पानीपत: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा के इनामी गैंगस्टर रणदीप कवि की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा पुलिस को उसके खिलाफ किसी भी तरह की सख्त कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. इसी के साथ हाई कोर्ट ने हरियाणा के डीजीपी, आईजी करनाल व पानीपत की पूर्व एसपी व वर्तमान में चंडीगढ़ की एसपी ट्रैफिक को 2 जुलाई के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
गैंगस्टर रणदीप कवि ने सुरक्षा की मांग करते हुए हाई कोर्ट को बताया कि उसे पानीपत पुलिस से जान को खतरा है. पानीपत के पूर्व डीएसपी जो इस समय करनाल में तैनात हैं और सीआईए स्टाफ, पानीपत राजनीतिक नेताओं के इशारे पर उसका एनकाउंटर कर सकते हैं.
बहस के दौरान याची के वकील ने बेंच को बताया कि पानीपत रिफाइनरी के एक अधिकारी को अगवा करने के एक मामले में एक अभियुक्त के बयानों पर उसके खिलाफ भी पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया. कोर्ट को बताया गया कि उसके खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, वह आधारहीन हैं और पुलिस के पास उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है.
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बहस के दौरान पुलिस की तरफ से आरोप लगाया गया कि रणदीप कुख्यात गैंगस्टर है. इस पर दर्जन भर मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस के इस आरोप पर रणदीप के वकील ने कहा कि वह सभी मामलों में बरी हो चुका है. पुलिस उसे केवल राजनीतिक दबाव के चलते निशाना बनाकर उसका एनकाउंटर करना चाह रही है. यही कारण है कि उसे इनामी बदमाश घोषित कर उस पर 50 हजार रुपये इनाम रख दिया.
कोर्ट से आग्रह किया गया कि वो पुलिस द्वारा उसे इनामी बदमाश घोषित करने के आदेश पर भी रोक लगाए व उसकी सुरक्षा का प्रबंध किया जाए. हाई कोर्ट की जस्टिस जयश्री ठाकुर ने सभी प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी कर आदेश दिया कि वो याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई सख्त कदम न उठाएं.
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