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800 करोड़ का ESI अस्पताल भी नहीं दे रहा है स्वास्थ्य सेवाएं, मरीज फिर रहे मारे-मारे !

भीषण गर्मी के चलते लगातार बढ़ रही मरीजों की तादात ने फरीदाबाद में करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से बने ईएसआई अस्पताल की पोल खोलकर रख दी है. अपने खून पसीने की कमाई का पैसा ईएसआई में भरने के बावजूद भी लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है.

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Published : Jun 16, 2019, 3:18 PM IST

esi

फरीदाबाद: वीडियो में चमचमाती हुई दिखाई दे रही ये बहु मंजिला इमारत फरीदाबाद में ईएसआई की है. जिसे करीब 800 करोड़ रुपये में बनाकर तैयार किया गया. जिसमें सभी स्वास्थ्य सेवाएं रखकर 500 मरीजों के बेड बनाए गए मगर अब इस ईएसआई में मरीजों को सही तरीके से उपचार नहीं मिल रहा है.

मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और ऐसे में ईएसआई के अंदर एक-एक बेड पर दो-दो मरीजों का इलाज चल रहा है. ऊपर से ईएसआई द्वारा जिन निजी अस्पतालों में मरीजों को रेफर किया जा रहा है वहां कुछ अस्पतालों को छोड़कर बाकी अस्पताल मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

सुनिए क्या कहना है इलाज करवा रहे मरीजों के परिजनों का.

मरीजों के परिजनों ने बताया कि ईएसआई में तसल्लीपूर्वक उनके मरीज का इलाज नहीं किया जा रहा है. वह लोग अपने खून पसीने की कमाई का पैसा ईएसआई में इसलिए जमा करवाते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें सही इलाज मिल सके मगर यहां इलाज के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है. लोग ईएसआई के इलाज से बिल्कुल भी खुश नहीं है.

वहीं इस गंभीर समस्या को देखते हुए बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पाराशर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री को इस पूरे मामले में संज्ञान लेने के लिए पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि करोड़ों खर्च होने के बाद भी मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है. मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिसके लिए उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री के लिए पत्र लिखा है और मांग की है कि इस विषय पर संज्ञान लेकर ईएसआई में सभी स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएं.

फरीदाबाद: वीडियो में चमचमाती हुई दिखाई दे रही ये बहु मंजिला इमारत फरीदाबाद में ईएसआई की है. जिसे करीब 800 करोड़ रुपये में बनाकर तैयार किया गया. जिसमें सभी स्वास्थ्य सेवाएं रखकर 500 मरीजों के बेड बनाए गए मगर अब इस ईएसआई में मरीजों को सही तरीके से उपचार नहीं मिल रहा है.

मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और ऐसे में ईएसआई के अंदर एक-एक बेड पर दो-दो मरीजों का इलाज चल रहा है. ऊपर से ईएसआई द्वारा जिन निजी अस्पतालों में मरीजों को रेफर किया जा रहा है वहां कुछ अस्पतालों को छोड़कर बाकी अस्पताल मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

सुनिए क्या कहना है इलाज करवा रहे मरीजों के परिजनों का.

मरीजों के परिजनों ने बताया कि ईएसआई में तसल्लीपूर्वक उनके मरीज का इलाज नहीं किया जा रहा है. वह लोग अपने खून पसीने की कमाई का पैसा ईएसआई में इसलिए जमा करवाते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें सही इलाज मिल सके मगर यहां इलाज के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है. लोग ईएसआई के इलाज से बिल्कुल भी खुश नहीं है.

वहीं इस गंभीर समस्या को देखते हुए बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पाराशर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री को इस पूरे मामले में संज्ञान लेने के लिए पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि करोड़ों खर्च होने के बाद भी मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है. मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिसके लिए उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री के लिए पत्र लिखा है और मांग की है कि इस विषय पर संज्ञान लेकर ईएसआई में सभी स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएं.

स्टोरी । 800 करोड़ का ईएसआई अस्पताल भी नहीं दे रहा है मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं, प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को भेजा गया संज्ञान लेने के लिए पत्र


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एंकर।  भीषण गर्मी के चलते लगातार बढ़ रही मरीजों की तादात ने फरीदाबाद में करीब 800 करोड रुपए की लागत से बने ईएसआई अस्पताल की पोल खोलकर रख दी है अपने खून पसीने की कमाई का पैसा ईएसआई में भरने के बावजूद भी लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, ऊपर से ईएसआई द्वारा जिन निजी अस्पतालों में मरीजों को रेफर किया जा रहा है कुछ अस्पतालों को छोड़कर वह भी मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, फरीदाबाद में ईएसआई की सुविधाओं से परेशान हजारों मरीजों के दुख को देखते हुए बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पराशर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री को इस पूरे मामले में संज्ञान लेने के लिए पत्र लिखा है। 


 वीओ। चमचमाती हुई दिखाई दे रही है बहु मंजिला इमारत फरीदाबाद में ईएसआई की है जिसे करीब 800 करोड रुपए में बनाकर तैयार किया गया जिसमें सभी स्वास्थ्य सेवाएं रखकर 500 मरीजों के बेड बनाए गए मगर अब हालात यह हैं कि ना तो इस ईएसआई में मरीजों को सही तरीके से उपचार मिल रहा है और ना ही संपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं।  भीषण गर्मी के चलते शहर में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है और ऐसे में ईएसआई के अंदर एक एक बेड पर दो दो मरीजों का इलाज चल रहा है ।

तीमारदारों की मानें तो ईएसआई में तसल्ली पूर्वक उनके मरीज का इलाज नहीं किया जा रहा है वह लोग अपने खून पसीने की कमाई का पैसा ईएसआई के रूप में इसलिए जमा करवाते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें सही इलाज मिल सके मगर यहां इलाज के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है वे लोग ईएसआई के इलाज से बिल्कुल भी खुश नहीं है ,  वही ईएसआई अस्पताल ज्यादा मरीजों होने के चलते हैं उन्हें निजी अस्पतालों के लिए रेफर कर रहे हैं जो कि एएसआई के पैनल पर आते हैं मगर कुछ निजी अस्पतालों को छोड़कर बाकी के अस्पतालों ने ईएसआई से रेफर मरीजों को लेना बंद कर दिया है और उनके साथ टालमटोल कर रहे हैं ।


बाइट मरीजों के परिजन 


वहीं फरीदाबाद में इस गंभीर समस्या को देखते हुए बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पराशर ने कहां है कि सरकार के करीब 800 करोड़ खर्च होने के बाद भी मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है उनकी बीमारी और उनके साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिसके लिए उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री के लिए पत्र लिखा है और मांग की है कि इस विषय पर संज्ञान लेकर ईएसआई में सभी स्वास्थ्य सेवाएं दीजाएं और वही चैनल पर आने वाले निजी अस्पतालों पर सख्ती बरती जाए ।


बाइट । एलएन पाराशर पूर्व बार एसोसिएशन प्रधान फरीदाबाद।
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