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गुरुग्राम: 9वीं क्लास के छात्र ने ओला-उबर की तर्ज पर बनाया मोबाइल एंबुलेंस ऐप, यूपी सरकार करेगी लॉंच

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Published : Jun 10, 2019, 10:59 AM IST

Updated : Jun 11, 2019, 1:33 PM IST

गुरुग्राम के एक 9वीं कक्षा के छात्र ने मोबाइल एंबलेंस ऐप बनाई है. इस ऐप के प्रयोग से एंबुलेंस हादसे की जगह पर समय से पहुंच जाएगी. साथ ही मरीज को एंबुलेंस की सही लोकेशन और कितनी देर में एंबुलेंस पहुंचेगी. इसकी सही जानकारी भी मिलती रहेगी.

9वीं के छात्र ने बनाई मोबाइल एंबुलेंस ऐप

गुरुग्राम: साइबर सिटी के 9वीं कक्षा के छात्र ने एंबुलेंस सेवा की बढ़ती दिक्कतों के मद्देनजर एक ऐसी एंबुलेंस ऐप बनाई है, जो एंबुलेंस सेवा को फोन करने या ऐप से बुक करने के बाद तुरंत उसकी लोकेशन तुरंत मरीज को समय के साथ दिखाई देगी.

इस ऐप से लोगों को एंबुलेंस की सही जानकारी भी मिलेगी. इससे ये भी पता चलता रहेगा कि एंबुलेंस चालक सही दिशा में आ रहा है या किसी और काम में तो व्यस्त नहीं हो गया. इससे ड्राइवर को नंबर और गाड़ी का नंबर भी मरीज के पहुंच जाएगा.

क्लिक कर देखें एंबुलेंस ऐप

क्यों बनाई छात्र ने ऐप

दरअसल एक हादसे के दौरान एंबुलेंस 1 घंटे की देरी से पहुंचने पर 8वीं में पढ़ने वाले छात्र के मन पर गहरा असर डाला था. तब से उस बच्चे ने गूगल और अन्य तकनीक से एक ऐप बनाने का काम शुरू कर दिया और 9वीं में पहुंचने पर बच्चे ने ऐसा ऐप बना दिया.

अवि चोपड़ा ने भारत की पहली एंबुलेंस मोबाइल ऐप बना डाली, जो ओला-उबर की तर्ज पर बुक होते ही मरीज के पास समय और एंबुलेंस की लोकेशन भी पहुंचेगी. अवि ने एंबुलेंस मोबाइल एप दुबई मॉडल की तर्ज पर बनाई है.

जुलाई में लॉन्च करेगी उत्तर प्रदेश सरकार

अवि के पिता मन्नू चोपड़ा ने बताया कि इस एंबुलेंस मोबाइल ऐप के इस्तेमाल करने के लिए सभी राज्यों को मेल भी किया है. यूपी सरकार ने इसमें कुछ बदलाव के बाद जुलाई से इसे इमरजेंसी सेवाओं में इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है.

हालांकि गुजरात, नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्य और महाराष्ट्र ने भी इस मोबाइल ऐप में रुचि दिखाई लेकिन फिलहाल यूपी सरकार ही इसे जुलाई में लॉन्च करने जा रही है.

गुरुग्राम: साइबर सिटी के 9वीं कक्षा के छात्र ने एंबुलेंस सेवा की बढ़ती दिक्कतों के मद्देनजर एक ऐसी एंबुलेंस ऐप बनाई है, जो एंबुलेंस सेवा को फोन करने या ऐप से बुक करने के बाद तुरंत उसकी लोकेशन तुरंत मरीज को समय के साथ दिखाई देगी.

इस ऐप से लोगों को एंबुलेंस की सही जानकारी भी मिलेगी. इससे ये भी पता चलता रहेगा कि एंबुलेंस चालक सही दिशा में आ रहा है या किसी और काम में तो व्यस्त नहीं हो गया. इससे ड्राइवर को नंबर और गाड़ी का नंबर भी मरीज के पहुंच जाएगा.

क्लिक कर देखें एंबुलेंस ऐप

क्यों बनाई छात्र ने ऐप

दरअसल एक हादसे के दौरान एंबुलेंस 1 घंटे की देरी से पहुंचने पर 8वीं में पढ़ने वाले छात्र के मन पर गहरा असर डाला था. तब से उस बच्चे ने गूगल और अन्य तकनीक से एक ऐप बनाने का काम शुरू कर दिया और 9वीं में पहुंचने पर बच्चे ने ऐसा ऐप बना दिया.

