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बजट 2020: जानिए इस बजट से करनाल के किसान क्या चाहते हैं

एक फरवरी को देश का आम बजट पेश किया जाएगा .वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट को पेश करेंगी. आने वाले बजट को लेकर हमने करनाल के किसानों से बात की.

Farmers expect from the budget 2020
किसान क्या चाहते है बजट से
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Published : Jan 30, 2020, 7:10 AM IST

करनाल: बजट 2020 से हरियाणा के किसान काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं. किसानों ने कहा कि कृषि क्षेत्र में लगी बड़ी आबादी कॉर्पोरेट सेक्टर के उत्पादों की सबसे अधिक खपत करती है. अतः उद्योगों को मंदी से बाहर लाने और उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र की आमदनी बढ़ाना अति आवश्यक है. किसानों के अनुसार इस बजट में किसानों की न्यूनतम सालाना आय सुनिश्चित करने और उसमें नियमित वृद्धि के उपाय जरूर किए जाने चाहिए.

स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए

वहीं कुछ किसानों में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू ना होने से भी निराशा है. किसानों के अनुसार हर पार्टी विपक्ष में होने पर रिपोर्ट लागू करने का आश्वासन तो देती है, पर सत्ता में आने पर कोई भी सरकार आयोग के प्रावधानों को लागू नहीं करती. किसानों ने सरकार से अपील की कि इस बजट में स्वामीनाथन आयोग के प्रावधानों को लागू किया जाए.

किसानों को बजट से काफी उम्मीदें, देखें वीडियो

किसानों ने की रियायत देने की मांग

किसानों ने मांग की है कि कृषि क्षेत्र के घाटे को देखते हुए खेती के लिए आवश्यक बीज,खाद, बिजली और कृषि यंत्रों के लिए छोटे और मझोले किसानों के लिए विशेष रियायतें दी जाए. कुछ किसानों के अनुसार सरकार को कीटनाशकों के मूल्य में कमी करने के साथ-साथ नकली ब्रांड की दवाइयों पर अंकुश लगाने के उपाय भी करने चाहिए.

साथ ही किसानों ने कहा कि देश और प्रदेश की सरकार किसानों के हितों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई हैं. लेकिन इन योजनाओं का लाभ छोटे और सीमित किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा है. अतः किसानों से जुड़ी स्कीमों को लागू करने की व्यवस्था ठीक की जाए. ताकि किसानों को समय पर लाभ प्राप्त हो सके. कुल मिलाकर देश की बड़े उत्पादक एवं उपभोक्ता आबादी वाला किसान इस बार फिर इस बजट से किसी करिश्मे की इंतजार में है.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद में बोले सीएम खट्टर, 'रेप के दोषी का होगा सामाजिक बहिष्कार'

करनाल: बजट 2020 से हरियाणा के किसान काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं. किसानों ने कहा कि कृषि क्षेत्र में लगी बड़ी आबादी कॉर्पोरेट सेक्टर के उत्पादों की सबसे अधिक खपत करती है. अतः उद्योगों को मंदी से बाहर लाने और उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र की आमदनी बढ़ाना अति आवश्यक है. किसानों के अनुसार इस बजट में किसानों की न्यूनतम सालाना आय सुनिश्चित करने और उसमें नियमित वृद्धि के उपाय जरूर किए जाने चाहिए.

स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए

वहीं कुछ किसानों में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू ना होने से भी निराशा है. किसानों के अनुसार हर पार्टी विपक्ष में होने पर रिपोर्ट लागू करने का आश्वासन तो देती है, पर सत्ता में आने पर कोई भी सरकार आयोग के प्रावधानों को लागू नहीं करती. किसानों ने सरकार से अपील की कि इस बजट में स्वामीनाथन आयोग के प्रावधानों को लागू किया जाए.

