गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में हुई भारी बारिश (Rain in gurugram) को देखते हुए जिला उपायुक्त ने एडवाइजरी जारी की है. इस एडवायजरी में कॉरपोरेट ऑफिस और प्राइवेट इंस्टीट्यूट के कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने की सलाह दी गई है. दरअसल गुरुग्राम में सोमवार सुबह हुई बारिश के बाद सड़को पर भारी जलभराव और जाम की स्तिथि बनी हुई है. बारिश के साथ आये तूफान में कई जगह पेड़ उखड़कर सड़क पर गिर गये. इसी को देखते हुए जिला प्रसाशन ने ये एडवाइजरी जारी की.
गुरुग्राम में सोमवार सुबह तेज हवाओं के साथ आई बारिश के बाद गर्मी से जरूर राहत मिली है लेकिन दूसरी तरफ सड़कों पर जलभराव की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है. गुरुग्राम नगर निगम (Gurugram Municipal Corporation) की तरफ से दावे किए जा रहे थे कि इस बार बारिश में पानी नहीं भरेगा. लेकिन इन दावों पर उस समय पानी फिर गया जब सुबह बारिश हुई. बारिश के बाद दिल्ली जाने वाले एक्सप्रेसवे के साथ-साथ गुरुग्राम की तमाम सड़कों पर जलभराव की समस्या खड़ी हो गई. पानी के चलते ट्रैफिक सड़कों पर रेंगने लगा. कई जगह हालात इतने बदतर हो गए कि गुरुग्राम जिला प्रशासन को एडवाइजरी जारी करनी पड़ी. इस एडवायजरी में कहा गया है कि कॉरपोरेट ऑफिस और प्राइवेट इंस्टिट्यूट अपने कर्मचारियों से work from home करवाएं.
गुरुग्राम में जलभराव (water logging in gurugram) की हालत पहली बार नहीं हुआ. हर साल बारिश में गुरुग्राम का यही हाल होता है. सोमवार को एक बार फिर मानसून (Rain in gurugram) से पहले की बारिश में ही गुरुग्राम जैसे समंदर बन गया. बारिश ने जहां आम आदमी को झुलसती गर्मी से राहत दी, तो वहीं महज कुछ घंटे की बारिश ने पूरी साइबर सिटी में बाढ़ जैसे हालात बना दिये. पूरे शहर में जगह-जगह जल भराव हो गया है. ऐसे में नौकरी पेशा और दोपहिया वाहन चालकों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
महज दो घंटे की बारिश जिला प्रशासन के उन तमाम दावों को चिढ़ाती नजर आ रही है जिसके दम पर कहा गया था कि इस बार की बारिश में वाटर लॉगिंग जैसी स्थिति पैदा ही नहीं होगी. वहीं स्थानीय लोगो की माने तो हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर यह दावे किए जाते हैं कि इस साल की बारिश में जल भराव नहीं होगा. अगर होगा तो महज कुछ मिनटों में ही सारा पानी ड्रेनेज के जरिये डिस्चार्ज हो जाएगा, लेकिन वास्तविकता जमीनी हकीकत से कोसों दूर जरूर नजर आ रही है.
सवाल यह उठता है कि गुरुग्राम में हर साल मानसून में जलभराव की स्थिति क्यों उत्पन्न हो जाती है. यहां तक कि अंडरपास तक डूब जाते हैं. उसके बावजूद गुरुग्राम जिला प्रशासन से दावों और वादों के अलावा धरातल पर कोई काम नहीं करता. इस बार मानसून अभी नहीं आया है उससे पहले की बारिश में ही ये हालात पैदा हो गये. गुरुग्राम में बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों का ऑफिस है. ये शहर साइबर, आईटी से लेकर बीपीओ का हब है. उसके बावजूद जल निकासी की व्यवस्था नहीं हो पाती.
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