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क्या है आरटीई और 134ए का पेंच, अपने बच्चे के दाखिले को लेकर यहां जानिए सबकुछ - admission under RTE and 134A in haryana

हरियाणा में गरीब बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिले के लिए बने विवादित नियम 134ए को खत्म (134A abolished in haryana) कर दिया गया है. इस नियम को लेकर निजी स्कूल लगातार विरोध कर रहे थे और सरकार पर दबाव डाल रहे थे. अब सरकार का कहना है कि बच्चों का एडमिशन राइट टू एजुकेशन एक्ट (RTE) के तहत होगा. लेकिन अभिभावक 134ए और RTE के उलझे हुए पेंच नहीं समझ पा रहे हैं. आइये आपको बताते हैं कि आखिर सरकार ने क्या फैसला लिया है. बच्चों का एडमिशन कैसे होगा.

right to education act in haryana
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Published : Apr 14, 2022, 8:13 PM IST

Updated : Apr 15, 2022, 12:48 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर) बच्चों को निजी क्षेत्र के स्कूलों में दाखिला देने के लिए शिक्षा नियमावाली की धारा 134ए लागू थी. इसके तहत हर स्कूल में 10 फीसदी सीटें गरीब परिवार के बच्चों के लिए निर्धारित थी. इस नियम के तहत बच्चा 12वीं तक की अपनी पढ़ाई पूरी कर सकता था. 134ए के तहत बच्चों की फीस निजी स्कूलों को सरकार की तरफ से दी जाती थी. लेकिन सरकार ने कुछ दिनों पहले हरियाणा में नियम 134ए (what is 134a in haryana) को खत्म करने की घोषणा कर दी. उसके बाद सवाल खड़ा हुआ कि राइट-टू-एजुकेशन (RTE) कानून पहली क्लास से लागू होगा. 134ए के तहत पढ़ रहे जो बच्चे ऊपर के क्लास में पहुंच चुके हैं उनका क्या होगा.

इसी 134ए और आरटीई के पेंच को कई अभिभावक नहीं समझ पा रहे हैं. हलांकि शिक्षा मंत्री कंपरवाल गुर्जर की ओर से यह बयान दिया गया कि नियम 134ए को तुरंत प्रभाव से खत्म नहीं किया जाएगा. बल्कि साल दर साल 1-1 कक्षा को खत्म किया जाएगा. ताकि आने वाले 10-11 सालों में यह पूरी तरह से खत्म हो जाए और इसके खत्म होने से किसी बच्चे की पढ़ाई पर भी इसका असर न पड़े. ऐसे में गरीब बच्चों के अभिभावकों के बीच बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उनके बच्चों का दाखिला शिक्षा के अधिकार कानून के तहत (admission under RTE and 134A in haryana) होगा या फिर नियम 134ए के तहत. यहां हम आपको सिलसिलेवार तरीके से बता रहे हैं कि कौन सा कानून क्या है. बच्चे का एडमिशन कैसे होगा.

क्या है राइट टू एजुकेशन एक्ट- राइट टू एजुकेशन (RTE) एक्ट केंद्र सरकार की योजना है. जिसमें हर स्कूल में 25 फीसदी गरीब घरों के बच्चों का दाखिला होगा. ताकि गरीब बच्चों को भी निजी स्कूलों में पढ़ने का मौका मिल सके. इसके तहत दी जाने वाली फीस में 60 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार देगी और 40 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार देगी. इसमें बच्चों को अपने घर के पास स्थित किसी भी निजी स्कूल में पढ़ने का मौका मिलेगा. राइट-टू-एजुकेशन एक्ट के तहत बच्चों का दाखिला सिर्फ पहली क्लास से ही होगा और 12वीं क्लास तक बच्चा इसी के तहत पढ़ाई करेगा. जिसमें उसकी सारी फीस सरकार वहन करेगी.

