जींद: पटियाला चौक के हांसी रोड पर कई साल से बंद पड़ी फैक्टरी से क्लोरीन गैस का रिसाव होने के बाद शनिवार रात आसपास के इलाके में दहशत फैल गयी. क्लोरीन गैस लीक होने से लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी और चक्कर आने लगे. जानकारी के मुताबिक करीब छह घंटे के बाद क्लोरीन गैस के सिलेंडर को आबादी से दूर ले जाकर निष्क्रिय कर दिया गया.
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गैस लीकेज पर काबू पाने के लिए पानीपत रिफायनरी से एक टीम बुलाई गई. टीम ने सुबह 10 बजे गैस लीकेज को बंद किया और कंटेनर में बची गैस को डिस्पोज ऑफ करने के लिए आबादी से दूर वन क्षेत्र में ले जाया गया. वहां जेसीबी से गड्ढा खोद कर उसमें कंटेनर को डालने की तैयारी हुई तो वहां जमीन पर अधिकार क्षेत्र का मामला फंस गया.
फॉरेस्ट विभाग ने अपनी जमीन पर इस काम को करने की अनुमति नहीं दी और इस आपसी तालमेल की कमी के कारण लगभग डेढ़ घंटे का समय बर्बाद हो गया. जिसके बाद कंटेनर को नरवाना रोड स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाया गया और वहां गड्ढा खोदकर उसमें चूने का पानी भर कर उस सिलेंडर को डूबो दिया गया.
पानीपत रिफायनरी से आई टीम के सदस्य अनिल कुमार ने बताया कि क्लोरीन गैस एक जहरीली गैस है और जब वो लीकेज स्थल पर पहुंचे तो वहां इसका लेवल बहुत ही ज्यादा था. जिसके बाद उन्होंने इसकी लीकेज को बंद किया और अब इसे चूने के पानी में डूबोया गया है. जिससे क्लोरीन गैस रिएक्ट कर सोडियम क्लोराइड बनाएगी और इसका प्रभाव खत्म हो जाएगा.
वहीं लीकेज स्थल के आसपास लोगों ने बताया कि जैसे ही गैस लीक होने शुरू हुई, हमें सांस लेने में तकलीफ होने लगी और चक्कर आने लगे. जिसके चलते आसपास के लोगों ने अपने घर खाली कर दिए और उसके बाद कई लोगों को उल्टियां व गले में दर्द की शिकायत होने लगी. वहीं पुलिस ने कंटेनर के मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.