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इस गांव में युवाओं की नहीं हो रही शादी, वजह जानकर आप हैरान हो जाएंगे

पानीपत जिले में एक ऐसा गांव है जहां अब लड़कों के लिए रिश्ते आने भी बंद हो गए हैं. गांव में बने सीमेंट प्लांट के कारण यहां का पानी प्रदूषित हो चुका है और कोई भी व्यक्ति अपनी लड़की की शादी यहां करना भी पसंद नहीं करता.

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Published : Jul 4, 2019, 10:30 AM IST

Updated : Jul 4, 2019, 1:26 PM IST

पानीपत: प्रदूषण के कारण लोग बीमार पड़ते हैं ये तो हम जानते हैं लेकिन प्रदूषण की वजह से लड़के कुंवारे भी रहने को मजबूर हैं क्या कोई ये सोच भी सकता है? पानीपत से महज 7 किलोमीटर दूर गांव खुखराना में 250 परिवारों में से करीब 100 से ज्यादा परिवार पलायन कर चुके हैं.

गांव के लोगों का कहना है कि गांव में बने सीमेंट प्लांट के कारण कोई भी व्यक्ति अपनी लड़की की शादी यहां करना भी पसंद नहीं करता. इसके आलावा हर ग्रामीण किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त है. ग्रामीणों में चर्म रोग, खुजली, दमा, आखों की बीमारियां, बच्चों में टीबी की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियां फैल चुकी हैं. ये बीमारियां किसी प्राकृतिक कारणों से नहीं है. इन ग्रामीणों को ये बीमारी बांटी गई है.

यहां देखें वीडियो.

इस थर्मल प्लांट के कारण यहां का पानी पूरी तरह दूषित हो चुका है. ग्रामीणों ने इस गंभीर समस्या को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया. हाई कोर्ट ने प्रशासन को आदेश दिया था कि इस गांव को शिफ्ट किया जाए. 2011 में ग्रामीण केस जीत चुके थे. लेकिन उनके गांव को शिफ्ट नहीं किया गया.

यहां पानी इतना गंदा है कि उसके आगे आरओ भी फेल हो गए हैं. प्रदूषण के कारण ना कोई पिता अपनी बेटी की शादी इस गांव में करना चाहता है और ना ही कोई लड़की इस गांव में आना चाहती है. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन और सरकार की तरफ से ढील की जा रही है. गांव वाले उम्मीद लगाए बैठे है कि उनका गांव जल्द शिफ्ट होगा और उनके घरों में भी शहनाई बजेगी.

पानीपत: प्रदूषण के कारण लोग बीमार पड़ते हैं ये तो हम जानते हैं लेकिन प्रदूषण की वजह से लड़के कुंवारे भी रहने को मजबूर हैं क्या कोई ये सोच भी सकता है? पानीपत से महज 7 किलोमीटर दूर गांव खुखराना में 250 परिवारों में से करीब 100 से ज्यादा परिवार पलायन कर चुके हैं.

गांव के लोगों का कहना है कि गांव में बने सीमेंट प्लांट के कारण कोई भी व्यक्ति अपनी लड़की की शादी यहां करना भी पसंद नहीं करता. इसके आलावा हर ग्रामीण किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त है. ग्रामीणों में चर्म रोग, खुजली, दमा, आखों की बीमारियां, बच्चों में टीबी की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियां फैल चुकी हैं. ये बीमारियां किसी प्राकृतिक कारणों से नहीं है. इन ग्रामीणों को ये बीमारी बांटी गई है.

यहां देखें वीडियो.

इस थर्मल प्लांट के कारण यहां का पानी पूरी तरह दूषित हो चुका है. ग्रामीणों ने इस गंभीर समस्या को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया. हाई कोर्ट ने प्रशासन को आदेश दिया था कि इस गांव को शिफ्ट किया जाए. 2011 में ग्रामीण केस जीत चुके थे. लेकिन उनके गांव को शिफ्ट नहीं किया गया.