अवि चोपड़ा ने भारत की पहली एंबुलेंस मोबाइल ऐप बना डाली, जो ओला-उबर की तर्ज पर बुक होते ही मरीज के पास समय और एंबुलेंस की लोकेशन भी पहुंचेगी. अवि ने एंबुलेंस मोबाइल एप दुबई मॉडल की तर्ज पर बनाई है.

जुलाई में लॉन्च करेगी उत्तर प्रदेश सरकार

अवि के पिता मन्नू चोपड़ा ने बताया कि इस एंबुलेंस मोबाइल ऐप के इस्तेमाल करने के लिए सभी राज्यों को मेल भी किया है. यूपी सरकार ने इसमें कुछ बदलाव के बाद जुलाई से इसे इमरजेंसी सेवाओं में इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है.

हालांकि गुजरात, नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्य और महाराष्ट्र ने भी इस मोबाइल ऐप में रुचि दिखाई लेकिन फिलहाल यूपी सरकार ही इसे जुलाई में लॉन्च करने जा रही है.

Intro:एंबुलेंस सेवा के लिए बनाई मोबाइल एप नवी क्लास के छात्र ने बनाई एंबुलेंस मोबाइल एप एक साल पहले हादसे के दौरान एंबुलेंस सेवा के 1 घंटे बाद पहुंचने पर दिमाग में विचार से बना डाली मोबाइल एप छात्र द्वारा बनाई गई मोबाइल ऐप को यूपी सरकार ने दिया emergency सेवाओं में इस्तेमाल करने को मंजूरी जुलाई मंथ से एंबुलेंस मोबाइल एप की सहायता से एंबुलेंस की लोकेशन और टाइमिंग पर रहेगी मरीज और मरीज के परिजनों की नज़र यूपी समेत चार अन्य राज्यों से भी मोबाइल एप को बनाने वाले अवि चोपड़ा से किया है संपर्क


Body:"कौन कहता है आसमान में छेद नहीं होता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो" जी हां साइबर सिटी के रहने वाले नवी क्लास के छात्र ने एंबुलेंस सेवा की बढ़ती दिक्कतों के मद्देनजर एक ऐसी एंबुलेंस ऐप बना डाली जो कि ना केवल एंबुलेंस सेवा को फोन करने या एप से बुक करने के बाद तुरंत उसकी लोकेशन हादसों से या ज़रूरत के स्थान पर पहुंचने की टाइमिंग भी मरीज को दिखाएगी.... बाइट=अवि चोपड़ा (छात्र नवी क्लास, निजी स्कूल, गुरुग्राम) दरअसल एक हादसे के दौरान एंबुलेंस सेवा 1 घंटे की देरी से पहुंचने पर उस समय आठवीं में पढ़ रहे छात्र के मन पर गहरा असर डाला और उसने एंबुलेंस मोबाइल एप पर गूगल पर यूट्यूब पर रिसर्च करना शुरू कर दिया.... और बना डाली भारत की पहली एंबुलेंस मोबाइल एप जो कि ओला उबेर की तर्ज पर बुक होते ही तय समय में मरीजों तक और हादसों तक पहुंचाना शुरू करने वाली है....अवि चोपड़ा ने इस मोबाइल एप को बनाने के लिए दुबई मॉडल के लिहाज से इस पर काम किया है.... वही अवि के पिता मन्नू चोपड़ा की मानें तो उन्होंने इस एंबुलेंस मोबाइल एप को इस्तेमाल करने के लिए सभी राज्यों को मेल भी किया और यह कैसे बेहतरीन तरीकों से काम करेगा इसके बारे में बताया भी लेकिन अभी तक सिर्फ यूपी सरकार ने इसमें कुछ बदलाव के बाद जुलाई से ही इसे इमरजेंसी सेवाओं में इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है....हालांकि गुजरात नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्य और महाराष्ट्र में भी इस मोबाइल ऐप में रुचि दिखाई लेकिन फिलहाल यूपी सरकार ही इसे जुलाई में लॉन्च करने जा रही है... अवि चोपड़ा की यह एंबुलेंस मोबाइल एप बिल्कुल फ्री दी जा रही है... बाइट=अवि चोपड़ा (छात्र नवी क्लास, निजी स्कूल, गुरुग्राम) बाइट= मन्नू चोपड़ा, पिता(अवि चोपड़ा)


Conclusion:हालांकि हरियाणा सरकार ने भी अवि चोपड़ा की इस मोबाइल एंबुलेंस ऐप में शुरुआत में तो रुचि दिखाई लेकिन फिलहाल या ठंडे बस्ते में है.... लेकिन एक बार को सोच कर देखिए कि अगर एंबुलेंस सेवा भी ओला, उबर के तर्ज पर महज कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंचना शुरू कर दे तो कितनी कीमती जानों को बचाया जा सकेगा...
Last Updated : Jun 11, 2019, 1:33 PM IST
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