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ओवरलोड ट्रक ड्राइवरों को आरटीओ की लोकेशन बताने वाले गिरोह का पर्दाफाश, आरटीओ ड्राइवर ही निकला सरगना - hisar latest news

हिसार में रोड एंड ट्रांसपोर्ट ऑफिसर यानि आरटीओ का लोकेशन ओवरलोड ट्रकों को बताने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. हैरान करने वाली बात ये है कि इसका सरगना हिसार आरटीओ (RTO Hisar) का ड्राइवर ही निकला जो ट्रक ड्राइवरों को उनके निकलने की सूचना देता था.

gang telling rto location in hisar
gang telling rto location in hisar
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Published : May 23, 2022, 11:01 PM IST

हिसार: पुलिस ने रोड एंड ट्रांसपोर्ट ऑफिसर यानि आरटीओ (आरटीओ हिसार) की सूचना को लीक करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. दरअसल यह गिरोह ओवरलोड वाहनों की चेकिंग के लिए निकलते ही आरटीओ की सूचना ओवरलोड ट्रक चलाने वाले ड्राइवरों तक पहुंचाता था. जिससे ओवरलोड चलाने वाले ट्रक ड्राइवर आरटीओ की छापेमारी से बच जाते थे. इस पूरे खेल में आरटीओ का ड्राइवर ही आरोपी निकला. वही आरटीओ की लोकेशन इस गिरोह तक पहुंचाता था.

डीएसपी नारायण चंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि आरटीओ हिसार का ड्राइवर प्रदीप खुद अन्य दो लोगों के साथ मिलकर उनकी सूचना को लीक करता था. सूचना लीक के लिए दो वाट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे. यह व्हाट्सऐप हर-हर महादेव और दूसरा वाट्सऐप ग्रुप का नाम जय श्री राम के नाम से था. आरटीओ ड्राइवर प्रदीप अपने बाकी दो साथियों को आरटीओ के मूवमेंट की खबर देता था. उसके साथी ये खबर तुरंत सभी वाट्सऐप ग्रुप में फैला देते थे. आरटीओ अधिकारी किस रोड पर निकल रहे हैं इसकी जानकारी ट्रक ड्राइवरों को इसी मैसेज के जरिए मिल जाती थी. उसके बाद ओवर लोड चलने वाले ट्रक चालक अपनी गाड़ी साइड में लगाकर किसी कार्रवाई से बच जाते थे.

कैसे शुरू हुआ पूरा खेल- मामले में आरोपी न्यू मॉडल टाउन निवासी अजय, श्योपुरा राजगढ़ निवास प्रदीप और खावड़ा जिला फतेहाबाद निवासी सतीश उर्फ चीनू के पास डंफर गाड़ियां थी. तोशाम रोड, राजगढ़ रोड, फतेहबाद व दिल्ली रोड पर ओवर लोडिंग ट्रक व डम्फर चलते हैं. जिस पर तीनों ने योजना बनाई कि ट्रक व डम्फर मालिकों से सम्पर्क करके उनसे प्रति माह पैसे लेकर ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों की लोकेशन हम ट्रक व डम्फर मालिकों को बतायेंगे. जिससे इन्हे अच्छी आमदनी की संभावना थी.

इसके बाद आरोपियों ने ट्रक व डम्फर मालिको से सम्पर्क किया. हर-हर महादेव व जय श्रीराम नाम से दो व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गये. दोनो ग्रुपो में करीब 250 ट्रक व डंफर ड्राईवरों व मालिकों के नम्बर जोड़ दिए गये. अजय तोशाम रोड पर आने वाली गाडियों, प्रदीप राजगढ़ रोड और सतीश फतेहबाद रोड पर आने वाली गाडियों को आरटीओ की लोकेशन व्हाट्सऐप के माध्यम से देते थे. जिससे इन्हे ट्रक व डम्फर मालिकों से पैसे मिलते थे. आरोपियों की आपसी बातचीत भी व्हाट्सएप के माध्यम से होती थी.

जितेन्द्र उर्फ लम्बू की आरटीओ हिसार के ड्राइवर राजगढ़ निवासी प्रदीप से दोस्ती थी. राजगढ़ निवासी प्रदीप योजना के अनुसार आरटीओ हिसार की लोकेशन जितेंद्र उर्फ लंबू को देता था. जितेंद्र उसे आगे वाट्सऐप ग्रुप में फारवर्ड करता था. पुलिस टीम ने आरोपियों से वारदात में प्रयोग गाड़ी और मोबाइल फोन बरामद किया है. इस गिरोह की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरटीओ के ड्राइवर सहित दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इन्हें कोर्ट में पेश करके पुलिस रिमांड हासिल करने की कोशिश करेगी ताकि इनके पूरे गिरोह का खुलासा हो सके.

