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सरकारी अस्पताल में नहीं मिली दवाई, युवक ने बच्ची की गुल्लक तोड़ सरकार को भेजे पैसे

अपने फैसलों को लेकर 'गब्बर' कहे जाने वाले स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने के दावों में कोई कसर नहीं छोड़ते, लेकिन उनके दावों की पोल हिसार का नागरिक अस्पताल खोल रहा है.

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Published : Jun 17, 2019, 9:23 PM IST

हिसार: भगत सिंह कॉलोनी में रहने वाले परमजीत अपनी 1 महीने की भांजी वंशिका को पेट में दर्द के चलते नागरिक अस्पताल हिसार में लेकर गए. जहां डॉक्टर ने उन्हें बच्ची के लिए कुछ दवाइयां लिख कर दी. जब वह इन दवाइयों को लेने नागरिक अस्पताल हिसार के दवाई काउंटर पर पहुंचे तो उन्हें कहा गया कि ये दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ेंगी और अस्पताल में उपलब्ध नहीं है.

सोशल मीडिया पर लिखा पत्र

इस पर बच्ची वंशिका के मामा ने दवाइयां बाहर से खरीदीं और बच्ची को लेकर घर चले गए. घर जाकर उन्होंने बच्ची वंशिका के गुल्लक को तोड़कर उसके जन्म के समय मिले कुछ पैसों को इकट्ठा किया और चीफ मिनिस्टर ऑफिस, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज सहित तमाम प्रदेश के बड़े नेताओं को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर एक पत्र लिखा.

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'सरकारी अस्पतालों के लिए खरीद लें दवाई'

उन्होंने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश भर में बड़े-बड़े दफ्तर बन रहे हैं, ऊंची-ऊंची मूर्तियां बनाई जा रही हैं और देश को मजबूत करने का दावा किया जा रहा है इसलिए वह अपनी बच्ची के जन्म पर मिले कुछ पैसों को उपायुक्त हिसार के माध्यम से आप तक पहुंचा रहे हैं जो आपके दफ्तरों के निर्माण कार्य में काम आएंगे. उन्होंने कहा कि लेकिन हो सके तो इसके साथ-साथ कुछ दवाइयां भी सरकारी अस्पतालों में मुहैया करवा दें. हालांकि जीत छुट्टियों के चलते उपायुक्त को अभी तक यह पत्र और पैसे नहीं दे पाए हैं. उनका कहना है कि वह मंगलवार को उपायुक्त से मिलकर यह पत्र और पैसे उनके माध्यम से पहुंचाएंगे.

इस मामले में सीएमओ डॉक्टर संजय दहिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर इस वक्त छुट्टी पर हैं. हो सकता है कि परिजनों के कहने पर या बच्ची को जल्द आराम दिलाने के लिए ऐसी दवाइयां लिखी गई क्योंकि इन दवाईयों की कीमत कोई ज्यादा नहीं है और इसके सामान दवाइयां नागरिक अस्पताल हिसार में मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि डॉक्टर के ड्यूटी पर आने के बाद जानकारी लेंगे की ऐसा किस वजह से हुआ है.

हिसार: भगत सिंह कॉलोनी में रहने वाले परमजीत अपनी 1 महीने की भांजी वंशिका को पेट में दर्द के चलते नागरिक अस्पताल हिसार में लेकर गए. जहां डॉक्टर ने उन्हें बच्ची के लिए कुछ दवाइयां लिख कर दी. जब वह इन दवाइयों को लेने नागरिक अस्पताल हिसार के दवाई काउंटर पर पहुंचे तो उन्हें कहा गया कि ये दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ेंगी और अस्पताल में उपलब्ध नहीं है.

सोशल मीडिया पर लिखा पत्र

इस पर बच्ची वंशिका के मामा ने दवाइयां बाहर से खरीदीं और बच्ची को लेकर घर चले गए. घर जाकर उन्होंने बच्ची वंशिका के गुल्लक को तोड़कर उसके जन्म के समय मिले कुछ पैसों को इकट्ठा किया और चीफ मिनिस्टर ऑफिस, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज सहित तमाम प्रदेश के बड़े नेताओं को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर एक पत्र लिखा.

