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नारनौंद विधानसभा सीट: एक तरफ बीजेपी के अभिमन्यु, दूसरी तरफ कांग्रेस का 42 साल का इतंजार

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Published : Sep 30, 2019, 4:09 PM IST

हरियाणा में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. 21 अक्टूबर को मतदान होगा और 24 अक्टूबर को परिणाम आएगा. उससे पहले ईटीवी भारत के इस खास कार्यक्रम 'चौधर की जंग' में हम आपको हर विधानसभा सीट का लेखा जोखा बता रहे हैं. इस बार हम बात करेंगे नारनौंद विधानसभा सीट की.

narnaund assembly

हिसार: नारनौंद विधानसभा सीट हिसार जिले की महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. जाट बहुल इस क्षेत्र में ज्यादातर विधायक भी जाट समुदाय के ही बनते हैं. 2014 के चुनाव में बीजेपी के कैप्टन अभिमन्यु द्वारा यहां से चुनाव लड़ने के कारण ये सीट सुर्खियों में रही थी.

कैप्टन अभिमन्यु
चुनाव जीतने के बाद कैप्टन अभिमन्यु.

बीजेपी के अभिमन्यु ने पहली बार जीता चुनाव
अभिमन्यु बीजेपी के बड़े नेता के रूप में नारनौंद के चुनावी मैदान में उतरे थे. राजनीति में आने से पहले अभिमन्यु 6 साल तक भारतीय सेना में काम कर चुके थे. 2014 में बीजेपी के साथ चुनाव से पहले हजकां गठबंधन में थी और कई बार रैलियों में उनकी गठबंधन की साथी और मौजूदा समय में हांसी से विधायक रेणुका बिश्नोई अभिमन्यु को सीएम पद का उम्मीदवार बता चुकी थीं. अभिमन्यु 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले साल 2009 विधानसभा चुनाव और दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके थे, लेकिन हर बार उन्हें हार मिली थी. पहले 2004 लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और फिर 2005 उपचुनाव में दीपेंद्र हुड्डा ने उन्हें मात दी थी. 2009 के विधानसभा चुनाव में वे तीसरे नंबर पर रहे थे. हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में अपनी पहली जीत दर्ज करते हुए उन्होंने यहां भगवा लहराया था.

राज सिंह मोर
राज सिंह मोर.

इनेलो ने मौजूदा विधायक के पति को मैदान में उतारा
इस सीट पर 2014 में इनेलो ने अपनी विधायक सरोज मोर के पति राज सिंह मोर को मैदान में उतारा था. सरोज मोर का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के चलते राज सिंह को टिकट दी गई थी. राज सिंह मोर ने तब अच्छे वोट भी लिए लेकिन मोदी लहर में कैप्टन अभिमन्यु बाजी मार गए और राज सिंह मोर को करीबी मुकाबले में 5,761 वोट से मात मिली थी.

राजबीर संधु
राजबीर संधु.

कांग्रेस का सूखा नहीं हुआ खत्म
वहीं पिछले आठ विधानसभा चुनावों से कांग्रेस को यहां से मायूसी ही हाथ लग रही थी. 1972 में कांग्रेस की जीत के बाद से हरियाणा की नारनौंद सीट कांग्रेस के खाते में नहीं जा सकी. 2014 से पहले आठ विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस को अभी भी यहां से जीत की आस थी. 2014 में कांग्रेस ने यहां से राजबीर संधु पर दांव खेला था जो उल्टा पड़ गया और वो सिर्फ 11,213 वोट ही ले पाए व चौथे नंबर पर रहे और इस परिणाम के साथ ही कांग्रेस का इंतजार बढ़ता गया.

रामकुमार गौतम
रामकुमार गौतम.

निर्दलीय ने कांग्रेस से तीन गुणा ज्यादा वोट लिए
कांग्रेस उम्मीदवार से तीन गुणा ज्यादा वोट आजाद उम्मीदवार भी ले गए थे. 2009 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी रामकुमार गौतम ने यहां से 2014 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और 34,756 वोट हासिल की थी. रामकुमार यहां से 2005 में बीजेपी की टिकट पर विधायक बने थे. वहीं 2009 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गए थे इसलिए 2014 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी थी.

हरियाणा मतदान.
कांसेप्ट इमेज.

