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जींद में भावांतर भरपाई योजना फेल! जानकारी के बाद भी किसानों ने नहीं कराया रजिस्ट्रेशन

सरकारें बहुत सारी योजनाएं जनता के लिए हमेशा से चलाती आई हैं. लेकिन उनका जमीन पर बहुत ज्यादा असर दिखता नहीं है. इसीलिए ईटीवी भारत ने 'मनोहर योजनाओं का रियलिटी चेक' नाम से एक मुहिम चलाई है जिसमें हम रोज किसी योजना पर जनता से जानते हैं कि उसका लाभ उन्हें मिला या नहीं. आज जींद से देखिए भावांतर भरपाई योजना पर किसानों की राय.

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Published : Aug 28, 2019, 6:13 PM IST

Updated : Aug 28, 2019, 8:53 PM IST

reality check

जींदः ईटीवी भारत की टीम भावांतर भरपाई योजना की जमीनी हकीकत जानने के लिए मंडी जाकर किसानों से बात की. ज्यादातर किसानों को तो योजना के बारे में जानकारी ही नहीं थी. जिन्हें पता भी था वो भी कागजी कार्रवाई से डरकर योजना से दूर ही रहे और रजिस्ट्रेशन नहीं कराया.

जींद में सरकार की भावांतर योजना ऐसे हुई फेल, देखिए स्पेशल रिपोर्ट

ज्यादातर किसानों को योजना की जानकारी नहीं
मंडी में जाकर हमारी टीम ने बहुत सारे किसानों से बात की लेकिन ज्यादातर किसान हरियाणा सरकार की भावांतर भरपाई योजना से अनजान ही दिखे. उनका कहना था कि हमें किसी ने कभी कोई जानकारी ही नहीं दी.

जिन्हें जानकारी है वो भी रजिस्ट्रेशन से दूर
कुछ किसान हमें ऐसे भी मिले जिन्हें भावांतर भरपाई योजना की जानकारी तो थी लेकिन उन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि सरकार ने जो कागजी कार्रवाई इसमें रखी है वो काफी पेचीदा है. किसान उसको समझ ही नहीं पाते हैं. इसीलिए जानने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाते हैं.

कितने किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन ?

  • 441 आलू किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया
  • 244 गोभी किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया
  • 71 प्याज के किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया
  • 51 टमाटर के किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया

कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन ?

  • सबसे पहले www.agriharyana.in वेबसाइट पर जाएं
  • इसके बाद किसान पंजीकरण पर क्लिक करें
  • अब पंजीकरण फॉर्म आपके सामने खुलेगा
  • पंजीकरण फॉर्म में अपना पूरा विवरण भरें
  • ध्यान रहे दी गई जानकारी बिल्कुल सही हो
  • सही जानकारी न देने पर आपको लाभ नहीं मिलेगा
  • फॉर्म भरने के बाद सेव बटन पर क्लिक करें
  • इसके बाद आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा

रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी कागजात
भावांतर भरपाई योजना का लाभ उठाने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा और रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको कुछ कागजातों की जरूरत होगी. जैसे आपके पास आधार कार्ड का होना जरूरी है, वोटर कार्ड भी आवश्यक है और बैंक पासबुक भी जरूरी है.

किस फसल का कितना भाव ?
सरकार ने इस योजना के तहत टमाटर और आलू का न्यूनतम मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल किया है. इसके अलावा गोभी और प्याज के लिए सरकार ने 500 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम भाव तय किया है.

योजना से कैसे मिलता है लाभ ?
इस योजना का मकसद किसानों को नुकसान से बचाना है. मान लीजिए आपके पास एक क्विंटल आलू है अब उसे बेचने आप मंडी में गए वहां आपको 200 रुपये प्रति क्विंटल का रेट मिला और सरकार ने तय किया है 400 रुपये प्रति क्विंटल तो बाकी बचे 200 रुपये की भरपाई सरकार करेगी. मतलब बाकी 200 रुपये प्रति क्विंटल सरकार आपको देगी.

जींदः ईटीवी भारत की टीम भावांतर भरपाई योजना की जमीनी हकीकत जानने के लिए मंडी जाकर किसानों से बात की. ज्यादातर किसानों को तो योजना के बारे में जानकारी ही नहीं थी. जिन्हें पता भी था वो भी कागजी कार्रवाई से डरकर योजना से दूर ही रहे और रजिस्ट्रेशन नहीं कराया.

जींद में सरकार की भावांतर योजना ऐसे हुई फेल, देखिए स्पेशल रिपोर्ट

ज्यादातर किसानों को योजना की जानकारी नहीं
मंडी में जाकर हमारी टीम ने बहुत सारे किसानों से बात की लेकिन ज्यादातर किसान हरियाणा सरकार की भावांतर भरपाई योजना से अनजान ही दिखे. उनका कहना था कि हमें किसी ने कभी कोई जानकारी ही नहीं दी.

जिन्हें जानकारी है वो भी रजिस्ट्रेशन से दूर
कुछ किसान हमें ऐसे भी मिले जिन्हें भावांतर भरपाई योजना की जानकारी तो थी लेकिन उन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि सरकार ने जो कागजी कार्रवाई इसमें रखी है वो काफी पेचीदा है. किसान उसको समझ ही नहीं पाते हैं. इसीलिए जानने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाते हैं.