ये भी पढ़ें-134ए खत्म किए जाने से फरीदाबाद के लोग नाखुश, बोले इससे तो अच्छी दिल्ली की AAP की सरकार है

क्या है नियम 134ए- अभी तक प्रदेश में प्रदेश सरकार की शिक्षा नियमावली का नियम 134 ए लागू था. जिसमें हर निजी स्कूल को 10 फीसदी गरीब बच्चों को दाखिला देना जरूरी थी. इसमें बच्चे का सारा खर्च राज्य सरकार ही वहन कर रही थी. इसमें बीपीएल परिवार या जिनकी वार्षिक आय 2 लाख से कम है उन माता-पिता के बच्चे इस योजना का लाभ उठा रहे थे. हालांकि इसको लेकर सरकार और निजी स्कूलों के बीच हमेशा खींचतान चलती रही. निजी स्कूल फीस का पैसा सरकार से नहीं मिलने का आरोप लगाते रहे और 10 फीसदी सीट गरीब बच्चों को देने के लिए राजी नहीं थे. इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुए. अब प्रदेश में राइट-टू-एजुकेशन एक्ट शुरू करके 134ए को खत्म करने की घोषणा कर दी.

134A abolished in haryana
134ए में दाखिला ना मिलने पर प्रदर्शन करते बच्चे

आरटीई के तहत कैसे मिलेगा दाखिला- इस साल जिन बच्चों का दाखिला पहली क्लास में होगा और उनके माता-पिता बीपीएल या ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आते हैं या उनके माता-पिता की आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है. ऐसे परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा. ‌ इस योजना के तहत बच्चे का पहली क्लास में दाखिला होगा और 12वीं क्लास तक वह बच्चा इस योजना के तहत अपनी पढ़ाई जारी रख सकेगा. यानी बच्चे की पढ़ाई निजी स्कूल में होगी लेकिन उसकी फीस सरकार देगी.

नियम 134ए कैसे खत्म होगा- प्रदेश में राइट टू एजुकेशन शुरू होने के बाद जो बच्चे नियम 134 ए के तहत पढ़ाई कर रहे थे अब उनके माता-पिता इस असमंजस में है कि अब उनके बच्चे कौन सी योजना के तहत पढ़ाई करेंगे. क्योंकि सरकार ने पहले 130ए खत्म करने की घोषणा कर दी थी और यह भी कहा था कि राइट-टू-एजुकेशन एक्ट (RTE) के तहत पहली क्लास से ही बच्चों के दाखिले हो सकते हैं.

इस असमंजस की स्थिति को खत्म करने के लिए सरकार ने यह कहा है कि जो बच्चे फिलहाल 134ए के तहत पढ़ाई कर रहे हैं उनकी बढ़ाई जारी रहेगी. यानी दूसरी क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक जो बच्चे नियम 134 ए के तहत पढ़ रहे हैं उनकी पढ़ाई उसी के तहत चलती रहेगी. 134ए को तुरंत प्रभाव से खत्म नहीं किया जाएगा. बल्कि इसे साल दर साल एक क्लास से खत्म किया जाएगा. ताकि कोई भी गरीब बच्चा दाखिले से वंचित ना रह जाए. क्योंकि राइट-टू-एजुकेश का लाभ पहली ही क्लास से दिया जा सकता है.

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अभिभावक राइट टू एजुकेश को लेकर असमंजस में हैं.

ये भी पढ़ें-नियम 134 ए हटाने से गरीब छात्रों को कोई नुकसान नहीं, राइट टू एजुकेशन के तहत पढ़ सकेंगे ज्यादा बच्चे- शिक्षा मंत्री

उदाहरण के साथ इसे समझिए- इस समय जो बच्चा दूसरी कक्षा में है वह जब तीसरी कक्षा में जाएगा तब दूसरी कक्षा को इस 134ए नियम से बाहर कर दिया जाएगा. जब वह बच्चा तीसरी से चौथी क्लास में जाएगा तब तीसरी कक्षा को इस नियम से बाहर कर दिया. इसी तरह 12वीं कक्षा तक हर साल एक क्लास को इस नियम से अलग किया जाएगा ताकि 11 सालों में इस नियम को पूरी तरह से खत्म किया जा सके. हालांकि अगर किसी स्कूल में किसी कक्षा में कोई सीट खाली है तो उसे इस नियम के तहत जरूर भरा जाएगा. लेकिन जिस कक्षा से खत्म किया जा रहा है उस कक्षा में दाखिला नहीं होगा.

