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लॉकडाउन 4: कच्चे माल और ट्रांसपोर्ट की कमी से जूझ रहे फरीदाबाद के उद्योग - faridabad news

फरीदाबाद में औद्योगिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं. सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के अनुसार कंपनी में काम किया जा रहा है. लेकिन कच्चे माल और ट्रांसपोर्ट की कमी भी खल रही है.

lockdown Effect on Faridabad industry
कच्चे माल और ट्रांसपोर्ट की कमी से जूझ रहे उद्योग
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Published : May 24, 2020, 5:19 PM IST

फरीदाबाद: हरियाणा सरकार ने शर्तों से साथ औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने की इजाजत दी है. फरीदाबाद में कई कंपनियों में काम शुरू हो चुका है. फैक्ट्री प्रबंधन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए काम करवा रहे हैं.

कर्मचारियों की संख्या कम

कंपनियां सरकार के नियमों का पालन कर रही हैं. कर्मचारियों को कंपनी में घुसने पर सैनिटाइज किया जा रहा है. इसके अलावा मशीनों को भी सैनिटाइज किया जा रहा है. कंपनी के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाता है. कर्मचारी मास्क और दस्ताने पहनकर काम कर रहे हैं.

कच्चे माल और ट्रांसपोर्ट की कमी से जूझ रहे उद्योग

कच्चे माल ऑर्डर की कमी

कंपनियां को कच्चे माल और ऑर्डर की कमी का सामना करना पड़ रहा है. उद्योग अपने उत्पादन के स्तर का केवल एक चौथाई हिस्सा ही शुरू कर पाए हैं. कपड़े का उत्पादन करने वाली कंपनी के मैनेजर रवि कुमार ने बताया कि उनको प्लांट को चलाने के लिए दो शिफ्ट की मंजूरी मिली है. लेकिन वो केवल एक ही शिफ्ट में काम कर रहे हैं. उनके पास 350 कर्मचारी हैं. लेकिन केवल 150 कर्मचारियों से ही एक शिफ्ट का काम चलाया जा रहा है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि प्लांट के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे.

लॉकडाउन के बाद उत्पादन घटा

रवि कुमार ने बताया कि लॉकडाउन से पहले वो 15-16 टन कपड़े का उत्पादन करते थे. अब वो केवल 3 से 4 टन ही उत्पादन कर पा रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि पीछे से कच्चे माल की कमी है और ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी नहीं मिल रही.

लॉकडाउन के कारण कई मजदूर पलायन कर गए हैं. इसके कारण स्टाफ की कमी हो गई है. वहीं, जिला उपायुक्त ने बताया कि कोविड-19 के समय में मजदूर की कमी किसी भी इंडस्ट्री को नहीं होने दी जाएगी.

आपको बता दें कि फरीदाबाद जिला उद्योग केंद्र ने 16000 इकाइयों को परिचालन के लिए मंजूरी दी है. इनमें से लगभग आधे से ज्यादा इकाइयों ने अपना परिचालन भी शुरू कर दिया है.

ये भी पढ़ें- क्या होता है बायोमेडिकल कचरा? जो आपके लिए नई मुसीबत ला सकता है

फरीदाबाद: हरियाणा सरकार ने शर्तों से साथ औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने की इजाजत दी है. फरीदाबाद में कई कंपनियों में काम शुरू हो चुका है. फैक्ट्री प्रबंधन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए काम करवा रहे हैं.

कर्मचारियों की संख्या कम

कंपनियां सरकार के नियमों का पालन कर रही हैं. कर्मचारियों को कंपनी में घुसने पर सैनिटाइज किया जा रहा है. इसके अलावा मशीनों को भी सैनिटाइज किया जा रहा है. कंपनी के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाता है. कर्मचारी मास्क और दस्ताने पहनकर काम कर रहे हैं.

कच्चे माल और ट्रांसपोर्ट की कमी से जूझ रहे उद्योग

कच्चे माल ऑर्डर की कमी

कंपनियां को कच्चे माल और ऑर्डर की कमी का सामना करना पड़ रहा है. उद्योग अपने उत्पादन के स्तर का केवल एक चौथाई हिस्सा ही शुरू कर पाए हैं. कपड़े का उत्पादन करने वाली कंपनी के मैनेजर रवि कुमार ने बताया कि उनको प्लांट को चलाने के लिए दो शिफ्ट की मंजूरी मिली है. लेकिन वो केवल एक ही शिफ्ट में काम कर रहे हैं. उनके पास 350 कर्मचारी हैं. लेकिन केवल 150 कर्मचारियों से ही एक शिफ्ट का काम चलाया जा रहा है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि प्लांट के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे.

लॉकडाउन के बाद उत्पादन घटा

रवि कुमार ने बताया कि लॉकडाउन से पहले वो 15-16 टन कपड़े का उत्पादन करते थे. अब वो केवल 3 से 4 टन ही उत्पादन कर पा रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि पीछे से कच्चे माल की कमी है और ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी नहीं मिल रही.

लॉकडाउन के कारण कई मजदूर पलायन कर गए हैं. इसके कारण स्टाफ की कमी हो गई है. वहीं, जिला उपायुक्त ने बताया कि कोविड-19 के समय में मजदूर की कमी किसी भी इंडस्ट्री को नहीं होने दी जाएगी.

आपको बता दें कि फरीदाबाद जिला उद्योग केंद्र ने 16000 इकाइयों को परिचालन के लिए मंजूरी दी है. इनमें से लगभग आधे से ज्यादा इकाइयों ने अपना परिचालन भी शुरू कर दिया है.

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