करनाल: बुधवार को केंद्र सरकार ने मसूर और सरसों समेत रबी की फसलों की एमएसपी को बढ़ा दिया है. बढ़ी हुई एमएसपी को तमाम विपक्षी नेताओं ने नाकाफी बताया है. अब कई किसान नेताओं ने भी एमएसपी के नाम पर सरकार को घेरा है. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने तो बढ़ी हुई एमएसपी को शर्मनाक बताया है. उनका कहना है कि ये सरकार का सिर्फ चुनावी एजेंडा है.
एक तरफ केंद्र सरकार ने किसानों की आय को बढ़ाने के लिए रबी की फसलों की एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया, लेकिन हरियाणा के किसान नेताओं को ये सब पसंद नहीं आ रहा है. उनका कहना है कि ये सिर्फ चुनावी एजेंडा है. सरकार किसानों को एमएसपी के नाम पर बहकाना चाहती है. करनाल में लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार ने एमएसपी पर शर्मनाक बढ़ोतरी की है.
चढूनी के मुताबिक, मसूर और सरसों में केवल 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. बाकी फसलों में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. उन्होंने कहा कि मुख्य फसल गेहूं है और उसमें सिर्फ 2 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है, जबकि महंगाई की दर हर साल 7 से 8 प्रतिशत बढ़ती है. यही कारण है कि आज किसान बर्बादी की कगार पर है. चढूनी ने कहा कि जो सामान किसान इस बार एक क्विंटल में खरीदेगा, वही सामान अगली बार उसे एक क्विंटल 5 किलो में खरीदना पड़ेगा. यही हमारा घाटा है. चढूनी ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बजाय और कम कर रही है.
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ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए किसान नेता बलदेव सिरसा ने बताया कि सरकार जब तक किसानों के साथ बैठ कर बात नहीं करती, तब तक सब बेकार है. किसानों के खर्चे ज्यादा हैं, एमएसपी कम है. सरकार का यह चुनावी एजेंडा है और सरकार ने किसानों को सिर्फ लॉलीपाप दिया है. सरकार केवल किसानों की शर्तें मान ले, वही किसानों के लिए बड़ी बात होगी.
वहीं ईटीवी भारत के साथ किसान नेता सतपाल ने कहा कि यह धोखेबाज सरकार है, सिर्फ और सिर्फ वाहवाही लूटना चाह रही है. 2 प्रतिशत फसलों में बढ़ोतरी कर एलपीजी, पेट्रोल और किसानों के सामान के मूल्य में 12 प्रतिशत बढ़ा कर किसानों के साथ खिलवाड़ कर रही है.
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