सरकार ने 134ए को लेकर बढ़ाई फीस- सरकार 134ए के तहत निजी स्कूलों को प्रति विद्यार्थी जो मासिक फीस देती थी उसमें भी बढ़ोतरी की है. सरकार दूसरी से पांचवी कक्षा तक प्रति छात्र निजी स्कूल को 700 रुपये, छठी से आठवीं तक के लिए 900 रुपये, और नौवीं से बारहवीं तक के लिए 1100 रुपए प्रति माह फीस देगी. जो पहले 300, 500 और 700 रुपए थी.

सरकार ने निजी स्कूलों से मांगा सीटों का विवरण- प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों से उनकी सीटों का ब्यौरा मांगा है. ताकि नियम 134 ए के तहत सभी सीटों पर छात्रों का दाखिला करवाया जा सके. सरकार की ओर से कहा गया है कि सभी स्कूल जल्द से जल्द शिक्षा विभाग को यह जानकारी दें कि उनके स्कूल में 134ए के तहत कितनी सीटें खाली हैं. ताकि उन सीटों पर आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के बच्चों को दाखिला करवाया जा सके. इसके लिए शिक्षा निदेशालय इन सीटों पर फार्म भरने वाले बच्चों की मूल्यांकन परीक्षा लेगा और निर्धारित अंक लेने वाले बच्चों को उसके पसंद के निजी स्कूल में सीट दे दी जाएगी.

134A abolished in haryana
134ए में दाखिले के लिए स्कूल के गेट पर प्रदर्शन करते अभिभावक (फाइल फोटो)

राइट-टू-एजुकेशन के दाखिले पर कड़ी नजर- सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि जो बच्चे राइट-टू-एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों में दाखिला लेंगे उन पर यह भी नजर रखी जाएगी कि उनकी पढ़ाई सही तरीके से करवाई जा रही है या नहीं. अगर स्कूल के खिलाफ कोई शिकायत आती है तो इस पर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा शिक्षा विभाग यह भी देखेगा कि स्कूलों में यूनिफार्म और किताबों की सप्लाई कौन कर रहा है. इसके लिए भी जांच की जा सकती है कि कहीं स्कूल यूनिफॉर्म और किताबें लेने के लिए माता पिता पर कोई दवाब तो नहीं डाला जा रहा है. या किसी विशेष दुकान से लेने के लिए तो नहीं कहा जा रहा. शिक्षा विभाग का कहना है कि अगर कोई स्कूल इस तरह का काम करता है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- 134A दाखिले का आखिरी दिन: बच्चे चिल्लाते रहे डीसी अंकल एडमिशन दो, नहीं मिला दाखिला, सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में

चंडीगढ़: हरियाणा में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर) बच्चों को निजी क्षेत्र के स्कूलों में दाखिला देने के लिए शिक्षा नियमावाली की धारा 134ए लागू थी. इसके तहत हर स्कूल में 10 फीसदी सीटें गरीब परिवार के बच्चों के लिए निर्धारित थी. इस नियम के तहत बच्चा 12वीं तक की अपनी पढ़ाई पूरी कर सकता था. 134ए के तहत बच्चों की फीस निजी स्कूलों को सरकार की तरफ से दी जाती थी. लेकिन सरकार ने कुछ दिनों पहले हरियाणा में नियम 134ए (what is 134a in haryana) को खत्म करने की घोषणा कर दी. उसके बाद सवाल खड़ा हुआ कि राइट-टू-एजुकेशन (RTE) कानून पहली क्लास से लागू होगा. 134ए के तहत पढ़ रहे जो बच्चे ऊपर के क्लास में पहुंच चुके हैं उनका क्या होगा.

इसी 134ए और आरटीई के पेंच को कई अभिभावक नहीं समझ पा रहे हैं. हलांकि शिक्षा मंत्री कंपरवाल गुर्जर की ओर से यह बयान दिया गया कि नियम 134ए को तुरंत प्रभाव से खत्म नहीं किया जाएगा. बल्कि साल दर साल 1-1 कक्षा को खत्म किया जाएगा. ताकि आने वाले 10-11 सालों में यह पूरी तरह से खत्म हो जाए और इसके खत्म होने से किसी बच्चे की पढ़ाई पर भी इसका असर न पड़े. ऐसे में गरीब बच्चों के अभिभावकों के बीच बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उनके बच्चों का दाखिला शिक्षा के अधिकार कानून के तहत (admission under RTE and 134A in haryana) होगा या फिर नियम 134ए के तहत. यहां हम आपको सिलसिलेवार तरीके से बता रहे हैं कि कौन सा कानून क्या है. बच्चे का एडमिशन कैसे होगा.

