जींद: हरियाणा में बरोदा उपचुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी नेता परमिंद्र ढुल ने पार्टी को अलविदा दिया है. परमिंद्र ढुल ने बीजेपी जेजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए, तीन कृषि कानूनों का विरोध करते हुए इस्तीफा दिया गया है. बताया जा रहा है कि परमिंद्र ढुल के बेटे बीजेपी नेता रविंद्र ढुल भी पार्टी छोड़ेंगे, उन्होंने प्रदेश प्रवक्ता के पद से इस्तीफा भी दे दिया है.
परमिंद्र ढुल ने केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए कहा कि सरकार किसानों को पूंजीपतियों के हाथ में सौंपने की तैयारी कर रही है. किसानों की आमदनी दोगुनी करने का बीजेपी का वाादा भी झूठा है. परमिंद्र ढूल ने बीजेपी अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि आज दीनबंधु सर छोटू राम की आत्मा भी दुखी होगी क्योंकि आज किसान पुत्र रो रहा है. बीजेपी में घुटन महसूस कर रहा हूं, इसलिए पार्टी छोड़ रहा हूं.
ढुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले समय में खूब विदेश यात्राएं की. ये यात्राएं केवल किसान को पूंजीपतियों के हाथ में सौपंने के लिए की गई. उन्होंने विदेशों में देखा किसान को कैसे पूंजीपतियों के हाथ में सौंपा जाए. बीजेपी के नेताओं को ओपन प्लेटफार्म पर आकर इन कानूनो पर बहस करनी चाहिए.
ढुल ने सभी पार्टियों में शामिल किसान पुत्रों को किसान के हित में आने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि पार्टियों को छोड़कर आज किसान के साथ खड़े होने का वक्त है. अब आगामी लड़ाई किसानों के साथ मिलकर लड़ेंगे. किसी अन्य पार्टी में जाने के सवाल पर ढुल ने कहा कि आज मैं किसान के साथ खड़ा हूं. अभी कहीं जाने का फैसला नहीं किया.
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बता दें कि, परमिंद्र ढुल जींद की जुलाना सीट से लगातार दो बार इनेलो पार्टी से विधायक रहे हैं. उनके पिता चौ. दल सिंह छह बार विधायक रहे हैं. ढुल ने पिछला चुनाव जुलाना से बीजेपी की तरफ से लड़ा था. बरोदा हलके के साथ सीमा लगने से उपचुनाव में जुलाना बड़ी अहमियत रखता है. ऐसे में बड़े नेता द्वारा पार्टी को छोड़कर जाना कहीं ना कहीं आगामी उपचुनाव पर असर डाल सकता है.