नारनौंद सीट का इतिहास
हिसार की नारनौंद विधानसभा सीट दो ओर से जींद और रोहतक जिले से घिरी हुई है. यहां पर जाट और शिड्यूल कास्ट मतदाता अधिक संख्या में है. साल 2007 में विधानसभा क्षेत्रों की सीमाबंदी के बाद बरवाला, घिराई और हांसी विधानसभा के पोलिंग बूथ नारनौंद विधानसभा क्षेत्र में मिला दिए गए थे. धार्मिक रूप से यहां का देवराज मंदिर श्रद्धालुओं की आस्‍था का प्रमुख केंद्र है. नगरपालिका समिति कार्यालय समेत कई बड़े सरकारी कार्यालय यहां होने से यह जिले की राजनीति का प्रमुख केंद्र भी माना जाता है. यहां के मतदाताओं ने कभी भी किसी एक दल पर भरोसा नहीं जताया और लगभग हर बार अलग-अलग दलों के नेताओं को विधायक चुना. क्षेत्र के कद्दावर नेता वीरेंद्र सिंह यहां से लगातार चार बार विधायक बने.

sonia gandhi and bs hooda
2014 के चुनाव में एक रैली के दौरान सोनिया गांधी के साथ भूपेंद्र सिंह हुड्डा.

2014 विधानसभा चुनाव का परिणाम
2014 के चुनाव में नारनौंद में 1,86,568 मतदाता थे जिसमें से 1,54,101 लोगों ने मतदान किया था. नारनौंद में कुल 82.59 प्रतिशत मतदान हुआ था और ये उन विधानसभा सीटों में से एक थी जहां 2014 के चुनाव में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था. यहां बीजेपी उम्मीदवार कैप्टन अभिमन्यु ने इनेलो के राज सिंह मोर को हराया था. अभिमन्यु को 53,770 वोट मिले थे और राज सिंह मोर को 48,009 वोट प्राप्त हुए थे. निर्दलीय उम्मीदवार राम कुमार गौतम 34,756 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. कांग्रेस प्रत्याशी राजबीर संधु को मात्र 11,213 वोट मिले थे और वे चौथे नंबर पर रहे थे.

कैप्टन अभिमन्यु
कैप्टन अभिमन्यु.

क्या हैं 2019 के समीकरण?
2019 के चुनाव में राजनीतिक विशेषज्ञ यहां से बीजेपी और कांग्रेस में ही बड़ा मुकाबला मानकर चल रहे हैं. बीजेपी की ओर से यहां से वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है तो वहीं अपना 42 साल का सूखा खत्म करने की जुगत में लगी कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इंडियन नेशनल लोकदल ने भी अभी तक यहां से किसी के नाम की घोषणा नहीं की है. वहीं नवगठित जननायक जनता पार्टी ने यहां से पूर्व विधायक रामकुमार गौतम पर दांव खेला है.

चुनाव हरियाणा
कांसेप्ट इमेज.

2019 में मतदाता
कुल मतदाता- 1,98,052
पुरुष- 1,08,699
महिला- 89,351
ट्रांसजेंडर- 2

नारनौंद से कब कौन बना विधायक-

  • 1972 में जोगिंदर सिंह कांग्रेस
  • 1977 में वीरेंद्र सिंह जेएनपी
  • 1982 में वीरेंद्र सिंह लोकदल
  • 1987 में वीरेंद्र सिंह लोकदल
  • 1991 में वीरेंद्र सिंह जनता दल
  • 1996 में जसवंत सिंह एचवीपी
  • 2000 में राम भगत निर्दलीय
  • 2005 में राम कुमार बीजेपी
  • 2009 में सरोज इनेलो
  • 2014 में कैप्टन अभिमन्यु बीजेपी

हिसार: नारनौंद विधानसभा सीट हिसार जिले की महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. जाट बहुल इस क्षेत्र में ज्यादातर विधायक भी जाट समुदाय के ही बनते हैं. 2014 के चुनाव में बीजेपी के कैप्टन अभिमन्यु द्वारा यहां से चुनाव लड़ने के कारण ये सीट सुर्खियों में रही थी.

कैप्टन अभिमन्यु
चुनाव जीतने के बाद कैप्टन अभिमन्यु.

बीजेपी के अभिमन्यु ने पहली बार जीता चुनाव
अभिमन्यु बीजेपी के बड़े नेता के रूप में नारनौंद के चुनावी मैदान में उतरे थे. राजनीति में आने से पहले अभिमन्यु 6 साल तक भारतीय सेना में काम कर चुके थे. 2014 में बीजेपी के साथ चुनाव से पहले हजकां गठबंधन में थी और कई बार रैलियों में उनकी गठबंधन की साथी और मौजूदा समय में हांसी से विधायक रेणुका बिश्नोई अभिमन्यु को सीएम पद का उम्मीदवार बता चुकी थीं. अभिमन्यु 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले साल 2009 विधानसभा चुनाव और दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके थे, लेकिन हर बार उन्हें हार मिली थी. पहले 2004 लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और फिर 2005 उपचुनाव में दीपेंद्र हुड्डा ने उन्हें मात दी थी. 2009 के विधानसभा चुनाव में वे तीसरे नंबर पर रहे थे. हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में अपनी पहली जीत दर्ज करते हुए उन्होंने यहां भगवा लहराया था.

