पलवल: पलवल के उपमंडल हसनपुर निवासी 50 वर्षीय गुरुदेव पुत्र रामनाथ का पिछले करीब 9 माह से हुडा सेक्टर दो स्थित गैलेक्सी हॉस्पिटल (Galaxy Hospital Palwal) में उपचार चल रहा था. बताया गया है कि करीब 9 महीने पूर्व छाती में इंफेक्शन के चलते उपचार के लिए उन्हें लाया गया था. उस समय डॉक्टर नदीम अकबर ने उन्हें 4 दिन के लिए हॉस्पिटल में भर्ती किया था. उसके बाद आठ दिनों की दवा देकर डिस्चार्ज कर दिया गया.
परिवार के लोगों का कहना है कि उसके बाद कुछ दिनों तक हर हफ्ते 10 दिन में दिखाने के लिए आते रहे. बाद में डॉक्टर ने एक 1 महीने की दवाई दी. इस दौरान टीवी भी बताई गई जिसका इलाज भी हॉस्पिटल से चलता रहा. टीवी का भी 9 माह का कोर्स पूरा कर लिया गया था. डॉक्टर ने मरीज को बिल्कुल ठीक और स्वस्थ बताया था. लेकिन 3 दिन पूर्व गुरुदेव के खांसी में अचानक ब्लड आने पर उसे दिखाने के लिए हॉस्पिटल आए. जहां डॉक्टरों ने उसका उपचार किया और अपनी फीस व दवाई के पैसे लेकर घर भेज दिया.
शनिवार की रात को फिर तबीयत खराब होने पर उसे अस्पताल लेकर गये. यहां डॉक्टर ने फिर उसे दवाई देकर घर भेज दिया और कहा कि इससे बिल्कुल ठीक हो जाएगा. रविवार सुबह से फिर दिक्कत शुरू हो गई. एक इंजेक्शन देने के बाद दवाई पीने के डॉक्टर ने दी. जिसकी कीमत साढ़े 4 हजार रुपये बताई गई. पैसे लेकर उसे फिर घर जाने के लिए कह दिया. लेकिन तभी उसकी हालत बिगड़ गई और देखते ही देखते उसकी मौत हो गई.
परिवार के लोगों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया तो वहां अस्पताल में मौजूद बाउंसरों ने मरीज के परिजनों के साथ हाथापाई की. उनका गिरेबान पकड़कर अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया. परिवार के लोगों को यह बात नागवार गुजरी और उन्होंने अस्पताल में जोरदार हंगामा शुरू कर दिया. मृतक के बेटे जितेंद्र ने बताया कि पिछले 9 -10 माह में उन्होंने अपने पिता के इलाज के लिए कम से कम डेढ़ से दो लाख रुपये डॉक्टर को दिए हैं. उसके बावजूद भी डॉक्टर ने लापरवाही बरती है. जिसके कारण उनके पिता की असमय ही मौत हो गई है. पुलिस सिटी थाने में डॉक्टर और अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए शिकायत दी है. इस पर सिटी थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.