटा हितेश और रविंद्र का बेटा नवीन तीनों दोस्त थे. नवीन नौवीं और अभिषेक और हितेश आठवीं कक्षा के छात्र थे. तीनों गढ़ सरनाई गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ाई करते थे. 2 अगस्त की दोपहर ढाई बजे स्कूल की छुट्‌टी होने के बाद तीनों दोस्त नहाने के लिए गांव के तालाब पर पहुंच गए. उस समय तालाब पर कई और बच्चे भी नहा रहे थे. गहराई का अंदाजा नहीं होने के चलते अभिषेक, हितेश और नवीन तालाब में ज्यादा अंदर चले गए और डूब (three children drowned in pond in panipat) गए.

सरकारी प्रोजेक्ट के ठेकेदार ने JCB से खोदे गड्ढे: पानीपत गढ़ सरनाई गांव के ग्रामाणों ने बताया कि गांव का यह तालाब काफी पुराना है. इसकी गहराई तकरीबन 3 फुट थी. एक सरकारी प्रोजेक्ट के तहत इस तालाब के पास वाटर पॉन्ड बनाने के लिए तीन महीने से खुदाई चल रही थी. बरसात के दौरान वाटर पॉन्ड के लिए खोदे जा रहे गड्ढे में पानी भर जाने से काम रुक गया था तो ठेकेदार ने JCB से तालाब में 15-15 फीट गहरे गड्ढे खुदवा दिए जिससे वाटर पॉन्ड वाली जगह भरा पानी तालाब में डाला जा सके. उस दौरान तालाब में गड्ढों की खुदाई के दौरान निकली मिट्‌टी ठेकेदार के लोग उठाकर ले गए. गांव वालों ने तब यह कहते हुए इसका विरोध भी किया था कि मिट्‌टी तालाब की है और इसे यहां खोदे गए गड्ढों को दोबारा भरने के लिए यहीं छोड़ा जाना चाहिए. हालांकि ठेकेदार के कर्मियों ने उनकी एक नहीं सुनी.

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Last Updated : Aug 19, 2022, 4:41 PM IST
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