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हिसार: डीजल की बढ़ती कीमतों के लेकर 20 जुलाई को सड़कों पर उतरेंगे किसान - खरड़ अलीपुर गांव किसान बैठक

हिसार के खरड़ अलीपुर गांव में किसानों ने भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले एक बैठक की. इस दौरान किसानों ने सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर कड़ा रोष जताया.

Hisar farmers will protest against government policies on July 20
डीजल की बढ़ती कीमतों के लेकर 20 जुलाई को सड़कों पर उतरेंगे किसान
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Published : Jul 16, 2020, 1:14 PM IST

हिसार: किसानों ने भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले खरड़ अलीपुर गांव में एक बैठक का आयोजन किया. इस दौरान बैठक की अध्यक्षता प्रधान बबलु खरड़ ने की. बैठक में सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर कड़ा रोष जताया गया. किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के खिलाफ कई ऐसे अध्यादेश लेकर आई है. जिससे किसानों का माल व्यापारी खरीद कर स्टॉक कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों का कर्जा माफ करते हुए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करनी चाहिए. जिससे किसानों को उनकी फसल लागत का डेढ़ गुणा भाव मिल सके. लेकिन सरकार की नीतियों के चलते आने वाले दिनों में कंपनियां खेती करने का कॉन्ट्रैक्ट लेगी और अपनी मर्जी से किसानों को भाव देगी.

उन्होंने कहा कि इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले एक क्विंटन गेहूं में एक ड्रम डीजल तेल आ जाता था. लेकिन अब एक क्विंटल गेहूं 1900 और तेल के ड्रम की कीमत 14 हजार पहुंच चुकी है. ऐसे में सरकार की नीतियों को आसानी से समझा जा सकता है.

ये भी पढ़िए: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के परीक्षा मूल्यांकन पर सैलजा ने उठाए सवाल, सीएम को लिखा पत्र

उन्होंने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के विरोध में 20 जुलाई को जिले भर के किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ क्रांतिमान पार्क में एकत्र होंगे और काले झंडों के साथ विरोध जताते हुए लघुसचिवालय पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे.

हिसार: किसानों ने भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले खरड़ अलीपुर गांव में एक बैठक का आयोजन किया. इस दौरान बैठक की अध्यक्षता प्रधान बबलु खरड़ ने की. बैठक में सरकार की किसान विरोधी नीतियों पर कड़ा रोष जताया गया. किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के खिलाफ कई ऐसे अध्यादेश लेकर आई है. जिससे किसानों का माल व्यापारी खरीद कर स्टॉक कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों का कर्जा माफ करते हुए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करनी चाहिए. जिससे किसानों को उनकी फसल लागत का डेढ़ गुणा भाव मिल सके. लेकिन सरकार की नीतियों के चलते आने वाले दिनों में कंपनियां खेती करने का कॉन्ट्रैक्ट लेगी और अपनी मर्जी से किसानों को भाव देगी.

उन्होंने कहा कि इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले एक क्विंटन गेहूं में एक ड्रम डीजल तेल आ जाता था. लेकिन अब एक क्विंटल गेहूं 1900 और तेल के ड्रम की कीमत 14 हजार पहुंच चुकी है. ऐसे में सरकार की नीतियों को आसानी से समझा जा सकता है.

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उन्होंने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के विरोध में 20 जुलाई को जिले भर के किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ क्रांतिमान पार्क में एकत्र होंगे और काले झंडों के साथ विरोध जताते हुए लघुसचिवालय पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे.

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