जींदः यहां के सिविल अस्पताल में सप्ताह के हर बुधवार को दिव्यांगों और बुजुर्गों को पेंशन के लिए सर्टिफिकेट बनाए जाते हैं जिसके लिए हर बुधवार को कैंप का आयोजन किया जाता है. बीते बुधवार को भी अस्पताल में कैंप लगाया गया था लेकिन यहां अव्यवस्थाओं ने दिव्यांगों और बुजुर्गों को परेशान कर दिया.
2 बजे के बाद आये अधिकारी
सभी दिव्यांग और बुजुर्ग सुबह 9 बजे से सिविल अस्पताल में आकर बैठ गए थे लेकिन अधिकारी दोपहर 2 बजे के बाद पहुंचे और शाम को 5 बजे उनकी छुट्टी का वक्त हो जाता है. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि कितना काम वो कर पाए होंगे.
अस्पताल में पीने के लिए पानी तक नहीं था
सिविल अस्पताल के बाहर दिव्यांग और बुजुर्ग इधर-उधर सुबह से धूप में बैठे थे लेकिन उनके पीने के लिए वहां पानी तक नहीं था. इतना ही नहीं वहां दिव्यांगों के लिए स्ट्रेचर भी उपलब्ध नहीं था.
डॉक्टर्स की कमी है वजह ?
सिविल सर्जन डॉ. शशिप्रभा अग्रवाल कहा कि हमारे पास इतने डॉक्टर नहीं हैं कि ओपीडी और दिव्यांगों की मेडिकल जांच के लिए अलग से ड्यूटी लगाई जा सके. अगर डॉक्टर्स की कमी न हो तो सुबह से ही मेडिकल बोर्ड बैठा दिया जाता.