हिसार:दो सप्ताह पहले कापड़ों गांव के विक्रम की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. मृतक के परिजन इसे हादसा नहीं हत्या बता रहे (youth Vikram murder case Hisar) हैं. जिसको लेकर उन्होंने पुलिस में मामला दर्ज करायापरिजनों ने गांव के ही कुछ लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था पर पुलिस इसे रोड एक्सीडेंट का केस मानकर चल रही है. विक्रम के परिवार वाले पुलिस की इसी बात का विरोध कर रहे हैं. मौत के 15 दिन बाद भी विक्रम का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है. उसके शव को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. विक्रम की मौत के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया. इसलिये परिवार और तमाम दलित संगठन गिरफ्तारी की मांग कर सिविल अस्पताल में धरना लगाए हुए हैं.
सिविल अस्पताल में लगातार चल रहे धरने के दौरान बुधवार को परिवार वाले भीम आर्मी व कई अन्य दलित संगठनों के साथ लघु सचिवालय पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे. जहां कई प्रदर्शनकारी उग्र हो गए थे. पुलिस को स्थिति कंट्रोल करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों की तरफ से हुए पथराव और पुलिस के लाठीचार्ज से कई पुलिसकर्मी व प्रदर्शनकारी घायल हुए. जिनका इलाज चल रहा है.
इस मामले में हिसार पुलिस ने चार नामजद समेत 200 प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज किया है. एक आरोपी छांगेलाल को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज किए जाने को लेकर भीम आर्मी के प्रदीप भानखड़ संतलाल अम्बेडकर व एडवोकेट बजरंग इंदल का कहना है कि हांसी पुलिस इस मामले में जानबूझकर कारवाई नहीं कर रही है. आरोपियों के खिलाफ सबूत भी दिए गए हैं. अगर पुलिस सख्ती से पूछताछ करे तो सच सामने आ सकता है.
गौरतलब है कि जब तक हांसी पुलिस इस मामले को हत्या के तौर पर जांच नहीं करती तब तक विक्रम का अंतिम संस्कार करने से परिवार ने इंकार कर दिया है. विक्रम का शव पिछले 15 दिन से मोर्चरी में रखा गया है. करीब 200 लोगों पर दर्ज एफआईआर का विरोध व आंदोलन तेज करने के लिए शुक्रवार को कड़ा फैसला लिया जा सकता है.