किसानों को बजट से काफी उम्मीदें, देखें वीडियो

किसानों ने की रियायत देने की मांग

किसानों ने मांग की है कि कृषि क्षेत्र के घाटे को देखते हुए खेती के लिए आवश्यक बीज,खाद, बिजली और कृषि यंत्रों के लिए छोटे और मझोले किसानों के लिए विशेष रियायतें दी जाए. कुछ किसानों के अनुसार सरकार को कीटनाशकों के मूल्य में कमी करने के साथ-साथ नकली ब्रांड की दवाइयों पर अंकुश लगाने के उपाय भी करने चाहिए.

साथ ही किसानों ने कहा कि देश और प्रदेश की सरकार किसानों के हितों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई हैं. लेकिन इन योजनाओं का लाभ छोटे और सीमित किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा है. अतः किसानों से जुड़ी स्कीमों को लागू करने की व्यवस्था ठीक की जाए. ताकि किसानों को समय पर लाभ प्राप्त हो सके. कुल मिलाकर देश की बड़े उत्पादक एवं उपभोक्ता आबादी वाला किसान इस बार फिर इस बजट से किसी करिश्मे की इंतजार में है.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद में बोले सीएम खट्टर, 'रेप के दोषी का होगा सामाजिक बहिष्कार'

Intro:जहां एक और केंद्र सरकार 2020 के आम बजट की तैयारी में जुटी हुई है वहीं दूसरी और देश की आम जनता इस बजट से अर्थव्यवस्था में छाई मंदी और सुस्ती दूर होने की उम्मीदें लगाई बैठी है । देश के विभिन्न वर्गों की आम बजट से जुड़ी इन्हीं अपेक्षाओं को जानने की कोशिश में आज ईटीवी भारत की टीम पड़ताल कर रही है कृषि क्षेत्रों से जुड़ी समस्याओं के बारे में बजट की उम्मीदों को लेकर करनाल जिले के कुछ किसानों से ।


Body:करनाल जिले के किसान मानते हैं कि देश व प्रदेश की सरकार किसानों के हितों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई हैं परंतु धरातलीय स्तर पर योजनाओं का लाभ छोटे व सीमित किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा है । अतः किसानों से जुड़ी स्कीमों को लागू करने की व्यवस्था ठीक की जाए ताकि किसानों को समय पर लाभ प्राप्त हो सके ।

कृषि क्षेत्र में लगी बड़ी आबादी कॉर्पोरेट सेक्टर के उत्पादों की सबसे अधिक खपत करती है । अतः उद्योगों को मंदी से बाहर लाने व उत्पादन बढ़ाने के लिए इस कृषि क्षेत्र की आमदनी बढ़ाना अति आवश्यक है, इसलिए किसानों के अनुसार इस बजट में किसानों की न्यूनतम सलाना आय सुनिश्चित करने व उसमें नियमित वृद्धि के उपाय जरूर किए जाने चाहिए ।

वहीं कुछ किसानों में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू ना होने से भी निराशा है । उनके अनुसार प्रत्येक पार्टी विपक्ष में होने पर रिपोर्ट लागू करने का आश्वासन तो देती है परंतु सत्ता में आने पर कोई भी सरकार आयोग के प्रावधानों को लागू नहीं करती है ।अतः सरकार से इस बजट में स्वामीनाथन आयोग के प्रावधानों को लागू करने की अपेक्षा है ।

किसानों द्वारा यह भी मांग की जा रही है कि कृषि क्षेत्र के घाटे को देखते हुए खेती के लिए आवश्यक बीज खाद बिजली और कृषि यंत्रों के लिए छोटे और मझोले किसानों के लिए विशेष रियायतें दी जाए । कुछ किसानों के अनुसार सरकार को कीटनाशकों के मूल्य में कमी करने के साथ-साथ नकली ब्रांडो की दवाइयों पर अंकुश लगाने के उपाय भी करने चाहिए ।


Conclusion:कुल मिलाकर देश की बड़ी उत्पादक एवं उपभोक्ता आबादी वाला किसान इस बार फिर इस बजट से किसी करिश्मे की इंतजार में है ।

one to one with farmers ,_ kisaan sewa singh,balbeer
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