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जिस ग्राउंड पर पिता करते थे सफाई, उसी ग्राउंड पर खेलकर बेटी बन गई 'स्टार' - सीनियर हॉकी टीम

जिले में 15 सालों से जिस मैदान पर रीत के पिता सफाई करते आ रहे हैं. उसी मैदान में खेल की बारिकियां राष्ट्रीय जूनियर हॉकी टीम में चुनी गई और देश का मान बढ़ाया

पीएम मोदी ने बढ़ाया रीत का हौसला
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Published : Jun 24, 2019, 1:52 PM IST

Updated : Jun 24, 2019, 2:27 PM IST

कुरुक्षेत्र: वो कहते हैं कि जब आपका हौसला बुलंद होता है तो आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता है. चाहे परिस्थितियां कैसी भी हो. कुछ ऐसा ही कुछ कर दिखाया है कुरुक्षेत्र के शाहबाद की रीत ने. 15 सालों से जिस मैदान पर रीत के पिता सफाई करते आ रहे हैं. उसी मैदान पर खेलते हुए रीत ने जीत हासिल की और अपने पिता नाम रौशन किया.

क्लिक कर देखें वीडियो

पीएम मोदी ने बढ़ाया हौसला
मेहनत कर लंबा सफर तय कर रीत जब राष्ट्रीय जूनियर हॉकी टीम में चुनी गई तो पिता ओमप्रकाश की आंखों में खुशी के आंसू आ गए. इतना ही नहीं भारत लौटने पर दिल्ली में पीएम मोदी ने रीत से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया.

सीनियर हॉकी टीम का अभ्यास कर रहीं रीत
रीत जूनियर हॉकी टीम की खिलाड़ी है और अमृतसर में सीनियर हॉकी टीम के लिए अभ्यास कर रही हैं. पिता ओमप्रकाश ने बताया कि रीत के कोच बलदेव सिंह ने उनकी हरसंभव मदद की है.

पिता ने बेटी की हर जरूरतों का रखा ख्याल
वहीं रीत की मां सोनिया बताती हैं कि किसी तरह मेहनत-मजदूरी कर के उन्होंने अपनी बेटी को इस मुकाम पर पहुंचाया और उसकी हर जरूरतों का ख्याल रखा.

उड़ान भरने की तैयारी कर रही रीत
फिलहाल रीत अभी अपने सपनों की उड़ान भरने की तैयारी कर रही हैं और जल्द ही सीनियर हॉकी के अभ्यास के लिए बेंगलुरु जाएंगी.

कुरुक्षेत्र: वो कहते हैं कि जब आपका हौसला बुलंद होता है तो आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता है. चाहे परिस्थितियां कैसी भी हो. कुछ ऐसा ही कुछ कर दिखाया है कुरुक्षेत्र के शाहबाद की रीत ने. 15 सालों से जिस मैदान पर रीत के पिता सफाई करते आ रहे हैं. उसी मैदान पर खेलते हुए रीत ने जीत हासिल की और अपने पिता नाम रौशन किया.

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पीएम मोदी ने बढ़ाया हौसला
मेहनत कर लंबा सफर तय कर रीत जब राष्ट्रीय जूनियर हॉकी टीम में चुनी गई तो पिता ओमप्रकाश की आंखों में खुशी के आंसू आ गए. इतना ही नहीं भारत लौटने पर दिल्ली में पीएम मोदी ने रीत से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया.

सीनियर हॉकी टीम का अभ्यास कर रहीं रीत
रीत जूनियर हॉकी टीम की खिलाड़ी है और अमृतसर में सीनियर हॉकी टीम के लिए अभ्यास कर रही हैं. पिता ओमप्रकाश ने बताया कि रीत के कोच बलदेव सिंह ने उनकी हरसंभव मदद की है.

पिता ने बेटी की हर जरूरतों का रखा ख्याल
वहीं रीत की मां सोनिया बताती हैं कि किसी तरह मेहनत-मजदूरी कर के उन्होंने अपनी बेटी को इस मुकाम पर पहुंचाया और उसकी हर जरूरतों का ख्याल रखा.