राज सिंह मोर
राज सिंह मोर.

इनेलो ने मौजूदा विधायक के पति को मैदान में उतारा
इस सीट पर 2014 में इनेलो ने अपनी विधायक सरोज मोर के पति राज सिंह मोर को मैदान में उतारा था. सरोज मोर का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के चलते राज सिंह को टिकट दी गई थी. राज सिंह मोर ने तब अच्छे वोट भी लिए लेकिन मोदी लहर में कैप्टन अभिमन्यु बाजी मार गए और राज सिंह मोर को करीबी मुकाबले में 5,761 वोट से मात मिली थी.

राजबीर संधु
राजबीर संधु.

कांग्रेस का सूखा नहीं हुआ खत्म
वहीं पिछले आठ विधानसभा चुनावों से कांग्रेस को यहां से मायूसी ही हाथ लग रही थी. 1972 में कांग्रेस की जीत के बाद से हरियाणा की नारनौंद सीट कांग्रेस के खाते में नहीं जा सकी. 2014 से पहले आठ विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस को अभी भी यहां से जीत की आस थी. 2014 में कांग्रेस ने यहां से राजबीर संधु पर दांव खेला था जो उल्टा पड़ गया और वो सिर्फ 11,213 वोट ही ले पाए व चौथे नंबर पर रहे और इस परिणाम के साथ ही कांग्रेस का इंतजार बढ़ता गया.

रामकुमार गौतम
रामकुमार गौतम.

निर्दलीय ने कांग्रेस से तीन गुणा ज्यादा वोट लिए
कांग्रेस उम्मीदवार से तीन गुणा ज्यादा वोट आजाद उम्मीदवार भी ले गए थे. 2009 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी रामकुमार गौतम ने यहां से 2014 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और 34,756 वोट हासिल की थी. रामकुमार यहां से 2005 में बीजेपी की टिकट पर विधायक बने थे. वहीं 2009 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गए थे इसलिए 2014 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी थी.

हरियाणा मतदान.
कांसेप्ट इमेज.

नारनौंद सीट का इतिहास
हिसार की नारनौंद विधानसभा सीट दो ओर से जींद और रोहतक जिले से घिरी हुई है. यहां पर जाट और शिड्यूल कास्ट मतदाता अधिक संख्या में है. साल 2007 में विधानसभा क्षेत्रों की सीमाबंदी के बाद बरवाला, घिराई और हांसी विधानसभा के पोलिंग बूथ नारनौंद विधानसभा क्षेत्र में मिला दिए गए थे. धार्मिक रूप से यहां का देवराज मंदिर श्रद्धालुओं की आस्‍था का प्रमुख केंद्र है. नगरपालिका समिति कार्यालय समेत कई बड़े सरकारी कार्यालय यहां होने से यह जिले की राजनीति का प्रमुख केंद्र भी माना जाता है. यहां के मतदाताओं ने कभी भी किसी एक दल पर भरोसा नहीं जताया और लगभग हर बार अलग-अलग दलों के नेताओं को विधायक चुना. क्षेत्र के कद्दावर नेता वीरेंद्र सिंह यहां से लगातार चार बार विधायक बने.

sonia gandhi and bs hooda
2014 के चुनाव में एक रैली के दौरान सोनिया गांधी के साथ भूपेंद्र सिंह हुड्डा.

2014 विधानसभा चुनाव का परिणाम
2014 के चुनाव में नारनौंद में 1,86,568 मतदाता थे जिसमें से 1,54,101 लोगों ने मतदान किया था. नारनौंद में कुल 82.59 प्रतिशत मतदान हुआ था और ये उन विधानसभा सीटों में से एक थी जहां 2014 के चुनाव में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था. यहां बीजेपी उम्मीदवार कैप्टन अभिमन्यु ने इनेलो के राज सिंह मोर को हराया था. अभिमन्यु को 53,770 वोट मिले थे और राज सिंह मोर को 48,009 वोट प्राप्त हुए थे. निर्दलीय उम्मीदवार राम कुमार गौतम 34,756 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. कांग्रेस प्रत्याशी राजबीर संधु को मात्र 11,213 वोट मिले थे और वे चौथे नंबर पर रहे थे.

