पानीपत: फिल्म पानीपत रिलीज होने के बाद अब इसका बहिष्कार होना शुरू हो गया है. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने इस फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है.
समिति के सदस्यों ने कहा कि हाल ही में रिलीज हुई फिल्म पानीपत में महाराजा सूरजमल के बारे में गलत तथ्य दिखाकर उनके चरित्र व सम्मान को नीचा दिखाने का काम किया है. फिल्म निर्माता द्वारा ऐसा नीच कृत्य करने पर पूरे जाट समाज के साथ पूरे उत्तर भारत के लोगों में भारी रोष है.
ये भी पढ़िए: नूंह में मुधमक्खियां लाएंगी रोजगार की बयार! फल-फूल सकता है शहद का व्यापार
आज कार्यकारिणी ने कड़े फैसले लिए उन्होंने मांग की है कि हरियाणा सरकार तुरंत प्रभाव से पानीपत फिल्म पर प्रतिबंध लगाए तथा फिल्म निर्माता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे. जिसको लेकर कल संघर्ष समिति द्वारा सरकार को पानीपत उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जाएगा.
इसके साथ ही जाट समाज के सभी लोगों से आरक्षण समिति के लोगों ने अपील की है कि वे भाईचारा कायम रखे और फिल्म का बहिष्कार किसी सिनेमाघर में जाकर ना करें. अगर कोई ऐसा करता है तो वह स्वयं ही उसका जिम्मेदार होगा.
बता दें कि पानीपत के खिलाफ लोगों का गुस्सा इसलिए फूटा है क्योंकि ऐसा आरोप लग रहा है कि फिल्म में इतिहास के साथ छेड़खानी करने की कोशिश की गई है. फिल्म में महाराजा सूरजमल की छवि को गलत ढंग से दिखाया गया है. खुद को महाराजा सूरजमल का वंशज बताने वाले राजस्थान सरकार में मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई है. उनकी मानें तो पानीपत बनाते समय इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है.
ये भी पढ़िए: फिल्म 'पानीपत' को लेकर सिनेमाघर में तोड़फोड़, हिरासत में 5 युवक