कितने किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन ?

  • 441 आलू किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया
  • 244 गोभी किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया
  • 71 प्याज के किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया
  • 51 टमाटर के किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया

कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन ?

  • सबसे पहले www.agriharyana.in वेबसाइट पर जाएं
  • इसके बाद किसान पंजीकरण पर क्लिक करें
  • अब पंजीकरण फॉर्म आपके सामने खुलेगा
  • पंजीकरण फॉर्म में अपना पूरा विवरण भरें
  • ध्यान रहे दी गई जानकारी बिल्कुल सही हो
  • सही जानकारी न देने पर आपको लाभ नहीं मिलेगा
  • फॉर्म भरने के बाद सेव बटन पर क्लिक करें
  • इसके बाद आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा

रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी कागजात
भावांतर भरपाई योजना का लाभ उठाने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा और रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको कुछ कागजातों की जरूरत होगी. जैसे आपके पास आधार कार्ड का होना जरूरी है, वोटर कार्ड भी आवश्यक है और बैंक पासबुक भी जरूरी है.

किस फसल का कितना भाव ?
सरकार ने इस योजना के तहत टमाटर और आलू का न्यूनतम मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल किया है. इसके अलावा गोभी और प्याज के लिए सरकार ने 500 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम भाव तय किया है.

योजना से कैसे मिलता है लाभ ?
इस योजना का मकसद किसानों को नुकसान से बचाना है. मान लीजिए आपके पास एक क्विंटल आलू है अब उसे बेचने आप मंडी में गए वहां आपको 200 रुपये प्रति क्विंटल का रेट मिला और सरकार ने तय किया है 400 रुपये प्रति क्विंटल तो बाकी बचे 200 रुपये की भरपाई सरकार करेगी. मतलब बाकी 200 रुपये प्रति क्विंटल सरकार आपको देगी.

Intro:सरकार द्वारा सब्जी उगाने वाले किसानों को घाटे से बचाने के लिए एक फसल भावांतर भरपाई योजना चलाई गई जिसको लेकर आज ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने जींद के किसानों से बातचीत की , इस योजना को लेकर रियलिटी चेक मैं हमने पाया कि अधिकतर किसानों को इसकी जानकारी ही नहीं है और जिनको जानकारी है वह इसके कागजी कार्रवाई को देखकर को देखकर को देखकर ही डर जाते हैं ,एकाद किसान ने ने हिम्मत दिखाकर रजिस्ट्रेशन के लिए प्रयास किए तो उसे भी कागज कार्रवाई को लेकर चक्कर कटवाए गए
Body:

जींद के किसानों ने बताया कि इस किसानों ने बताया कि इस योजना की रजिस्ट्रेशन करवाने से मुआवजा लेने तक की जो कागजी कार्रवाई कागजी कार्रवाई है वह बहुत ही कठिन है उनके पास इतना समय नहीं है कि व दफ्तरों के चक्कर काटे इसलिए उन्होंने रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवाया


जिन किसानों ने इस योजना को लेकर रजिस्ट्रेशन करवाया था उनमें से एक किसान हमें मिला जिस ने बताया कि बताया कि उसने रजिस्ट्रेशन के बाद जब फसल कम भाव में बिकी तो वह मुआवजा लेने के लिए अप्लाई करने के लिए गया तो वहां कहा गया कि जे फार्म जे फार्म फार्म लेकर आओ मालिक के साइन करवा कर लाओ लेकिन फिर भी उसे मुआवजा नहीं मिला किसानों ने यहां तक कह दिया कि योजना कागजों में आती है और कागजों में ही चली जाती है , 1 किसानों ने इसको लेकर ने इसको लेकर अधिकारियों पर ही आरोप जड़ दिए उसने कहा इसके पैसे अधिकारी ही खा जाते हैं उन्हें पता ही नहीं चलता



किसानों ने कहा कि इसकी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए और कोई सरकार का नुमाइंदा यहां बैठना चाहिए सब्जी मंडी में ताकि वह रिकॉर्ड रख सके कि कौन सा किसान कितनी सब्जी लेकर आया है और क्या भाव उसकी सब्जी बिकी है



ये है चार फसलों का समर्थन मूल्य

सरकार ने योजना के तहत आलू व टमाटर का समर्थन मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। इसके अलावा गोभी व प्याज के लिए 500 रुपये प्रति ¨क्वटल समर्थन मूल्य तय किया है।



जींद में 807 किसानों ने फसल भावांतर भरपाई योजना के 2018-19 लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था लेकिन अधिकारिक रूप से कितने किसानों ने मुआवजे के लिए हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड में अप्लाई किया इसका जिले में कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं है ,अधिकारियों से बातचीत की गई तब उन्होंने बताया कि स्टेट हेडक्वार्टर ही इसको लेकर दिल करता लेकर दिल करता लेकर दिल करता है और कई किसानों के मुआवजे की फाइल अभी सीए के पास के पास अटकी हुई है जैसे ही वहां से अप्रूव हो जाएगी सीधा उनके खाते में पैसे डाल जाएंगे

2018 -19 में कितने किसानों ने जींद में रजिस्ट्रेशन करवाया

आलू - 441
गोभी - 244
प्याज - 71
टमाटर - 51


Conclusion:
Last Updated : Aug 28, 2019, 8:53 PM IST
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