कैप्टन अभिमन्यु
कैप्टन अभिमन्यु.

क्या हैं 2019 के समीकरण?
2019 के चुनाव में राजनीतिक विशेषज्ञ यहां से बीजेपी और कांग्रेस में ही बड़ा मुकाबला मानकर चल रहे हैं. बीजेपी की ओर से यहां से वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है तो वहीं अपना 42 साल का सूखा खत्म करने की जुगत में लगी कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इंडियन नेशनल लोकदल ने भी अभी तक यहां से किसी के नाम की घोषणा नहीं की है. वहीं नवगठित जननायक जनता पार्टी ने यहां से पूर्व विधायक रामकुमार गौतम पर दांव खेला है.

चुनाव हरियाणा
कांसेप्ट इमेज.

2019 में मतदाता
कुल मतदाता- 1,98,052
पुरुष- 1,08,699
महिला- 89,351
ट्रांसजेंडर- 2

नारनौंद से कब कौन बना विधायक-

  • 1972 में जोगिंदर सिंह कांग्रेस
  • 1977 में वीरेंद्र सिंह जेएनपी
  • 1982 में वीरेंद्र सिंह लोकदल
  • 1987 में वीरेंद्र सिंह लोकदल
  • 1991 में वीरेंद्र सिंह जनता दल
  • 1996 में जसवंत सिंह एचवीपी
  • 2000 में राम भगत निर्दलीय
  • 2005 में राम कुमार बीजेपी
  • 2009 में सरोज इनेलो
  • 2014 में कैप्टन अभिमन्यु बीजेपी
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narnaund constituency details of haryana 



नारनौंद विधानसभा सीट: एक तरफ बीजेपी के 'अभिमन्यु', दूसरी तरफ कांग्रेस का 42 साल का इतंजार



हरियाणा में विधानसभा चुनाव के शंखनाद हो चुका है. 21 अक्टूबर को मतदान होगा और 24 अक्टूबर को परिणाम आएगा. उससे पहले ईटीवी भारत के इस खास कार्यक्रम 'चौधर की जंग' में हम आपको हर विधानसभा सीट का लेखा जोखा बता रहे हैं. इस बार हम बात करेंगे नारनौंद विधानसभा सीट की.

हिसार: नारनौंद विधानसभा सीट हिसार जिले की महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. जाट बहुल इस क्षेत्र में ज्यादातर विधायक भी जाट समुदाय के ही बनते हैं. 2014 के चुनाव में बीजेपी के कैप्टन अभिमन्यु द्वारा यहां से चुनाव लड़ने के कारण ये सीट सुर्खियों में रही थी. 

बीजेपी के अभिमन्यु ने पहली बार जीता चुनाव

अभिमन्यु बीजेपी के बड़े नेता के रूप में नारनौंद के चुनावी मैदान में उतरे थे. राजनीति में आने से पहले अभिमन्यु 6 साल तक भारतीय सेना में काम कर चुके थे. 2014 में बीजेपी के साथ चुनाव से पहले हजकां गठबंधन में थी और कई बार रैलियों में उनकी गठबंधन की साथी और मौजूदा समय में हांसी से विधायक रेणुका बिश्नोई अभिमन्यु को सीएम पद का उम्मीदवार बता चुकी थीं. 

अभिमन्यु 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले 2009 विधानसभा चुनाव और दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके थे लेकिन हर बार उन्हें हार मिली थी. पहले 2004 लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और फिर 2005 उपचुनाव में दीपेंद्र हुड्डा ने उन्हें मात दी थी. 2009 के विधानसभा चुनाव में वे तीसरे नंबर पर रहे थे. हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में अपनी पहली जीत दर्ज करते हुए उन्होंने यहां भगवा लहराया था.

इनेलो ने मौजूदा विधायक के पति को मैदान में उतारा 

इस सीट पर 2014 में इनेलो ने अपनी विधायक सरोज मोर के पति राज सिंह मोर को मैदान में उतारा था. सरोज मोर का स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते राज सिंह को टिकट दी गई थी. राज सिंह मोर ने तब अच्छे वोट भी लिए लेकिन मोदी लहर में कैप्टन अभिमन्यु बाजी मार गए और राज सिंह मोर को करीबी मुकाबले में 5,761 वोट से मात मिली थी.

