पानीपत: ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा (Gold medalist Neeraj Chopra) ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि बच्चे अपने मन में जब ये सोचने लग जाते हैं कि जब यह काम नीरज चोपड़ा कर सकता है तो हम क्यों नहीं, तो उनके मन में जो भावनाएं पनपती हैं वह उनको बयान नहीं कर सकते. इस खास अनुभुति से उनके अंदर और आगे बढ़ने की प्रेरणा जाग्रति करती है.
बता दें कि गोल्डन मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा शुक्रवार को अचानक उपायुक्त सुशील सारवान के कार्यालय पहुंचे (Panipat Deputy Commissioner office) थे. कार्यालय में उपस्थित लोग नीरज चोपड़ा को अपने बीच पाकर फूले नहीं समाएं. नीरज चोपड़ा ने बहुत सारे अनुभव कई अधिकारियों के साथ साझा किए. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने शरीर के लिए हर रोज कुछ समय अवश्य निकालना चाहिए.
उन्होंने मिल्खा सिंह का उदाहरण देते हुए (Neeraj Chopra shared experience) कहा कि वे 90 वर्ष की उम्र में भी सुबह 4 से 5 बजे तक अपना बिस्तर छोड़ देते थे और सैर करने के लिए जाते थे. उन्होंने कहा कि वे जब भी कहीं जाते हैं तो इसी बात पर जोर देते हैं कि बच्चें किसी भी क्षेत्र में जाएं वहां पर जी तोड़ मेहनत (Experience of Gold Medalist Neeraj Chopra) करें. मेहनत का कोई पर्याय नही है.
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