करनाल: मॉनसून आने के बाद पानी हर रूप में कहर बन कर जगह-जगह सामने आ रहा है. सोमवार को यमुना नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर 8 लाख 28 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया. जिसकी वजह से आसपास के गांव और घरों में पानी भर गया है. जप्ती, छपरा नबियाबाद, डेरा हलवाना और रोड़ान, सैयद छपरा समेत इंद्री हलके के करीब दर्जनभर गांव बाढ़ की चपेट में आ गए.
लोगों के घरों में और सड़कों पर 4 से 5 फीट पानी भर गया है. हालात इतने गंभीर हैं कि लोग छत पर बैठ कर अपने घरों को डूबते हुए देख रहे हैं. इतना ही नहीं बहते पानी की वजह से सड़कें और संचार लाइनों पर भी असर पड़ा है. जहां सड़कें दिखाई देनी चाहिए वहां सिर्फ पानी ही पानी नज़र आ रहा है. परिणामस्वरूप, कई गांव का एक दूसरे से संपर्क टूट गया है. बढ़ते पानी की इस स्तिथि से जन जीवन के साथ-साथ फसलें भी खतरे में आ गई हैं.
इतनी गंभीर स्तिथि बन जाने के बावजूद लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से अभी तक किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली है, ना ही प्रशासन ने लोगों को परिस्तिथि से बाहर निकालने का इंतजाम किया है. अगर ऐसे ही यमुना नदी का पानी उफान पर रहा तो हालात इससे भी ज्यादा खराब हो सकते हैं.