गुरुग्राम: बिना पहचान पत्र और डॉक्यूमेंट के एक्टिव सिमकार्ड (gurugram fake sim card) बेचने के मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के कब्जे से कुल 113 सिमकार्ड बरामद किये गये हैं. इनमें से 53 सिम कार्ड एक्टिव हैं जबकि 60 इनएक्टिव. आरोपियों के पास से इसके अलावा 100 अमेरिकी डॉलर और 1 लाख 41 हजार बीस रुपये नकद भी मिले हैं. दरअसल सीएम फ्लाइंग (CM Flying Squad) स्क्वॉड और पुलिस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर ये कार्रवाई की और गुरुग्राम फोर्टिस हॉस्पिटल के पास से इस युवक को काबू किया.
आरोपी की पहचान यारुल निवासी तीरनपुर, फतेहपुर, उत्तर प्रदेश के रुप में हुई है. पुलिस पूछताछ में ये पता चला है कि यह ट्रांसलेटर का काम करता है और दिल्ली के अपने एक साथी से 300 रुपए प्रति सिमकार्ड के हिसाब से एक्टिवेटेड सिमकार्ड खरीदकर लाता है. स्थानीय लोगों के अलावा गिरफ्तार आरोपी विदेशियों को भी 500 रुपए में सिमकार्ड बेचता है. पुलिस टीम द्वारा आरोपी के कब्जे से 3 एक्टिवेटड फर्जी सिमकार्ड, 100 अमेरिकन डॉलर और 1 लाख 41 हजार बीस रुपए की नगदी बरामद की है.
गिरफ्तार आरोपी की निशानदेही पर पुलिस थाना सुशांत लोक, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने बुधवार को हुड्डा सिटी मेट्रो स्टेशन से इसके साथी युवक को भी गिरफ्तार किया है. इसके पास से भी फर्जी ID पर एक्टिवेटेड व बिना एक्टिवेटड सिम मिले हैं. इसकी पहचान बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले सुहेल अख्तर के रूप में हुई है. पुलिस टीम द्वारा आरोपी के कब्जे से 50 एक्टीवेटेड सिमकार्ड तथा 60 इनएक्टिव सिमकार्ड बरामद किए गए.
पुलिस पूछताछ में ये भी जानकारी मिली है कि यह आरोपी एयरटेल कंपनी के एक सेंटर पर सिम एक्टिवेट करने का काम करता है. जब भी कोई व्यक्ति सिम लेने आता है तो उसकी ID पर यह एक सिम की बजाय यह 2 सिमकार्ड एक्टिव कर लेता है. एक सिमकार्ड को तो यह ग्राहक को दे देता है लेकिन दूसरे सिमकार्ड को यह अपने अन्य साथियों को 300 रुपए में बेच देता है. पहला आरोपी यारुल भी इसी से सिमकार्ड लेता था.