जींद: राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव के लिए हाईकोर्ट ने स्वीकृति दे दी है और जल्द ही प्रदेश में पंचायत चुनाव सम्पन्न कराए जाएंगे. चुनाव आयुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से भी चुनाव करवाने के संबंध में लेटर जारी किया जाना है. जैसे ही सरकार की मंजूरी मिलती है तुरंत प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट अपडेट करने में 45 से 60 दिन लगते हैं और उसके बाद एक चरण के चुनाव के लिए 25-26 दिन का समय लगेगा.
धनपत सिंह ने कहा कि 6226 सरपंचों व 62 हजार से अधिक पंचों का चुनाव करवाया जाना है. पंचों का चुनाव बैलट पेपर से होगा जबकि सरपंचों का चुनाव ईवीएम से करवाया जाएगा. स्थानीय निकाय चुनाव के लिए वोटर लिस्ट अपडेट का काम पूरा हो चुका है. चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मतदान केन्द्रों पर समय रहते बिजली, पानी, शौचालय सहित सभी मूलभूत सुविधाओं को समय रहते जांच लें. ताकि चुनाव के दौरान किसी भी परेशानी का सामन न करना पड़े.
कोर्ट से क्लियरेंस मिल चुका है. सरकार की चिट्ठी आ जायेगी तो हम आगे की कार्रवाई शुरू कर देंगे. ईवीएम हमारे पास उपलब्ध हैं. पंचों के चुनाव पेपर बैलट से होंगे उसके लिए भी व्यवस्था है. धनपत सिंह, राज्य चुनाव आयुक्त
हरियाणा में पंचायत चुनाव (Panchayat elections in Haryana) पर लगी रोक पंजाब एवं हरियाणा कोर्ट ने 4 मई को हटा ली थी और प्रदेश में पंचायत चुनाव करवाने को मंजूरी दे दी है. अब हरियाणा सरकार तय करेगी कि प्रदेश में पंचायत चुनाव कब कराए जाएंगे. इस बार पंचायत चुनाव नए नियमों के तहत ही होंगे. हाईकोर्ट में पंचायत चुनाव को लेकर 13 याचिकाएं विचाराधीन थी जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया. हरियाणा में फरवरी 2021 में पंचायत चुनाव का कार्यकाल खत्म हो चुका है.
हरियाणा पंचायत चुनाव में ऑड ईवन नियम क्या है- हरियाणा सरकार ने संशोधन करके हरियाणा पंचायत चुनाव में नया नियम बनाया है. हरियाणा सरकार ने पंचायती राज एक्ट में महिला आरक्षण (50 प्रतिशत) सहित कुछ अन्य संशोधन किए थे. इसके तहत चुनाव के लिए पंचायत, ब्लॉक और जिला परिषद के वार्ड को ऑड और ईवन में बांटा जाएगा. संशोधन के तहत कहा गया है कि ईवन नंबर को महिलाओं के लिए रिजर्व रखा गया है. ऑड नंबर में ये प्रावधान किया गया है कि महिलाओं के अतिरिक्त यहां पर कोई भी चुनाव लड़ सकता है. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में 13 याचिकाएं दायर कर इस संशोधन को चुनौती दी गई थी. इन याचिकाओं को निरस्त करते हुए हाईकोर्ट ने 4 मई को सरकार को चुनाव कराने की मंजूरी दे दी.
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