कांग्रेस का सूखा नहीं हुआ खत्म

वहीं पिछले आठ विधानसभा चुनावों से कांग्रेस को यहां से मायूसी ही हाथ लग रही थी. 1972 में कांग्रेस की जीत के बाद से हरियाणा की नारनौंद सीट कांग्रेस के खाते में नहीं जा सकी. 2014 से पहले आठ विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस को अभी भी यहां से जीत की आस थी. 2014 में कांग्रेस ने यहां से राजबीर संधु पर दाव खेला था जो उल्टा पड़ गया और वो सिर्फ 11,213 वोट ही ले पाए व चौथे नंबर पर रहे और कांग्रेस का इंतजार बढ़ता गया. 

निर्दलीय ने कांग्रेस से तीन गुणा ज्यादा वोट लिए

कांग्रेस उम्मीदवार से तीन गुणा ज्यादा वोट आजाद उम्मीदवार भी ले गए थे. 2009 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी रामकुमार गौतम ने यहां से 2014 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और 34,756 वोट हासिल की थी. रामकुमार यहां से 2005 में बीजेपी की टिकट पर विधायक बने थे. वहीं 2009 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गए थे इसलिए 2014 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी थी.

नारनौंद सीट का इतिहास

हिसार की नारनौंद विधानसभा सीट दो ओर से जींद और रोहतक जिले से घिरी हुई है. यहां पर जाट वोट बैंक और अधिक संख्या में शिड्यूल कास्ट मतदाता है. साल 2007 में विधानसभा क्षेत्रों की सीमाबंदी के बाद बरवाला, घिराई और हांसी विधानसभा के पोलिंग बूथ नारनौंद विधानसभा क्षेत्र में मिला दिए गए. धार्मिक रूप से यहां का देवराज मंदिर श्रद्धालुओं की आस्‍था का प्रमुख केंद्र है.

नगरपालिका समिति कार्यालय समेत कई बड़े सरकारी कार्यालय यहां होने से यह जिले की राजनीति का प्रमुख केंद्र भी माना जाता है. यहां के मतदाताओं ने कभी भी किसी एक दल पर भरोसा नहीं जताया और लगभग हर बार अलग-अलग दलों के नेताओं को विधायक चुना. क्षेत्र के कद्दावर नेता विरेंदर सिंह यहां से लगातार चार बार विधायक बने. 

2014 विधानसभा चुनाव का परिणाम

2014 के चुनाव में नारनौंद में 1,86,568 मतदाता थे जिसमें से 1,54,101 लोगों ने मतदान किया था. नारनौंद में कुल 82.59 प्रतिशत मतदान हुआ था और ये उन विधानसभा सीटों में से एक थी जहां 2014 के चुनाव में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था. यहां बीजेपी उम्मीदवार कैप्टन अभिमन्यु ने इनेलो के राज सिंह मोर को हराया था. अभिमन्यु को 53,770 वोट मिले थे और राज सिंह मोर को 48,009 वोट प्राप्त हुए थे. निर्दलीय उम्मीदवार राम कुमार गौतम 34,756 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. कांग्रेस प्रत्याशी राजबीर संधु को मात्र 11,213 वोट मिले थे और वे चौथे नंबर पर रहे थे.

क्या हैं 2019 के समीकरण?

2019 के चुनाव में राजनीतिक विशेषज्ञ यहां से बीजेपी और कांग्रेस में ही बड़ा मुकाबला मानकर चल रहे हैं. बीजेपी की ओर से यहां से वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का चुनाव लड़ना तया माना जा रहा है तो वहीं अपना 42 साल का सूखा खत्म करने की जुगत में लगी कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इंडियन नेशनल लोकदल ने भी अभी तक यहां से किसी के नाम की घोषणा नहीं की है. वहीं नवगठित जननायक जनता पार्टी ने यहां से पूर्व विधायक रामकुमार गौतम पर दांव खेला है.

2019 में मतदाता 

कुल मतदाता- 1,98,052

पुरुष- 1,08,699

महिला- 89,351

ट्रांसजेंडर- 2

नारनौंद से कब कौन बना विधायक-

1972 जोगिंदर सिंह कांग्रेस

1977 वीरेंद्र सिंह जेएनपी

1982 वीरेंद्र सिंह लोकदल

1987 वीरेंद्र सिंह लोकदल

1991 वीरेंद्र सिंह जनता दल

1996 जसवंत सिंह एचवीपी

2000 राम भगत निर्दलीय

2005 राम कुमार बीजेपी

2009 सरोज इनेलो

2014 कैप्टन अभिमन्यु बीजेपी

 


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