फरीदाबाद: वैसे तो फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी का नाम दिया गया है. लेकिन फरीदाबाद को अगर क्राइम सिटी कह दिया जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. क्योंकि जिस तरह से फरीदाबाद में महिलाओं के साथ हुए अपराध के मामले सामने आए हैं उनसे महिलाएं अभी भी अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हैं.
फरीदाबाद में महिलाएं सुरक्षित नहीं?
खुद पुलिस के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि फरीदाबाद में आज भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. पुलिस से मिले 2018- 2019 के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि फरीदाबाद में महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार में बढ़ोतरी हुई है. पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार साल 2018 में पुलिस ने बलात्कार के 287 मुकदमे दर्ज किए. जबकि 2019 में 241 मुकदमे 13 दिसंबर तक तक दर्ज किए गए हैं. इनमें से 230 मुकदमों पर पुलिस अपना काम खत्म कर चुकी है. जबकि 298 दर्ज मुकदमों पर पुलिस अभी भी कार्यरत है.
छेड़खानी के मामले में फरीदाबाद हेडक्वार्टर सबसे अव्वल:
फरीदाबाद में अगर छेड़खानी के मामलों की बात की जाए तो पुलिस के लिए ये बात और भी गंभीर हो जाती है. आंकड़ों की माने तो फरीदाबाद में साल 2018 में 200 मुकदमें दर्ज किए गए. जबकि साल 2019 में 13 दिसंबर तक 278 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं. इनमें से 267 मुकदमों में पुलिस अपना काम खत्म कर चुकी है जबकि 111 मुकदमों में अभी पुलिस कार्यरत है. यह ऐसे मुकदमे हैं जो किसी न किसी वजह से अटके हुए हैं. महिलाओं के साथ रेप और छेड़खानी के मामले में फरीदाबाद हेड क्वार्टर का इलाका सबसे अव्वल रहा है. अकेले इस इलाके में पूरे फरीदाबाद की अपेक्षा ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए हैं.
फरीदाबाद में बलात्कार के मामले:
फरीदाबाद हेड क्वार्टर थाना क्षेत्र में बलात्कार के 2018 में 148 तो 2019 में 176 मुकदमे दर्ज किए गए. फरीदाबाद हेडक्वार्टर थाना क्षेत्र में अगर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट के मुकदमों की बात करें तो साल 2018 में 133 और 2019 में 193 मुकदमे अभी तक दर्ज किए गए हैं. फरीदाबाद को पुलिस के द्वारा अलग-अलग थानों में बांटा गया है फरीदाबाद में सेंट्रल थाना, एनआईटी थाना ,बल्लभगढ़ थाना, हेडक्वार्टर फरीदाबाद ,और ट्रैफिक पुलिस व्यवस्था में बांटा गया है.
पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार अगर सेंट्रल थाना की बात की जाए तो बलात्कार के मामलों में 2018 में इस थाने के अंदर 31 मुकदमें दर्ज किए गए और 2019 में 24 मुकदमे दर्ज किए गए. एनआईटी थाना क्षेत्र अंतर्गत 2018 में 74 मुकदमे रेप के दर्ज किए गए और 2019 में 33 मुकदमे रेप के दर्ज किए गए. बल्लभगढ़ थाना की बात करें तो 2018 में रेप के 34 मुकदमे और 2019 में 8 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. वहीं हेड क्वार्टर फरीदाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत रेप के मामले 2018 में 148 और 2019 में 176 सामने आए हैं.
फरीदाबाद में छेड़खानी के मुकदमे:
फरीदाबाद में बात करें अगर छेड़खानी के मामलों की तो रेप के मामलों में जहां कमी है वहीं छेड़खानी के मामले बढ़ कर सामने आए हैं जो कि बेहद चिंता का विषय है. फरीदाबाद के सेंट्रल थाना क्षेत्र अंतर्गत छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट के 2018 में 16 मामले और 2019 में अभी तक 20 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं एनआईटी थाना क्षेत्र अंतर्गत छेड़खानी के 2018 में 35 मुकदमे और 2019 में 30 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. बल्लभगढ़ थाना क्षेत्र में छेड़खानी के 2018 में 14 मुकदमे व 2019 में 35 मुकदमें दर्ज किए गए हैं. हेड क्वार्टर फरीदाबाद में अगर छेड़खानी के मामलों की बात की जाए तो साल 2018 में 133 मामले और साल 2019 में अभी तक 193 मामले दर्ज किए गए हैं.
पोल खोल रहे पुलिस के दावे
फरीदाबाद में रेप के मामले भले ही कम हों लेकिन छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट में 2018 की अपेक्षा 2019 में मुकदमों में बढ़त दर्ज की है. जो कि बेहद चिंता का विषय है. चौकी पुलिस प्रशासन जहां एक तरफ महिला सुरक्षा के दावे कर रहा है वहीं यह आंकड़े फरीदाबाद में महिला सुरक्षा की पोल खोल रहे हैं.
पुलिस की कार्यप्रणाली से महिलाएं नाखुश
फरीदाबाद की महिलाओं के अनुसार उनका कहना है कि पुलिस की सुरक्षा से वह संतुष्ट नहीं है. क्योंकि जिस तरह से महिलाओं के साथ मामले सामने आ रहे हैं .महिलाओं के लिए पुलिस को और ज्यादा सुरक्षा करने की जरूरत है.
'महिलाओं की सुरक्षा पुलिस की प्राथमिकता'
वहीं फरीदाबाद पुलिस के प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि वह लगातार महिला सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं और महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस हमेशा प्राथमिकता के साथ मैदान में हैं.
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