हिसार: पुलिस ने रोड एंड ट्रांसपोर्ट ऑफिसर यानि आरटीओ (आरटीओ हिसार) की सूचना को लीक करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. दरअसल यह गिरोह ओवरलोड वाहनों की चेकिंग के लिए निकलते ही आरटीओ की सूचना ओवरलोड ट्रक चलाने वाले ड्राइवरों तक पहुंचाता था. जिससे ओवरलोड चलाने वाले ट्रक ड्राइवर आरटीओ की छापेमारी से बच जाते थे. इस पूरे खेल में आरटीओ का ड्राइवर ही आरोपी निकला. वही आरटीओ की लोकेशन इस गिरोह तक पहुंचाता था.

डीएसपी नारायण चंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि आरटीओ हिसार का ड्राइवर प्रदीप खुद अन्य दो लोगों के साथ मिलकर उनकी सूचना को लीक करता था. सूचना लीक के लिए दो वाट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे. यह व्हाट्सऐप हर-हर महादेव और दूसरा वाट्सऐप ग्रुप का नाम जय श्री राम के नाम से था. आरटीओ ड्राइवर प्रदीप अपने बाकी दो साथियों को आरटीओ के मूवमेंट की खबर देता था. उसके साथी ये खबर तुरंत सभी वाट्सऐप ग्रुप में फैला देते थे. आरटीओ अधिकारी किस रोड पर निकल रहे हैं इसकी जानकारी ट्रक ड्राइवरों को इसी मैसेज के जरिए मिल जाती थी. उसके बाद ओवर लोड चलने वाले ट्रक चालक अपनी गाड़ी साइड में लगाकर किसी कार्रवाई से बच जाते थे.

कैसे शुरू हुआ पूरा खेल- मामले में आरोपी न्यू मॉडल टाउन निवासी अजय, श्योपुरा राजगढ़ निवास प्रदीप और खावड़ा जिला फतेहाबाद निवासी सतीश उर्फ चीनू के पास डंफर गाड़ियां थी. तोशाम रोड, राजगढ़ रोड, फतेहबाद व दिल्ली रोड पर ओवर लोडिंग ट्रक व डम्फर चलते हैं. जिस पर तीनों ने योजना बनाई कि ट्रक व डम्फर मालिकों से सम्पर्क करके उनसे प्रति माह पैसे लेकर ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों की लोकेशन हम ट्रक व डम्फर मालिकों को बतायेंगे. जिससे इन्हे अच्छी आमदनी की संभावना थी.

इसके बाद आरोपियों ने ट्रक व डम्फर मालिको से सम्पर्क किया. हर-हर महादेव व जय श्रीराम नाम से दो व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गये. दोनो ग्रुपो में करीब 250 ट्रक व डंफर ड्राईवरों व मालिकों के नम्बर जोड़ दिए गये. अजय तोशाम रोड पर आने वाली गाडियों, प्रदीप राजगढ़ रोड और सतीश फतेहबाद रोड पर आने वाली गाडियों को आरटीओ की लोकेशन व्हाट्सऐप के माध्यम से देते थे. जिससे इन्हे ट्रक व डम्फर मालिकों से पैसे मिलते थे. आरोपियों की आपसी बातचीत भी व्हाट्सएप के माध्यम से होती थी.

जितेन्द्र उर्फ लम्बू की आरटीओ हिसार के ड्राइवर राजगढ़ निवासी प्रदीप से दोस्ती थी. राजगढ़ निवासी प्रदीप योजना के अनुसार आरटीओ हिसार की लोकेशन जितेंद्र उर्फ लंबू को देता था. जितेंद्र उसे आगे वाट्सऐप ग्रुप में फारवर्ड करता था. पुलिस टीम ने आरोपियों से वारदात में प्रयोग गाड़ी और मोबाइल फोन बरामद किया है. इस गिरोह की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरटीओ के ड्राइवर सहित दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इन्हें कोर्ट में पेश करके पुलिस रिमांड हासिल करने की कोशिश करेगी ताकि इनके पूरे गिरोह का खुलासा हो सके.

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