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हिसार के मय्यड़ टोल पर 7 अप्रैल को होगी महिला किसानों की महापंचायत

धरने का नेतृत्व करते हुए रेशमा कंबोज ने कहा कि किसान आंदोलन की बागडोर महिलाओं ने संभाल ली है. 7 अप्रैल को मय्यड़ टोल पर जिले की महिलाओं की एक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है. इसमें महिलाओं की संघर्ष समितियां गठित कर आंदोलन को मजबूत बनाएंगे.

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Published : Apr 6, 2021, 12:16 PM IST

Updated : Apr 6, 2021, 12:28 PM IST

महिला किसान
महिला किसान

हिसार: सिरसा हाइवे के चिकनवास टोल पर कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का धरना 103वें दिन भी लगातार जारी है. इस धरने का नेतृत्व खेती बचाओ संघर्ष समिति फिरोजपुर के प्रधान दलजीत सिंह, महिला किसान नेता रेशमा कंबोज, सतबीर डूडी कर रहे है. वहीं धरनास्थल पर 7 अप्रैल को मय्यड़ टोल पर होने वाली महिलाओं की महापंचायत को लेकर तैयारियां भी जोरों से चल रही है.

ये भी पढ़े- दुष्यंत चौटाला का पानी भी नहीं पीना चाहते किसान, इस जिले में पानी की कमी के बावजूद लौटा दिए टैंकर

धरने का नेतृत्व करते हुए रेशमा कंबोज ने कहा कि हमें अपनी खेती को बचाना है. चाहे हमें इसके लिए अपनी जान भी गंवानी क्यों ना पड़े. रेशमा कंबोज ने कहा कि इस आंदोलन की बागडोर महिलाओं ने संभाल ली है.

7 अप्रैल को मय्यड़ टोल पर जिले की महिलाओं की एक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है. इसमें पंजाब की महिलाएं भी बढ़-चढ़कर भाग लेंगी और महिलाओं की संघर्ष समितियां गठित कर आंदोलन को मजबूत बनाएंगे. किसानों के साथ महिलाएं आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर काले कानूनों के विरोध में लड़ाई लड़ रही हैं.

ये भी पढ़े- ताऊ देवीलाल की पुण्यतिथि पर जेजेपी प्रदेश में लगाएगी मुफ्त कोरोना वैक्सीन कैंप

वहीं राजस्थान हाइवे के चौधरीवास टोल पर किसानों और मजदूरों का भी जारी है. सोमवार को किसानों ने धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी.

हिसार: सिरसा हाइवे के चिकनवास टोल पर कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का धरना 103वें दिन भी लगातार जारी है. इस धरने का नेतृत्व खेती बचाओ संघर्ष समिति फिरोजपुर के प्रधान दलजीत सिंह, महिला किसान नेता रेशमा कंबोज, सतबीर डूडी कर रहे है. वहीं धरनास्थल पर 7 अप्रैल को मय्यड़ टोल पर होने वाली महिलाओं की महापंचायत को लेकर तैयारियां भी जोरों से चल रही है.

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धरने का नेतृत्व करते हुए रेशमा कंबोज ने कहा कि हमें अपनी खेती को बचाना है. चाहे हमें इसके लिए अपनी जान भी गंवानी क्यों ना पड़े. रेशमा कंबोज ने कहा कि इस आंदोलन की बागडोर महिलाओं ने संभाल ली है.

7 अप्रैल को मय्यड़ टोल पर जिले की महिलाओं की एक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है. इसमें पंजाब की महिलाएं भी बढ़-चढ़कर भाग लेंगी और महिलाओं की संघर्ष समितियां गठित कर आंदोलन को मजबूत बनाएंगे. किसानों के साथ महिलाएं आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर काले कानूनों के विरोध में लड़ाई लड़ रही हैं.

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वहीं राजस्थान हाइवे के चौधरीवास टोल पर किसानों और मजदूरों का भी जारी है. सोमवार को किसानों ने धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी.

Last Updated : Apr 6, 2021, 12:28 PM IST
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