करनाल: बजट 2020 से हरियाणा के किसान काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं. किसानों ने कहा कि कृषि क्षेत्र में लगी बड़ी आबादी कॉर्पोरेट सेक्टर के उत्पादों की सबसे अधिक खपत करती है. अतः उद्योगों को मंदी से बाहर लाने और उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र की आमदनी बढ़ाना अति आवश्यक है. किसानों के अनुसार इस बजट में किसानों की न्यूनतम सालाना आय सुनिश्चित करने और उसमें नियमित वृद्धि के उपाय जरूर किए जाने चाहिए.
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए
वहीं कुछ किसानों में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू ना होने से भी निराशा है. किसानों के अनुसार हर पार्टी विपक्ष में होने पर रिपोर्ट लागू करने का आश्वासन तो देती है, पर सत्ता में आने पर कोई भी सरकार आयोग के प्रावधानों को लागू नहीं करती. किसानों ने सरकार से अपील की कि इस बजट में स्वामीनाथन आयोग के प्रावधानों को लागू किया जाए.
किसानों ने की रियायत देने की मांग
किसानों ने मांग की है कि कृषि क्षेत्र के घाटे को देखते हुए खेती के लिए आवश्यक बीज,खाद, बिजली और कृषि यंत्रों के लिए छोटे और मझोले किसानों के लिए विशेष रियायतें दी जाए. कुछ किसानों के अनुसार सरकार को कीटनाशकों के मूल्य में कमी करने के साथ-साथ नकली ब्रांड की दवाइयों पर अंकुश लगाने के उपाय भी करने चाहिए.
साथ ही किसानों ने कहा कि देश और प्रदेश की सरकार किसानों के हितों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई हैं. लेकिन इन योजनाओं का लाभ छोटे और सीमित किसानों तक नहीं पहुंच पा रहा है. अतः किसानों से जुड़ी स्कीमों को लागू करने की व्यवस्था ठीक की जाए. ताकि किसानों को समय पर लाभ प्राप्त हो सके. कुल मिलाकर देश की बड़े उत्पादक एवं उपभोक्ता आबादी वाला किसान इस बार फिर इस बजट से किसी करिश्मे की इंतजार में है.
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