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असंध में हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने किया कृषि बिल का विरोध

असंध में हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिंह झिंडा मीडिया से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि विधेयक किसानों के अस्तित्व को चुनौती है. अपना वजूद बचाने के लिए किसान आखिरी सांस तक लड़ेंगे.

Haryana Gurdwara Parbandhak Committee protest agriculture bill in Assandh
असंध में हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने किया, कृषि बिल का विरोध
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Published : Sep 27, 2020, 2:30 PM IST

करनाल: हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिंह झिंडा ने कहा है कि कृषि विधेयक किसानों के अस्तित्व को चुनौती है. अपना वजूद बचाने के लिए किसान आखिरी सांस तक लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को पलायनवादी नीति अपनाने की बजाए किसानों की लड़ाई सरकार में रहते हुए लड़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर फिर भी यदि सरकार कृषि विधेयक को वापस नहीं लेती है तो जेजेपी को सरकार से समर्थन वापिस ले लेना चाहिए.

झिंडा ने कहा कि यदि मंडी है तो किसान जिंदा है और यदि मंडी समाप्त कर दी जाती है तो किसान के लिए अस्तित्व बचाने की चुनौती खड़ी हो जाएगी. उन्होंने राजस्थान और यूपी सहित देश के अन्य किसानों को अपील करते हुए कहा कि वे अपने-अपने राज्यों में मंडी व्यवस्था को व्यवस्था को बहाल करने के लिए संघर्ष करें. उन्होंने कहा कि किसानों की आवाज को बुलंद करने के लिए वे शीघ्र ही किसानों और व्यापारियों के एक प्रतिनिधि मंडल के साथ राज्यपाल और उपमुख्यंत्री को एक ज्ञापन सौंपेंगे.

असंध में हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने किया कृषि बिल का विरोध

उन्होंने राष्ट्रपति से अपील करते हुए कहा कि वे किसानों के हितों के लिए बिल पर हस्ताक्षर न करें और इसे पुनर्विचार के लिए सदन के पास वापिस भेज दें. झिंडा ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा इस्तीफा दिए जाने को अकाली दल की दोहरी चाल करार दिया. झिंडा ने कहा कि हरसिमरत कौर को इस्तीफा देने की बजाए संसद में बिल का विरोध करना चाहिए था.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस ने कृषि अध्यादेशों को बताया काला कानून, कहा- आज खून के आंसू रो रहा है किसान

करनाल: हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिंह झिंडा ने कहा है कि कृषि विधेयक किसानों के अस्तित्व को चुनौती है. अपना वजूद बचाने के लिए किसान आखिरी सांस तक लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को पलायनवादी नीति अपनाने की बजाए किसानों की लड़ाई सरकार में रहते हुए लड़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर फिर भी यदि सरकार कृषि विधेयक को वापस नहीं लेती है तो जेजेपी को सरकार से समर्थन वापिस ले लेना चाहिए.

झिंडा ने कहा कि यदि मंडी है तो किसान जिंदा है और यदि मंडी समाप्त कर दी जाती है तो किसान के लिए अस्तित्व बचाने की चुनौती खड़ी हो जाएगी. उन्होंने राजस्थान और यूपी सहित देश के अन्य किसानों को अपील करते हुए कहा कि वे अपने-अपने राज्यों में मंडी व्यवस्था को व्यवस्था को बहाल करने के लिए संघर्ष करें. उन्होंने कहा कि किसानों की आवाज को बुलंद करने के लिए वे शीघ्र ही किसानों और व्यापारियों के एक प्रतिनिधि मंडल के साथ राज्यपाल और उपमुख्यंत्री को एक ज्ञापन सौंपेंगे.

असंध में हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने किया कृषि बिल का विरोध

उन्होंने राष्ट्रपति से अपील करते हुए कहा कि वे किसानों के हितों के लिए बिल पर हस्ताक्षर न करें और इसे पुनर्विचार के लिए सदन के पास वापिस भेज दें. झिंडा ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा इस्तीफा दिए जाने को अकाली दल की दोहरी चाल करार दिया. झिंडा ने कहा कि हरसिमरत कौर को इस्तीफा देने की बजाए संसद में बिल का विरोध करना चाहिए था.

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