हिसार: 1970 में चौधरी बंसीलाल के समय में बनी तलवंडी रुक्का माइनर में 30 साल बाद पानी पहुंचा. इससे पानी को तरस रहे क्षेत्रवासियों ने लड्डू बांटकर खुशी का इजहार किया. पानी की कमी होने के कारण इस माइनर में लगभग 1989 के बाद पानी नहीं छोड़ा गया. जिसके बाद तलवंडी रुक्का माइनर रेत के टीलों के नीचे लगभग 8 फिट दब चुकी थी.
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इस नहर के जीर्णोद्धार से 4 गांव के करीब 21000 की आबादी को फायदा होगा. इसके अलावा करीब 5299 एकड़ जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा.
खास बात ये है कि इस नहर के जीर्णोद्धार में मशीनों का प्रयोग ना करते हुए लगभग 700 मनरेगा मजदूरों को लगाया गया. मनरेगा मजदूरों ने डेढ़ माह में इसका काम लगभग पूरा कर लिया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2018 में इस नहर के जीर्णोद्धार की घोषणा ग्रामीणों की मांग पर की थी.
एडीसी अमरजीत सिंह मान ने बताया कि नहर खुदाई का कार्य मनरेगा योजना के तहत किया गया है. इसमें 90 फीसदी राशि केंद्र और 10 फीसदी राशि हरियाणा सरकार ने खर्च की है. केंद्र की ओर से इस नहर के लिए 63 लाख 83 हजार का बजट भी भेजा गया. मनरेगा के तहत इस काम पर अब तक करीब 37 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं.
एडीसी अमरजीत सिंह मान ने बताया कि तलवंडी रुक्का माइनर स्याड़वा हाउस पंप से निकलती है. इससे स्याड़वा, तलवंडी रुक्का, तलवंडी बादशाहपुर जैसे 4 गांव को फायदा पहुंचेगा. अभी तक यहां के किसान बरसाती पानी पर निर्भर रहते थे, जिन्हें अब नहरी पानी भी मिलेगा.