क्या है राइट टू एजुकेशन एक्ट- राइट टू एजुकेशन (RTE) एक्ट केंद्र सरकार की योजना है. जिसमें हर स्कूल में 25 फीसदी गरीब घरों के बच्चों का दाखिला होगा. ताकि गरीब बच्चों को भी निजी स्कूलों में पढ़ने का मौका मिल सके. इसके तहत दी जाने वाली फीस में 60 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार देगी और 40 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार देगी. इसमें बच्चों को अपने घर के पास स्थित किसी भी निजी स्कूल में पढ़ने का मौका मिलेगा. राइट-टू-एजुकेशन एक्ट के तहत बच्चों का दाखिला सिर्फ पहली क्लास से ही होगा और 12वीं क्लास तक बच्चा इसी के तहत पढ़ाई करेगा. जिसमें उसकी सारी फीस सरकार वहन करेगी.

ये भी पढ़ें-134ए खत्म किए जाने से फरीदाबाद के लोग नाखुश, बोले इससे तो अच्छी दिल्ली की AAP की सरकार है

क्या है नियम 134ए- अभी तक प्रदेश में प्रदेश सरकार की शिक्षा नियमावली का नियम 134 ए लागू था. जिसमें हर निजी स्कूल को 10 फीसदी गरीब बच्चों को दाखिला देना जरूरी थी. इसमें बच्चे का सारा खर्च राज्य सरकार ही वहन कर रही थी. इसमें बीपीएल परिवार या जिनकी वार्षिक आय 2 लाख से कम है उन माता-पिता के बच्चे इस योजना का लाभ उठा रहे थे. हालांकि इसको लेकर सरकार और निजी स्कूलों के बीच हमेशा खींचतान चलती रही. निजी स्कूल फीस का पैसा सरकार से नहीं मिलने का आरोप लगाते रहे और 10 फीसदी सीट गरीब बच्चों को देने के लिए राजी नहीं थे. इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुए. अब प्रदेश में राइट-टू-एजुकेशन एक्ट शुरू करके 134ए को खत्म करने की घोषणा कर दी.

134A abolished in haryana
134ए में दाखिला ना मिलने पर प्रदर्शन करते बच्चे

आरटीई के तहत कैसे मिलेगा दाखिला- इस साल जिन बच्चों का दाखिला पहली क्लास में होगा और उनके माता-पिता बीपीएल या ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आते हैं या उनके माता-पिता की आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है. ऐसे परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा. ‌ इस योजना के तहत बच्चे का पहली क्लास में दाखिला होगा और 12वीं क्लास तक वह बच्चा इस योजना के तहत अपनी पढ़ाई जारी रख सकेगा. यानी बच्चे की पढ़ाई निजी स्कूल में होगी लेकिन उसकी फीस सरकार देगी.

नियम 134ए कैसे खत्म होगा- प्रदेश में राइट टू एजुकेशन शुरू होने के बाद जो बच्चे नियम 134 ए के तहत पढ़ाई कर रहे थे अब उनके माता-पिता इस असमंजस में है कि अब उनके बच्चे कौन सी योजना के तहत पढ़ाई करेंगे. क्योंकि सरकार ने पहले 130ए खत्म करने की घोषणा कर दी थी और यह भी कहा था कि राइट-टू-एजुकेशन एक्ट (RTE) के तहत पहली क्लास से ही बच्चों के दाखिले हो सकते हैं.

इस असमंजस की स्थिति को खत्म करने के लिए सरकार ने यह कहा है कि जो बच्चे फिलहाल 134ए के तहत पढ़ाई कर रहे हैं उनकी बढ़ाई जारी रहेगी. यानी दूसरी क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक जो बच्चे नियम 134 ए के तहत पढ़ रहे हैं उनकी पढ़ाई उसी के तहत चलती रहेगी. 134ए को तुरंत प्रभाव से खत्म नहीं किया जाएगा. बल्कि इसे साल दर साल एक क्लास से खत्म किया जाएगा. ताकि कोई भी गरीब बच्चा दाखिले से वंचित ना रह जाए. क्योंकि राइट-टू-एजुकेश का लाभ पहली ही क्लास से दिया जा सकता है.

right to education act in haryana
अभिभावक राइट टू एजुकेश को लेकर असमंजस में हैं.