उड़ान भरने की तैयारी कर रही रीत
फिलहाल रीत अभी अपने सपनों की उड़ान भरने की तैयारी कर रही हैं और जल्द ही सीनियर हॉकी के अभ्यास के लिए बेंगलुरु जाएंगी.

Intro:कुरुक्षेत्र के खंड शाहाबाद जिसे हॉकी के खिलाड़ियों की जन्म भूमि कहा जाता है यहां एक के बाद एक नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी देश का नाम रोशन करते हैं इसी खंड की रहने वाली एक रीत जोकि राष्ट्र की जूनियर हॉकी टीम के खिलाड़ी है यह खानी 1 पिता के संघर्ष और बेटी के हौसले की है 15 सालों से जिस मैदान पर पिता को ग्राउंड मैन के रूप में कभी सफाई तो कभी गेट बंद करते देखा उसी पर खेलकर बेटी ने सफलता हासिल कर अपने पिता का नाम ऊंचा किया वह है हॉकी जूनियर टीम की खिलाड़ी रीत। फिलहाल रीत अमृतसर मैं अपने कोच बलदेव सिंह के साथ कैंप पर सीनियर हॉकी टीम के लिए अभ्यास कर रही है।

रीत के पिता ओमप्रकाश ने बताया कि व कुरुक्षेत्र के शाहबाद में हाकी मैदान पर अस्थाई ग्राउंड मैन के तौर पर कार्यरत है वह काम के दौरान रीत की मौसी को हॉकी के ग्राउंड मैं खेलते देखता था और खेलों से ही रीत की मौसी आज हरियाणा के अम्बाला जिले में डीएसपी के पद पर कार्यरत है तो दिल और दिमाग में इसी जुनून के साथ थमा दी अपनी बेटे के हाथों में हॉकी की स्टिक इसी मैदान पर हाथी सीखी और बारीकियों के बारे में जानकर गरीबी और अभाव से संघर्ष करते हुए पिता ने वह सब किया जो वह कर सकता



Body:पिता ओमप्रकाश ने बताया कि कोच बलदेव सिंह ने उनकी हरसंभव मदद की और आज बेटी की सफलता का श्रेय कहीं ना कहीं उनके कोच बलदेव सिंह को भी जाता है भावुक हुए ओमप्रकाश ने कहा कि गरीबी के चलते वह अपनी बेटी को जूते तक नहीं दिला सकता था कोच बलदेव सिंह उनकी हरसंभव मदद करते थे
रीत की मां सोनिया ने बताया कि उसके पति ओमप्रकाश हॉकी ग्राउंड में एक चपरासी के तौर पर कार्यरत है जिन की तनख्वाह ₹5000 मात्र है तो बेटी की जरूरत को देखते हुए वह भी फैक्ट्री मजदूरी हर सुविधा दी।


Conclusion:मेहनत कर लंबा सफर तय कर रीत राष्ट्रीय जूनियर हॉकी टीम में चुनी गई तो पिता ओमप्रकाश की आंखों में खुशी के आंसू बह निकली यूथ ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन को देखा कि इंडिया ने रीत को ₹1000000 की राशि प्रदान की
वर्ष 2018 7 से 14 अक्टूबर तक अर्जेंटीना में हुए यूथ ओलंपिक में उम्दा प्रदर्शन करने वाली शाहबाद की हाकी खिलाड़ी को ₹1000000 की राशि पुरस्कार स्वरूप हॉकी इंडिया से मिलती है यह राशि 3 दिन पहले ही रि के खाते में आई है बारात उन्हें प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल हासिल किया था प्रतियोगिता में जीतने साथ गोल दागकर प्रतिद्वंदी टीम को पसीने छुड़ाए थे भारत लौटने पर दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात कर रीत का हौसला को ओर भी बढ़ाया
फिलहाल अपने कोच बलदेव सिंह के साथ रीत पंजाब में अपनी बीए की परीक्षा दे रही है और उसके बाद सीनियर हॉकी टीम मैं खेलने के अभ्यास के लिए बेंगलुरु जाएंगी

बाईट:-ओमप्रकाश
बाईट:-सोनिया
Last Updated : Jun 24, 2019, 2:27 PM IST
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