करनाल: पुलिस एएसआई बलराज भगवान के हवाले से लिखाी गई एफआईआर में लिखा गया है कि सुबह करीब 4 बजे का समय था और वो गश्त पर थे. इसी बीच पंजाब के फाजिल्का से एसआई सतिंदर सिंह बराड़ के जरिए ये सूचना मिली कि एक सफेद इनोवा गाड़ी जिसका नंबर DL 1VB7869 है, पंजाब से दिल्ली की तरफ जा रही है. उसमें विस्फोटक पदार्थ और हथियार हो सकते हैं. इसलिए अगर तुरंत नाकाबांदी की जाए तो पकड़ में आ सकते हैं.
इसी दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के जरिए भी सूचना मिलने पर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया गया और करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर नाकाबंदी की गई. इसी बीच थाना प्रबंधक मधुबन भी सूचना पाकर मौके पर पहुंच गये. हमने गाड़ियों की चेकिंग शुरू कर दी. इतनी देर में एक इनोवा गाड़ी आती दिखाई दी जिसे वहां मौजूद मुलाजिमों के सहयोग से रोका गया.
गाड़ी में चार युवक मौजूद थे. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार युवकों ने अपने नाम गुरप्रीत सिंह पुत्र स्वर्ण सिंह और उसका भाई अमनदीप, परमिंदर और भूपेंदर बताया. इसके बाद गाड़ी में विस्फोटक पदार्थ होने की आशंका को देखते हुए आसपास उसे सुरक्षित जगह पर ले जाया गया. घटनास्थल पर लोगों व वाहनों की भारी मात्रा में आवाजाही को मध्य नजर रखते हुए किसी भी संभावित जान माल की हानि को टालना जरूरी था. इस दौरान बीडीडीएस और एफएसएल टीम मधुबन को मौके पर आने की सूचना दी गई. टीम के आने के बाद हमारी हमारी मौजूदगी में अग्रिम कार्यवाही की गई. गाड़ी में तलाशी के दौरान एक मैगजीन, देसी पिस्टल, 31 जिंदा कारतूस, 3 लोहे के कंटेनर जो कि प्रथम दृष्टया आईईडी (IED) मालूम होते हैं. साथ ही एक लाख 30 हजार रुपये कैश बरामद हुए.
![Suspected terrorists arrested from Karnal](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15200901_karnal_fir.jpeg)
गाड़ी सवार युवकों से 6 मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं. हिरासत में लिए गए युवकों ने प्राथमिक पूछताछ में बताया कि गुरप्रीत के लुधियाना जेल में बंद होने के दौरान उसकी मुलाकात जिला गुरदासपुर के रहने वाले राजवीर से हुई थी. उसने बताया कि उसे ये काम करने के लिए कहा गया था. इसके बदले उसे पैसा भी मिलता था. इस विस्फोटक पदार्थ को उन्हें पाकिस्तान स्थित हरविंदर सिंह रिंदा ने ड्रोन के जरिए पंजाब के रहने वाले आकाशदीप के ननिहाल के खेत में पहुंचाये थे. जहां से लेकर आगे भेजना था. लेकिन वो इस कार्रवाई को अंजाम न दे सके. इससे पहले भी वह इस प्रकार से विस्फोटक पदार्थ और हथियारों को प्राप्त करके उसके द्वारा बताई गई लोकेशन पर रखकर आ चुके हैं.
इस प्रकार पकड़े गए आरोपियों ने षडयंत्र पूर्वक आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने हेतु विस्फोटक पदार्थ, हथियार, जिंदा कारतूस की आपूर्ति करके आतंक फैलाना चाहते थे. उनके खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1960 की धारा 4,5, शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 25 और यूएपीए 1967 की धारा 13, 18, और 20 के तहत अपराध किया है. इसलिए इनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज करके जांच करते हुए सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए.
हरविंदर सिंह रिंदा पाकिस्तान में रह रहा है और आतंकी गतिविधियों में शामिल है. वही इनको विस्फोटक और एनडीपीएस की सामग्री उपलब्ध कराता है. साथ ही गिरफ्तार आरोपियों को एक लोकेशन भेजता है. इनका काम होता था उस लोकेशन पर उस विस्फोटक को रखकर आना. रिंदा ने इनको एक ऐप के जरिए लोकेशन भेजी थी जो तेलंगाना के आदिलाबाद की है. इनको वहीं पर ये विस्फोटक रखकर आने थे. गिरफ्तार गुरप्रीत के दोस्त आकाशदीप के ननिहाल का खेत है पंजाब के फिरोजपुर में. यहीं पर हरविंदर सिंह रिंदा ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से विस्फोटक भेजता था. गंगाराम पूनिया, एसपी, करनाल
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कौन है हरविंदर सिंह रिंदा- हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा (harvinder singh alias rinda) कभी चंडीगढ़ विश्विद्यालय का छात्र नेता था. चंडीगढ़ में उस पर हत्या समेत कई गंभीर मामले में केस दर्ज हैं. रिंदा एक बार सेक्टर 11 के थाना प्रभारी को भी जान से मारने की धमकी दे चुका है. रिंदा पंजाब के तरंतरन जिले का रहने वाला है. पुलिस में दर्ज उसके खिलाफ रिपोर्ट के आधार पर ये जानकारी सामने आई थी कि रिंदा ने सबसे पहले 18 साल की उम्र में तरनतारन में अपने एक रिश्तेदार की हत्या कर दी थी. परिवार के साथ वो महाराष्ट्र के नांदेड़ साहिब रहने लगा था. रिंदा पुलिस रिकॉर्ड में भगोड़ा घोषित है.
![Karnal Terrorist arrest](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15200901_rinda-photo.jpeg)
कुछ दिन पहले पंजाब में एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ था. खुलासा हुआ कि इसे हरविंदर सिंह रिंदा के इशारे पर चलाया जा रहा था. पुलिस के मुताबिक फिलहाल हरविंदर सिंह रिंदा आईएसआई के संरक्षण पर पकिस्तान में रह रहा है.
करनाल पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आतंकवादियों से बरामद हुआ विस्फोटक बेहद घातक है. और ये पूरी तरह से ऑटोमेटिक था. आतंकवादियों ने इस घातक बम को ऑटोमेटिक तरीके से लैपटॉप के जरिए विस्फोट करने की तैयारी की थी. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस इनोवा गाड़ी को विस्फोट के जरिए उड़ाया जाना था.