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मेरा पानी मेरी विरासत योजना: वैकल्पिक बुवाई पर किसानों को मिलेगा 7 हजार रुपये का अनुदान - धान बुवाई हरियाणा

सरकार की मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत धान की जगह दूसरी फसल उगाने वालों किसानों को 7 हजार रुपये अनुदान दिया जाएगा.

Farmers will get 7 thousand rupees in mera pani meri virasat scheme
मेरा पानी मेरी विरासत योजना
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Published : May 29, 2020, 9:40 PM IST

हिसार: प्रदेश सरकार द्वारा धान की फसल को वैकल्पिक फसलों जैसे मक्का, कपास, बाजरा, दलहन, सब्जियां और फल द्वारा विविधीकरण करने के लिए योजना मेरा पानी मेरी विरासत की शुरुआत की है. इस योजना के अंतर्गत राज्य के सभी धान क्षेत्र वाले जिले शामिल किए गए हैं. किसान अपने पिछले साल बोए गए धान के क्षेत्र को वैकल्पिक फसलों में बदल सकता है. राज्य के अन्य खंडों में किसान स्वैच्छा अनुसार धान के क्षेत्र में विविधीकरण करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

योजना के तहत फसल विविधीकरण करने वाले किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. प्रदेश सरकार की तरफ से राज्यों के 8 ब्लॉक रतिया, सिवान, गुहला, पिपली, शाहबाद, बबैन, इस्माइलाबाद और सिरसा के गांव का भू जल स्तर 40 मीटर या अधिक है. उन ब्लाक के गांव में पिछले साल बोए गए धान के क्षेत्र में 50 प्रतिशत से अधिक में फसल विविधीकरण करने की सलाह दी गई है.

वैकल्पिक फसल बुवाई पर किसानों को मिलेगा 7 हजार रुपये का अनुदान, क्लिक कर देखें वीडियो

वहीं, जिन 12 ब्लॉक के गांव का भू-जल स्तर 35 मीटर से अधिक है उन ग्राम पंचायतों के कृषि योग्य भूमि पर धान की खेती नहीं की जाएगी तथा संबंधित ग्राम पंचायत को भी 7500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.

वो ब्लॉक जहां भू जल स्तर 40 मीटर

भू जल स्तर 40 मीटर या अधिक वाले ब्लॉक -भू जल स्तर 40 मीटर या इससे अधिक वाले ब्लॉक में फतेहाबाद जिले का रतिया जिला फतेहाबाद, सिवान और गुहला जिला कैथल, कुरुक्षेत्र जिले के पीपली, शाहबाद, बबैन, इस्माइलाबाद और सिरसा को रखा गया है. चयनित 12 ब्लॉकों की ग्राम पंचायत - रतिया, फतेहाबाद, जाखल, कैथल जिले के सिवान और गुहला, कुरुक्षेत्र जिले का पिपली, शाहबाद, बबैन, इस्माइलाबाद, थानेसर, पेहवा और सिरसा की ग्राम पंचायतें शामिल हैं. वहीं इस योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में दी जाएगी.

किस्तों में मिलेंगे पैसे

पहली किस्त पंजीकरण के सत्यापन पर 2000 रुपये और दूसरी किस्त 5000 रुपये फसल पकने पर दी जाएगी. विभाग द्वारा वैकल्पिक फसलों का बीमा भी सरकारी खर्चे पर किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- करनाल: मास्क नहीं पहनने और सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर लगेगा 500 रुपये का जुर्माना

हिसार: प्रदेश सरकार द्वारा धान की फसल को वैकल्पिक फसलों जैसे मक्का, कपास, बाजरा, दलहन, सब्जियां और फल द्वारा विविधीकरण करने के लिए योजना मेरा पानी मेरी विरासत की शुरुआत की है. इस योजना के अंतर्गत राज्य के सभी धान क्षेत्र वाले जिले शामिल किए गए हैं. किसान अपने पिछले साल बोए गए धान के क्षेत्र को वैकल्पिक फसलों में बदल सकता है. राज्य के अन्य खंडों में किसान स्वैच्छा अनुसार धान के क्षेत्र में विविधीकरण करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

योजना के तहत फसल विविधीकरण करने वाले किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. प्रदेश सरकार की तरफ से राज्यों के 8 ब्लॉक रतिया, सिवान, गुहला, पिपली, शाहबाद, बबैन, इस्माइलाबाद और सिरसा के गांव का भू जल स्तर 40 मीटर या अधिक है. उन ब्लाक के गांव में पिछले साल बोए गए धान के क्षेत्र में 50 प्रतिशत से अधिक में फसल विविधीकरण करने की सलाह दी गई है.

वैकल्पिक फसल बुवाई पर किसानों को मिलेगा 7 हजार रुपये का अनुदान, क्लिक कर देखें वीडियो

वहीं, जिन 12 ब्लॉक के गांव का भू-जल स्तर 35 मीटर से अधिक है उन ग्राम पंचायतों के कृषि योग्य भूमि पर धान की खेती नहीं की जाएगी तथा संबंधित ग्राम पंचायत को भी 7500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.

वो ब्लॉक जहां भू जल स्तर 40 मीटर

भू जल स्तर 40 मीटर या अधिक वाले ब्लॉक -भू जल स्तर 40 मीटर या इससे अधिक वाले ब्लॉक में फतेहाबाद जिले का रतिया जिला फतेहाबाद, सिवान और गुहला जिला कैथल, कुरुक्षेत्र जिले के पीपली, शाहबाद, बबैन, इस्माइलाबाद और सिरसा को रखा गया है. चयनित 12 ब्लॉकों की ग्राम पंचायत - रतिया, फतेहाबाद, जाखल, कैथल जिले के सिवान और गुहला, कुरुक्षेत्र जिले का पिपली, शाहबाद, बबैन, इस्माइलाबाद, थानेसर, पेहवा और सिरसा की ग्राम पंचायतें शामिल हैं. वहीं इस योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में दी जाएगी.

किस्तों में मिलेंगे पैसे

पहली किस्त पंजीकरण के सत्यापन पर 2000 रुपये और दूसरी किस्त 5000 रुपये फसल पकने पर दी जाएगी. विभाग द्वारा वैकल्पिक फसलों का बीमा भी सरकारी खर्चे पर किया जाएगा.

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