यहां पानी इतना गंदा है कि उसके आगे आरओ भी फेल हो गए हैं. प्रदूषण के कारण ना कोई पिता अपनी बेटी की शादी इस गांव में करना चाहता है और ना ही कोई लड़की इस गांव में आना चाहती है. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन और सरकार की तरफ से ढील की जा रही है. गांव वाले उम्मीद लगाए बैठे है कि उनका गांव जल्द शिफ्ट होगा और उनके घरों में भी शहनाई बजेगी.

Intro: एंकर --पानीपत का एक ऐसा गांव जहां पर हर कोई व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त है। इस गांव में वाटर लेवल इतना ऊपर है कि लोगों के घरों में दरार आ गई हैं और साथ में ही थर्मल प्लांट व् सीमेंट का प्लांट लगा हुआ है जिसकी राखी से लोग बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं खुजली एलर्जी दमा सांस की प्रॉब्लम आंखों की प्रॉब्लम विभिन्न प्रकार की बीमारियों से लोग परेशान हैं। यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चों को टीबी हो चुकी है हालत यह हो गई है कि 100 से ज्यादा घर इस गांव से पलायन कर चुके हैं। इस गांव में कोई भी व्यक्ति अपनी लड़की की शादी करना भी पसंद नहीं करता जो कि गांव वालों के लिए एक बड़े ही दुख की बात है।

Body:वीओ--- पानीपत से महज 7 किलोमीटर दूर गांव खुकराना में ऐसे हालात बने हुए हैं कि गांव में जिसका वाटर लेवल इतना बढ़ गया है जिसके कारण लोगों के घरों में दरारें आ गई हैं और लोग घरों को खाली करके शहर में या कई अन्य जगह जाकर रहने को मजबूर हैं। इसके साथ ही गांव के साथ ही थर्मल प्लांट व् सीमेंट का प्लांट है जिसकी राख से लोग घर के बाहर भी नहीं सो सकते बच्चे खुले में नहीं खेल सकते यहां तक कि पानी में नहाने से उनको एलर्जी या चमड़ी के रोग हो जाते हैं। ग्रामीणों का दुख है कि उन्हें यहां से पलायन करना पड़ता है इसके साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वह बाहर जाकर रह सके जिन लोगों के पास पैसे का कुछ इंतजाम था वह लोग बाहर जाकर रहने लगे हैं। 100 से घर अधिक यहां से पलायन कर चुके हैं जबकि गांव में कुल 250 घर है। बच्चों की शादी नहीं होती सरकारे तो बदली लेकिन लोगों की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ जिसके बाद ग्रामीणों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाई कोर्ट द्वारा आदेश दिए गए कि इस गांव को शिफ्ट किया जाए 2011 में वह कोर्ट से केस जीते थे और उन्हें 40 एकड़ जमीन रहने के आदेश दिए गए थे। लेकिन वह जमीन भी आज तक खाली पड़ी हुई है उनके गांव को सिफ़्त नहीं किया गया। लोगों का आरोप है कि प्रशासन व सरकार द्वारा ढ़ील की जा रही है। गांव वाले उम्मीद लगाए बैठे है कि उनका गांव कब शिफ्ट होगा इसके साथ ही गांव की महिलाओं का कहना है कि छोटे-छोटे बच्चों को एलर्जी व सांस लेने में दिक्कत आती है जिसका मुख्य कारण पलूशन है। बच्चे एलर्जी टीबी व चमड़ी के रोग जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं हवा के अंदर इतना पलूशन है कि बच्चे से लेकर बूढ़े तक इसकी चपेट में आ गए हैं. बहुत बार शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन समस्या जैसे की तैसे ही बनी हुई है। लोगों का कहना है कि सबसे बड़ी दुख की बात थर्मल व् सीमेंट का प्लांट है पीने लायक पानी नहीं है नल के में गंदा पानी आता है जिसको पीने से बीमारी होती हैं। पानी इतना गंदा है कि उसे आरो भी उसे साफ नहीं कर सकता। देखना होगा कि इन लोगों की समस्या का कब तक समाधान हो पाएगा।
Conclusion:बाइट --नीलम -प्रेमो -फूलवती -सुमन
वन टू वन -अनिल कुमार
Last Updated : Jul 4, 2019, 1:26 PM IST
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