करनाल: श्यामगढ़ गांव में एक नव विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. बताया जा रहा है कि मृतक विवाहिता की 8 महीने पहले ही शादी हुई थी. मृतक विवाहिता के परिजनों का आरोप है कि बेटी के ससुराल पक्ष के लोग उसे दहेज को लेकर तंग किया करते थे. वहीं दहेज नहीं मिलने पर उसकी बेटी को गला दबाकर मार दिया गया.
मृतक विवाहिता के पिता का कहना है कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है. दूसरी तरफ बेटी के ससुराल पक्ष के लोग दहेज के लोभ में बेटी का गला दबाकर मार रहे हैं. उन्होंने कहा कि फिर बेटी को पढ़ाने लिखाने का क्या फायदा. उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि उनकी बेटी के आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए.
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जांच अधिकारी का कहना है कि मृतक विवाहिता के परिजनों की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है. फिलहाल मृतक विवाहिता का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि प्रदेश में दहेज को लेकर हत्या करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. सरकार और पुलिस प्रशासन इन्हें रोक पाने में नाकाम साबित हो रही है.
दहेज से संबंधित कानून
- बता दें कि दहेज निषेध अधिनियम 1961 के अनुसार दहेज लेने और देने पर 5 वर्ष की कैद और 15 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है.
- वहीं दहेज के लिए उत्पीड़न करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए जो कि पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा सम्पत्ति और कीमती वस्तुओं के लिए अवैधानिक मांग के मामले से संबंधित है. इसके अन्तर्गत 3 साल की कैद और जुर्माना हो का प्रावधान है.
- यदि किसी लड़की की विवाह के सात साल के भीतर असामान्य परिस्थितियों में मौत होती है और ये साबित कर दिया जाता है कि मौत से पहले उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था तो भारतीय दंड संहिता की धारा 304-बी के अन्तर्गत लड़की के पति और रिश्तेदारों को कम से कम सात वर्ष से लेकर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.