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पानीपत के उद्योगपतियों की मांग: फैक्ट्रियों तक एसटीपी प्लांट का पानी जल्द पहुंचाया जाए - पानीपत के उद्योगपतियों की मांग

हरियाणा के जिला पानीपत में पब्लिक हेल्थ ने सेक्टर 25 में पानी स्टोरेज टैंक तक 13 करोड़ की लागत से पाइपलाइन बिछाने का प्रोजेक्ट तो तैयार किया (Industrialist on panipat stp plan of 13 crores) है, लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों के ढीले रवैए से यह अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाया है. जिससे रोजाना पानीपत के एसटीपी प्लांट से तीन करोड़ लीटर पानी साफ होकर फिर ड्रेन में बहाया जा रहा है. ऐसे में उद्योगपतियों ने मांग की है की फैक्ट्रियों तक एसटीपी प्लांट का पानी जल्द पहुंचाया जाए उसे वेस्ट न किया (Industrialist demand STP plant water delivered to factories) जाए.

Industrialist on panipat stp plan of 13 crores
पानीपत के उद्योगपतियों की मांग
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Published : Sep 11, 2022, 10:52 AM IST

पानीपत: औद्योगिक नगरी पानीपत को रोजाना हजारों एमएलडी पानी की जरूरत पड़ती है. रोजाना इन फैक्ट्रियों में भूमिगत जल से ही आपने डाई हाउस चलाने पड़ रहे हैं. उद्योगपतियों ने सरकार से मांग भी की है कि उन्हें जिले में लगे एसटीपी प्लांट से साफ किया गया पानी पाइप लाइन द्वारा मिल जाए तो वह भूमिगत पानी की बड़ी मात्रा में बचत हो सकती है (Demand of industrialists of Panipat) और उद्योगपति एसटीबी से निकलने वाले पानी का पैसा देने के लिए भी तैयार है लेकिन एसटीपी प्लांट से निकलने वाला साफ पानी फिर ट्रेन नंबर 2 में बहा दिया जाता (panipat stp plan of 13 crores) है.

पानीपत के उद्यमियों को एसटीपी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में साफ किया गया पानी अगर मिलता है तो भूमिगत जल की बचत तो होगी ही साथ उन्हें भी इसका फायदा बड़ी मात्रा में मिलेगा. इसके लिए पब्लिक हेल्थ ने सेक्टर 25 में पानी स्टोरेज टैंक तक 13 करोड़ की लागत से पाइपलाइन बिछाने का प्रोजेक्ट तो तैयार किया है पर अधिकारियों और कर्मचारियों के ढीले रवैए से यह अभी सिरे नहीं चढ़ पाया (Industrialist on panipat stp plan of 13 crores) है.

डाइंग एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भीम राणा ने बताया कि 4 साल पहले से ही पानीपत के उद्यमी मांग करते आ रहे हैं कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाला पानी सप्लाई कर दिया जाए. जिसके वह पैसे भी देने के लिए तैयार है. जब यह प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री के सामने रखा गया तो उन्होंने भी मंजूरी दे दी थी, लेकिन अधिकारियों के ढीले रवैए से फिर फाइलें दबकर रह जाती हैं और रोजाना पानीपत के एसटीपी प्लांट से तीन करोड़ लीटर पानी साफ होकर फिर ड्रेन में बहाया जा रहा है.

भीम राणा ने बताया कि उद्योगपति पाइप लाइन पर लगने वाले 8 से 10 करोड़ का खर्च भी वहन करने के लिए तैयार हैं लेकिन अधिकारी है कि फाइलों को फिर दबा देते हैं. उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले उनकी बड़े लेवल पर मीटिंग हुई है. जिसमें ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी की चैयरमेन के केशनी आनंद भी शामिल थे और विभागों के बड़े बड़े अधिकारी भी उन्होंने पानीपत इंडस्ट्रीज का पक्ष रखते हुए यही मांग की की फैक्ट्रियों तक एसटीपी प्लांट का पानी जल्द पहुंचाया जाए उसे वेस्ट न किया (Industrialist demand STP plant water delivered to factories) जाए.

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पानीपत: औद्योगिक नगरी पानीपत को रोजाना हजारों एमएलडी पानी की जरूरत पड़ती है. रोजाना इन फैक्ट्रियों में भूमिगत जल से ही आपने डाई हाउस चलाने पड़ रहे हैं. उद्योगपतियों ने सरकार से मांग भी की है कि उन्हें जिले में लगे एसटीपी प्लांट से साफ किया गया पानी पाइप लाइन द्वारा मिल जाए तो वह भूमिगत पानी की बड़ी मात्रा में बचत हो सकती है (Demand of industrialists of Panipat) और उद्योगपति एसटीबी से निकलने वाले पानी का पैसा देने के लिए भी तैयार है लेकिन एसटीपी प्लांट से निकलने वाला साफ पानी फिर ट्रेन नंबर 2 में बहा दिया जाता (panipat stp plan of 13 crores) है.

पानीपत के उद्यमियों को एसटीपी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में साफ किया गया पानी अगर मिलता है तो भूमिगत जल की बचत तो होगी ही साथ उन्हें भी इसका फायदा बड़ी मात्रा में मिलेगा. इसके लिए पब्लिक हेल्थ ने सेक्टर 25 में पानी स्टोरेज टैंक तक 13 करोड़ की लागत से पाइपलाइन बिछाने का प्रोजेक्ट तो तैयार किया है पर अधिकारियों और कर्मचारियों के ढीले रवैए से यह अभी सिरे नहीं चढ़ पाया (Industrialist on panipat stp plan of 13 crores) है.

डाइंग एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भीम राणा ने बताया कि 4 साल पहले से ही पानीपत के उद्यमी मांग करते आ रहे हैं कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाला पानी सप्लाई कर दिया जाए. जिसके वह पैसे भी देने के लिए तैयार है. जब यह प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री के सामने रखा गया तो उन्होंने भी मंजूरी दे दी थी, लेकिन अधिकारियों के ढीले रवैए से फिर फाइलें दबकर रह जाती हैं और रोजाना पानीपत के एसटीपी प्लांट से तीन करोड़ लीटर पानी साफ होकर फिर ड्रेन में बहाया जा रहा है.

भीम राणा ने बताया कि उद्योगपति पाइप लाइन पर लगने वाले 8 से 10 करोड़ का खर्च भी वहन करने के लिए तैयार हैं लेकिन अधिकारी है कि फाइलों को फिर दबा देते हैं. उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले उनकी बड़े लेवल पर मीटिंग हुई है. जिसमें ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी की चैयरमेन के केशनी आनंद भी शामिल थे और विभागों के बड़े बड़े अधिकारी भी उन्होंने पानीपत इंडस्ट्रीज का पक्ष रखते हुए यही मांग की की फैक्ट्रियों तक एसटीपी प्लांट का पानी जल्द पहुंचाया जाए उसे वेस्ट न किया (Industrialist demand STP plant water delivered to factories) जाए.

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