जींदः ईटीवी भारत की टीम भावांतर भरपाई योजना की जमीनी हकीकत जानने के लिए मंडी जाकर किसानों से बात की. ज्यादातर किसानों को तो योजना के बारे में जानकारी ही नहीं थी. जिन्हें पता भी था वो भी कागजी कार्रवाई से डरकर योजना से दूर ही रहे और रजिस्ट्रेशन नहीं कराया.
ज्यादातर किसानों को योजना की जानकारी नहीं
मंडी में जाकर हमारी टीम ने बहुत सारे किसानों से बात की लेकिन ज्यादातर किसान हरियाणा सरकार की भावांतर भरपाई योजना से अनजान ही दिखे. उनका कहना था कि हमें किसी ने कभी कोई जानकारी ही नहीं दी.
जिन्हें जानकारी है वो भी रजिस्ट्रेशन से दूर
कुछ किसान हमें ऐसे भी मिले जिन्हें भावांतर भरपाई योजना की जानकारी तो थी लेकिन उन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि सरकार ने जो कागजी कार्रवाई इसमें रखी है वो काफी पेचीदा है. किसान उसको समझ ही नहीं पाते हैं. इसीलिए जानने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाते हैं.
कितने किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन ?
- 441 आलू किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया
- 244 गोभी किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया
- 71 प्याज के किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया
- 51 टमाटर के किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया
कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन ?
- सबसे पहले www.agriharyana.in वेबसाइट पर जाएं
- इसके बाद किसान पंजीकरण पर क्लिक करें
- अब पंजीकरण फॉर्म आपके सामने खुलेगा
- पंजीकरण फॉर्म में अपना पूरा विवरण भरें
- ध्यान रहे दी गई जानकारी बिल्कुल सही हो
- सही जानकारी न देने पर आपको लाभ नहीं मिलेगा
- फॉर्म भरने के बाद सेव बटन पर क्लिक करें
- इसके बाद आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा
रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी कागजात
भावांतर भरपाई योजना का लाभ उठाने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा और रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको कुछ कागजातों की जरूरत होगी. जैसे आपके पास आधार कार्ड का होना जरूरी है, वोटर कार्ड भी आवश्यक है और बैंक पासबुक भी जरूरी है.
किस फसल का कितना भाव ?
सरकार ने इस योजना के तहत टमाटर और आलू का न्यूनतम मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल किया है. इसके अलावा गोभी और प्याज के लिए सरकार ने 500 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम भाव तय किया है.
योजना से कैसे मिलता है लाभ ?
इस योजना का मकसद किसानों को नुकसान से बचाना है. मान लीजिए आपके पास एक क्विंटल आलू है अब उसे बेचने आप मंडी में गए वहां आपको 200 रुपये प्रति क्विंटल का रेट मिला और सरकार ने तय किया है 400 रुपये प्रति क्विंटल तो बाकी बचे 200 रुपये की भरपाई सरकार करेगी. मतलब बाकी 200 रुपये प्रति क्विंटल सरकार आपको देगी.