ये भी पढ़ें-नियम 134 ए हटाने से गरीब छात्रों को कोई नुकसान नहीं, राइट टू एजुकेशन के तहत पढ़ सकेंगे ज्यादा बच्चे- शिक्षा मंत्री

उदाहरण के साथ इसे समझिए- इस समय जो बच्चा दूसरी कक्षा में है वह जब तीसरी कक्षा में जाएगा तब दूसरी कक्षा को इस 134ए नियम से बाहर कर दिया जाएगा. जब वह बच्चा तीसरी से चौथी क्लास में जाएगा तब तीसरी कक्षा को इस नियम से बाहर कर दिया. इसी तरह 12वीं कक्षा तक हर साल एक क्लास को इस नियम से अलग किया जाएगा ताकि 11 सालों में इस नियम को पूरी तरह से खत्म किया जा सके. हालांकि अगर किसी स्कूल में किसी कक्षा में कोई सीट खाली है तो उसे इस नियम के तहत जरूर भरा जाएगा. लेकिन जिस कक्षा से खत्म किया जा रहा है उस कक्षा में दाखिला नहीं होगा.

सरकार ने 134ए को लेकर बढ़ाई फीस- सरकार 134ए के तहत निजी स्कूलों को प्रति विद्यार्थी जो मासिक फीस देती थी उसमें भी बढ़ोतरी की है. सरकार दूसरी से पांचवी कक्षा तक प्रति छात्र निजी स्कूल को 700 रुपये, छठी से आठवीं तक के लिए 900 रुपये, और नौवीं से बारहवीं तक के लिए 1100 रुपए प्रति माह फीस देगी. जो पहले 300, 500 और 700 रुपए थी.

सरकार ने निजी स्कूलों से मांगा सीटों का विवरण- प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों से उनकी सीटों का ब्यौरा मांगा है. ताकि नियम 134 ए के तहत सभी सीटों पर छात्रों का दाखिला करवाया जा सके. सरकार की ओर से कहा गया है कि सभी स्कूल जल्द से जल्द शिक्षा विभाग को यह जानकारी दें कि उनके स्कूल में 134ए के तहत कितनी सीटें खाली हैं. ताकि उन सीटों पर आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के बच्चों को दाखिला करवाया जा सके. इसके लिए शिक्षा निदेशालय इन सीटों पर फार्म भरने वाले बच्चों की मूल्यांकन परीक्षा लेगा और निर्धारित अंक लेने वाले बच्चों को उसके पसंद के निजी स्कूल में सीट दे दी जाएगी.

134A abolished in haryana
134ए में दाखिले के लिए स्कूल के गेट पर प्रदर्शन करते अभिभावक (फाइल फोटो)

राइट-टू-एजुकेशन के दाखिले पर कड़ी नजर- सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि जो बच्चे राइट-टू-एजुकेशन के तहत निजी स्कूलों में दाखिला लेंगे उन पर यह भी नजर रखी जाएगी कि उनकी पढ़ाई सही तरीके से करवाई जा रही है या नहीं. अगर स्कूल के खिलाफ कोई शिकायत आती है तो इस पर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा शिक्षा विभाग यह भी देखेगा कि स्कूलों में यूनिफार्म और किताबों की सप्लाई कौन कर रहा है. इसके लिए भी जांच की जा सकती है कि कहीं स्कूल यूनिफॉर्म और किताबें लेने के लिए माता पिता पर कोई दवाब तो नहीं डाला जा रहा है. या किसी विशेष दुकान से लेने के लिए तो नहीं कहा जा रहा. शिक्षा विभाग का कहना है कि अगर कोई स्कूल इस तरह का काम करता है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- 134A दाखिले का आखिरी दिन: बच्चे चिल्लाते रहे डीसी अंकल एडमिशन दो, नहीं मिला दाखिला, सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में

Last Updated : Apr 15, 2022, 12:48 PM IST
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