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घरौंडा में रंग लाई 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' मुहिम, 800 से 936 पर पहुंचा आंकड़ा

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Published : Dec 28, 2020, 5:27 PM IST

Updated : Dec 28, 2020, 6:16 PM IST

करनाल के घरौंडा हल्के में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के व्यापक परिणाम सामने आने लगे हैं. कभी 800 के आसपास रहने वाला घरौंडा का लिंगनुपात अब 936 तक पहुंच गया है.

sex ratio in gharaunda
sex ratio in gharaunda

करनाल: 22 जनवरी 2015 को हरियाणा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरु किए गए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के अच्छे परिणाम करनाल के घरौंडा हल्के में भी दिखने लगे हैं. जहां 2015 में इस अभियान की शुरुआत से पहले घरौंडा का लिंगनुपात 800 के आसपास था तो वहीं 2018 में ये बढ़कर 906 पर पहुंच गया, और साल 2019 में 921, वहीं अब साल 2020 में ये लिंगानुपात 936 तक पहुंच चुका है.

इन आंकड़ों को लेकर करनाल के सिविल सर्जन योगेश कुमार शर्मा भी खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बहुत सी योजनाओं के तहत काम किया जा रहा है. हालांकि अभी स्थिति बेहतर हुई है, लेकिन बाकी जिलों के मुकाबले आगे आने के लिए और काम कर रहे हैं

घरौंडा में रंग लाई 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' मुहिम, क्लिक कर देखें वीडियो

सिविल सर्जन का ये भी मानना है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के साथ जिले में पीएनडीटी एक्ट को सख्ती से लागू किया गया है और स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा लिंग जांच करवाने वाले दलालों की धरपकड़ की गई है जिस वजह से लिंगनुपात बढ़ा है. सिविल सर्जन ने लिंगनुपात को बेहतर बनाने में लोगों से भी सहयोग करने की भी अपील की है.

ये भी पढ़ें- इन बातों को ध्यान में रखकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं किसान, इस बार मौसम भी महरबान

बहरहाल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान और जिला स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता के कारण घरौंडा हल्के में लिंगनुपात को बेहतर करने में बड़ी सफलता मिली है. अब उम्मीद लगाई जा रही है कि जिस तरह से घरौंड़ा की स्थिति बेहतर हुई है उसी तरह प्रदेश के उन हल्कों में भी सुधार देखने को मिलेगा जहां लिंगानुपात अभी बेहतर स्थिति में नहीं है.

करनाल: 22 जनवरी 2015 को हरियाणा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरु किए गए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के अच्छे परिणाम करनाल के घरौंडा हल्के में भी दिखने लगे हैं. जहां 2015 में इस अभियान की शुरुआत से पहले घरौंडा का लिंगनुपात 800 के आसपास था तो वहीं 2018 में ये बढ़कर 906 पर पहुंच गया, और साल 2019 में 921, वहीं अब साल 2020 में ये लिंगानुपात 936 तक पहुंच चुका है.

इन आंकड़ों को लेकर करनाल के सिविल सर्जन योगेश कुमार शर्मा भी खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बहुत सी योजनाओं के तहत काम किया जा रहा है. हालांकि अभी स्थिति बेहतर हुई है, लेकिन बाकी जिलों के मुकाबले आगे आने के लिए और काम कर रहे हैं

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सिविल सर्जन का ये भी मानना है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के साथ जिले में पीएनडीटी एक्ट को सख्ती से लागू किया गया है और स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा लिंग जांच करवाने वाले दलालों की धरपकड़ की गई है जिस वजह से लिंगनुपात बढ़ा है. सिविल सर्जन ने लिंगनुपात को बेहतर बनाने में लोगों से भी सहयोग करने की भी अपील की है.

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बहरहाल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान और जिला स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता के कारण घरौंडा हल्के में लिंगनुपात को बेहतर करने में बड़ी सफलता मिली है. अब उम्मीद लगाई जा रही है कि जिस तरह से घरौंड़ा की स्थिति बेहतर हुई है उसी तरह प्रदेश के उन हल्कों में भी सुधार देखने को मिलेगा जहां लिंगानुपात अभी बेहतर स्थिति में नहीं है.

Last Updated : Dec 28, 2020, 6:16 PM IST
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