करनाल : विजिलेंस की टीम (Karnal Vigilance Team) ने एजी विभाग के दो कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि कर्मचारियों ने रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के परिजनों से रिश्वत मांगी थी. यही नहीं कर्मचारियों ने शिकायतकर्ता से 40 हजार एडवांस भी ले चुके थे. विजिलेंस की टीम ने आरोपी के पास से 1 लाख नकद और 2 लाख 50,000 के चेक के साथ दोनों को गिरफ्तार (Vigilance team caught two accused in karnal) कर लिया है.
बता दें कि करनाल विजिलेंस की टीम ने बीते सोमवार की देर रात एजी विभाग के दो कर्मचारियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों में एक घरौंडा में तैनात डाटा एंट्री ऑपरेटर है और दूसरा असिस्टेंट एकाउंट अफसर बताया जा रहा है.
इन दोनों पर रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के परिजनों से 13.50 लाख रुपये का पेंशन ऋण दिलाने के नाम पर चार लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है. सोमवार देर रात को करनाल चिड़ाव मोड़ (irradiation area karnal) पर शिकायतकर्ता को 2.50 लाख रुपये चेक व एक लाख रुपये नगद लेकर बुलाया गया था. तभी रिश्वत लेते एक आरोपी को विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. वहीं खुलासा होने के बाद दूसरे आरोपी को जींद से गिरफ्तार किया गया है.
गौरतलब है कि करनाल के पुलिस इंस्पेक्टर की मृत्यु के बाद से उनकी पेंशन उनके परिजनों को मिल रही थी. बेटे विकास को पैसे की जरूरत पड़ने पर उसने ग्रेजुएटी व कम्युटेड वैल्यू ऑफ पेंशन लोन के तहत 13.50 लाख रुपये का ऋण लेने के लिए आवेदन किया था. स्टेट विजीलेंस ब्यूरो करनाल के इंस्पेक्टर सचिन कुमार ने बताया कि उनके पास शिकायत आई कि शिकायतकर्ता ने 13.50 लाख रुपये के कम्युटेड वैल्यू ऑफ पेंशन के तहत लोन लेने के लिए आवेदन किया, लेकिन एजी विभाग के घरौंडा में डीसी रेट पर नोकरी कर रहे डाटा इंट्री ऑपरेटर दीपक कुमार ने लोन दिलवाने की एवज में उससे चार लाख रुपये की रिश्वत की डिमांड की थी.
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