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विधानसभा में पास हुए PLPA का विरोध, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी

वहीं अब इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करने की तैयारी की जा रही है.

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Published : Mar 1, 2019, 1:21 PM IST

फरीदाबाद: हरियाणा सरकार ने अंग्रेजों के 120 साल पुराने कानून को बदल दिया और पीएलपीए यानी पंजाब भू-परिरक्षण (हरियाणा संशोधन) विधयेक-2019 को विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद विधानसभा ने पास कर दिया. वहीं अब इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करने की तैयारी की जा रही है.


कानून में हुए संशोधन के बाद अब अरावली फोरेस्ट रेंज में भी निर्माण कार्य हो सकेंगे. जिससे गुस्साये बार एशोशिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पाराशर ने कहा है कि वह अरावली को बचाने के लिये लंबे से लड रहे हैं इसलिये इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में सरकार के खिलाफ याचिका दायर करेंगे.


उन्होंने कहा कि इस सरकार को एक बाबा और भूमाफियाओं ने मिलकर खरीद लिया है. दिल्ली, फरीदाबाद और गुरुग्राम के लगभग एक करोड़ लोगों का कवच कही जाने वाली अरावली को बिल्डरों माफियाओं के हांथों बेंचकर खट्टर सरकार ने बहुत ही गलत काम किया है.


पाराशर ने हरियाणा सरकार पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि अरावली की पहाड़ियां दुनिया की सबसे पुरानी रेंज है. विधेयक में संशोधन के बाद ईको सिस्टम पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. एनसीआर में पहले से ही अधिक प्रदूषण है और अब अरावली में निर्माण होने से हालात और बिगड़ेंगे.

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इस बदलाव के नतीजे विस्फोटक होंगे और आने वाली पुश्तें हमें माफ नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए तो था कि फोरेस्ट एरिया बढ़़ाती, लेकिन वह बिल्डरों के हाथों में खेलते हुए इसे और कम करने पर तूली है.

फरीदाबाद: हरियाणा सरकार ने अंग्रेजों के 120 साल पुराने कानून को बदल दिया और पीएलपीए यानी पंजाब भू-परिरक्षण (हरियाणा संशोधन) विधयेक-2019 को विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद विधानसभा ने पास कर दिया. वहीं अब इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करने की तैयारी की जा रही है.


कानून में हुए संशोधन के बाद अब अरावली फोरेस्ट रेंज में भी निर्माण कार्य हो सकेंगे. जिससे गुस्साये बार एशोशिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पाराशर ने कहा है कि वह अरावली को बचाने के लिये लंबे से लड रहे हैं इसलिये इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में सरकार के खिलाफ याचिका दायर करेंगे.


उन्होंने कहा कि इस सरकार को एक बाबा और भूमाफियाओं ने मिलकर खरीद लिया है. दिल्ली, फरीदाबाद और गुरुग्राम के लगभग एक करोड़ लोगों का कवच कही जाने वाली अरावली को बिल्डरों माफियाओं के हांथों बेंचकर खट्टर सरकार ने बहुत ही गलत काम किया है.


पाराशर ने हरियाणा सरकार पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि अरावली की पहाड़ियां दुनिया की सबसे पुरानी रेंज है. विधेयक में संशोधन के बाद ईको सिस्टम पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. एनसीआर में पहले से ही अधिक प्रदूषण है और अब अरावली में निर्माण होने से हालात और बिगड़ेंगे.

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इस बदलाव के नतीजे विस्फोटक होंगे और आने वाली पुश्तें हमें माफ नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए तो था कि फोरेस्ट एरिया बढ़़ाती, लेकिन वह बिल्डरों के हाथों में खेलते हुए इसे और कम करने पर तूली है.

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स्टोरी- पीएलपीए विधयेक-2019 के खिलाफ अरावली को बचाने के लिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायिर करेंगे वकील एल एन पराशर।





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एंकर- हरियाणा सरकार ने अंग्रेजों के 120 साल पुराने कानून को बदल दिया और पीएलपीए यानी पंजाब भू-परिरक्षण (हरियाणा संशोधन) विधयेक-2019 को विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद विधानसभा ने पास कर दिया। कानून में हुए संशोधन के बाद अब अरावली फोरेस्ट रेंज में भी निर्माण कार्य हो सकेंगे। जिससे गुस्साये बार एशोशिएशन के पूर्व प्रधान एल एन पाराशर कहा है कि वह अरावली को बचाने के लिये लंबे से लड रहे हैं इसलिये इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में सरकार के खिलाफ याचिका दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि इस सरकार को एक बाबा और भूमाफियाओं ने मिलकर खरीद लिया है। बाबा ने भी सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी है।



वीओ- हरियाणा सरकार भू माफियाओं, बिल्डरों के हांथों बिक गई है और इस सरकार ने लगभग एक करोड़ लोगों की जंदगी से बड़ी खिलवाड़ किया है। दिल्ली, फरीदाबाद और गुरुग्राम के लगभग एक करोड़ लोगों का कवच कही जाने वाली अरावली को बिल्डरों माफियाओं के हांथों बेंचकर खट्टर सरकार ने बहुत ही गलत काम किया है। ये कहना है बार एशोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एल एन पाराशर का जिन्होंने कहा कि पीएलपीए यानी पंजाब भू-परिरक्षण में सरकार ने जो संशोधन किया है वो गलत है ।।  



पराशर ने हरियाणा सरकार पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि अरावली की पहाड़ियां दुनिया की सबसे पुरानी रेंज है। विधेयक में संशोधन के बाद ईको सिस्टम पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। एनसीआर में पहले से ही अधिक प्रदूषण है और अब अरावली में निर्माण होने से हालात और बिगड़ेंगे। इस बदलाव के नतीजे विस्फोटक होंगे और आने वाली पुश्तें हमें माफ नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए तो था कि फोरेस्ट एरिया बढ़़ाती, लेकिन वह बिल्डरों के हाथों में खेलते हुए इसे और कम करने पर तूली है।





बाईट- एल एन पराशर, बार एशोशिएशन के पूर्व प्रधान फरीदाबाद।


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