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'सरकारी अस्पतालों के लिए खरीद लें दवाई'

उन्होंने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश भर में बड़े-बड़े दफ्तर बन रहे हैं, ऊंची-ऊंची मूर्तियां बनाई जा रही हैं और देश को मजबूत करने का दावा किया जा रहा है इसलिए वह अपनी बच्ची के जन्म पर मिले कुछ पैसों को उपायुक्त हिसार के माध्यम से आप तक पहुंचा रहे हैं जो आपके दफ्तरों के निर्माण कार्य में काम आएंगे. उन्होंने कहा कि लेकिन हो सके तो इसके साथ-साथ कुछ दवाइयां भी सरकारी अस्पतालों में मुहैया करवा दें. हालांकि जीत छुट्टियों के चलते उपायुक्त को अभी तक यह पत्र और पैसे नहीं दे पाए हैं. उनका कहना है कि वह मंगलवार को उपायुक्त से मिलकर यह पत्र और पैसे उनके माध्यम से पहुंचाएंगे.

इस मामले में सीएमओ डॉक्टर संजय दहिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर इस वक्त छुट्टी पर हैं. हो सकता है कि परिजनों के कहने पर या बच्ची को जल्द आराम दिलाने के लिए ऐसी दवाइयां लिखी गई क्योंकि इन दवाईयों की कीमत कोई ज्यादा नहीं है और इसके सामान दवाइयां नागरिक अस्पताल हिसार में मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि डॉक्टर के ड्यूटी पर आने के बाद जानकारी लेंगे की ऐसा किस वजह से हुआ है.

Intro:प्रदेश के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज अपने सख्त फैसलों और बयानबाजी को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। अपने फैसलों को लेकर गब्बर कहे जाने वाले स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने के दावों में कोई कसर नहीं छोड़ते, लेकिन उनके दावों की पोल हिसार का नागरिक अस्पताल खोल रहा है।

हिसार के भगत सिंह कॉलोनी में रहने वाला परमजीत अपनी लगभग 1 माह भांजी वंशिका को पेट में दर्द के चलते नागरिक अस्पताल हिसार में लेकर गया। जहां डॉक्टर ने उन्हें बच्ची के लिए कुछ दवाइयां लिख कर दी। जब वह इन दवाइयों को लेने नागरिक अस्पताल हिसार के दवाइ काउंटर पर पहुंचा तो उसे कहा गया कि यह दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ेगी और अस्पताल में उपलब्ध नहीं है।

इस पर बच्ची वंशिका के मामा ने दवाइयां बाहर से खरीदी और वह बच्ची को लेकर घर चले गए। घर जाकर उन्होंने अपनी खुद की बच्ची वंशिका के गुल्लक को तोड़कर उसके जन्म के समय मिले कुछ पैसों को इकट्ठा किया और चीफ मिनिस्टर ऑफिस, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज सहित तमाम प्रदेश के बड़े नेताओं को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर एक पत्र लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश भर में बड़े-बड़े दफ्तर बन रहे हैं, ऊंची ऊंची मूर्तियां बनाई जा रही हैं और देश को मजबूत करने का दावा किया जा रहा है। इसलिए वह अपनी बच्ची के जन्म पर मिले कुछ पैसों को उपायुक्त हिसार के माध्यम से आप तक पहुंचा रहे हैं जो आपके दफ्तरों के निर्माण कार्य में काम आएंगे। उन्होंने कहा कि लेकिन हो सके तो इसके साथ साथ कुछ दवाइयां भी सरकारी अस्पतालों में मुहैया करवा दें।

हालांकि जीत छुट्टियों के चलते उपायुक्त को अभी तक यह पत्र और पैसे नहीं दे पाए हैं उनका कहना है कि वह मंगलवार को उपायुक्त महोदय से मिलकर यह पत्र और पैसे उनके माध्यम से पहुंचाएंगे।




Body:वीओ --- इस मामले में सीएमओ डॉक्टर संजय दहिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने कहा कि डॉ इस वक्त छुट्टी पर हैं हो सकता है कि परिजनों के कहने पर या बच्ची को जल्द आराम दिलाने के लिए ऐसी दवाइयां लिखी गई है। क्योंकि इन दवाइयों की कीमत कोई ज्यादा नहीं है और इसके पैरलल दवाइयां नागरिक अस्पताल हिसार में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के ड्यूटी पर आने के बाद जानकारी लेंगे की ऐसा किस वजह से हुआ है।

बाइट --- डॉक्टर संजय दहिया, सिविल सर्जन हिसार।


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