करनालः जिला सचिवालय (karnal Mini Secretariat) के बाहर किसान (farmer protest) अड़ कर बैठ गए हैं, उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार किसानों का सिर फोड़ने का आदेश देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा पर कार्रवाई नहीं होती तब तक वो नहीं हटेंगे. उधर सरकार भी अड़ गई है कि वो किसी भी हाल में आयुष सिन्हा पर कार्रवाई नहीं करेगी. मंगलवार से ही किसान करनाल के लघु सचिवालय के बाहर बैठे हैं. उससे पहले किसानों ने महापंचायत भी की और प्रशासन से भी बातचीत की है.
अब किसान नेता राकेश टिकैत (rakesh tikait) का कहना है कि लगता नहीं सरकार मानने के मूड में है. उन्होंने आगे कहा कि देखते हैं अब क्या होता है लेकिन प्रशासन के हाथ में कुछ है नहीं तो वो क्या करेंगे. उन्होंने कहा कि आयुष सिन्हा पर मामला दर्ज किया जाये या फिर उसे सस्पेंड किया जाये. सरकार आंदोलन को डायवर्ट करने की कोशिश कर रही है. अब सरकार इस पर मानने के मूड में भी नहीं दिख रही है.
आपको बता दें कि किसानों और प्रशासन के बीच मंगलवार को दो दौर की बातचीत हुई लेकिन कोई बात नहीं बनी. उसके बाद किसानों ने मंडी से लघु सचिवालय की ओर कूच किया. पुलिस किसानों को रोकना चाहती थी, इसके लिए उन्होंने वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. लेकिन किसानों की संख्या काफी ज्यादा थी और वो सभी इंतजामों को धता बताते हुए लघु सचिवालय के बाहर जाकर बैठ गए और रातभर वहीं पर अड़े रहे.
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यहां आपको ये भी बताते चलें कि ये पूरा विवाद क्या है, दरअसल मुख्यमंत्री के एक प्रोग्राम के दौरान किसानों ने प्रदर्शन किया था जिसमें एसडीएम आयुष सिन्हा का एक वीडियो वारयल हुआ था इसमें वो कहते दिख रहे थे कि जो भी किसान यहां आने की कोशिश करे उसका सिर फोड़ देना. उसके बाद टोल प्लाजा पर किसानों के ऊपर लाठीचार्ज हुआ और इसी से किसान नाराज हैं.
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