हिसार: काेरोना से बचाव को लेकर दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी जैसे स्लोगन सिर्फ कागज़ों तक ही सीमित हैं. हिसार की जाट धर्मशाला में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में ऐसा बिल्कुल भी नहीं देखने को मिलता.
हिसार के इस कोविड केयर सेंटर में रोगियों के लिए 20 कमरे बुक हैं. ग्राउंड फ्लोर के 10 कमराें में सामान्य नागरिकाें और फर्स्ट फ्लोर के 10 कमरों में बंदियों को रखा गया है. नियमानुसार एक कमरे में एक रोगी काे रखना चाहिए ताकि वह जल्दी स्वस्थ हो सके. मगर यहां एक-एक ताला बंद कमरे के अंदर चार से पांच बंदियों को रखा गया है.
धर्मशाला में कमरों की संख्या बहुत कम है, जिनमें कैपिसिटी से 4 गुना ज्यादा यानी 44 बंदी रखे गए हैं. इनकी पहरेदारी के लिए जान खतरे में डालकर पुलिसकर्मी बाहर गैलरी में बेड पर लेटे-बैठे नजर आए. खिड़की के पास कूलर लगा रखा था, जिसकी हवा पुलिसकर्मी खा रहे हैं. यह हवा संक्रमण फैलने का कारण बन सकती है. यहां के हेल्थ स्टाफ ने बताया कि निचले तल पर पांच-छह कोरोना पेशेंट दाखिल हैं. पिछली बार नीचे बंदियों को रखा गया था, जो भाग गए थे. इस पर ऊपर अटैच बाथरूम वाले रूम दिए हैं.
धर्मशाला में हिसार के 17, फतेहाबाद के 12, सिरसा के 9, हांसी के 5 और जीआरपी का एक बंदी दाखिल है. सुरक्षा गार्ड में करीब 20 स्वस्थ मुलाजिमों की तैनाती की गई है, मगर उनके कोरोना से बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं है. बंदियों की पहरेदारी के लिए उनके उठने-बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है. ऐसे में कोविड नियम टूट रहे हैं.
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