गुरुग्रामः राष्ट्रीय गुर्जर महासभा ने अपने समाज के लिए 10 नियम बनाकर कुछ कुरीतियों को दूर करने की कोशिश की है. गुर्जर समाज की ओर से कहा गया है कि पूरे देश में समाज को इन नियमों का पालन करना होगा.
ये हैं वो 10 नियम
- 1. शादी में डीजे का प्रयोग न करें.
- 2. शादी में केवल एक ढोल और एक बाजा ही बजाया जाए.
- 3. शादी में दहेज की लिस्ट न पढ़ी जाए और टैंट में गाड़ी न खड़ी की जाए.
- 4. शादी में आतिशबाजी और हथियारों का प्रयोग न करें.
- 5. शादी में शराब और नॉनवेज का इस्तेमाल न करें.
- 6. भात, मंढा, दस्यारी और गोद भराई में 21 आदमियों से ज्यादा न लेकर जाएं.
- 7. शादी में ज्यादा गाड़ियां न सजाई जाएं.
- 8. शादी में एक ही बार खाना खिलाया जाए.
- 9. कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह पर रोक लगाई जाए.
- 10. समाज में शिक्षा व संगठन को बढ़ावा दिया जाए.
नियम नहीं माने तो क्या होगा ?
राष्ट्रीय गुर्जर महासभा ने गुरुग्राम में एक सम्मेलन किया जिसमें देशभर से गुर्जर समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए. उन सबने एक मत से इन नियमों के पालन करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी इम नियमों को मानने से इनकार करता है तो समाज उसका बहिष्कार करेगा.
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क्या है दहेज अधिनियम ?
अगर कोई व्यक्ति दहेज की मांग करता है तो उसके खिलाफ दहेज अधिनियम 1961 के तहत कार्रवाई होती है. इसके तहत दहेज लेने, देने या इसके लेन-देन में सहयोग करने पर 5 वर्ष की कैद और 15,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है. दहेज के लिए उत्पीड़न करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए जो कि पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा सम्पत्ति अथवा कीमती वस्तुओं के लिए असंवैधानिक मांग के मामले में 3 साल की कैद और जुर्माना हो सकता है. अगर किसी लड़की की विवाह के सात साल के भीतर असामान्य परिस्थितियों में मौत होती है और यह साबित कर दिया जाता है कि मौत से पहले उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था, तो भारतीय दंड संहिता की धारा 304-बी के अन्तर्गत लड़की के पति और रिश्तेदारों को कम से कम सात वर्ष से लेकर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.