फरीदाबाद: प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शराब घोटाले मामले में एसईटी की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था. जिसको लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रतिक्रिया सामने आई है. मनोहर लाल ने कहा कि किसी के मानने या ना मानने से व्यवस्थाएं नहीं चलती. उन्होंने कहा कि जांच में जिसका भी नाम सामने आएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश में भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच की जाएगी.
हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान हुए शराब घोटाले में एसईटी ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट गृह मंत्री अनिल विज को सौंपी थी. रिपोर्ट से अनिल विज संतुष्ट भी नजर आए. वहीं उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने एसईटी की रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया था. यहां तक कि उन्होंने अपने विभाग के सभी अधिकारियों को क्लीन चिट भी दे दी.
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बता दें कि शराब घोटाले के सामने आने पर गृह मंत्री अनिल विज ने एसईटी के गठन का प्रस्ताव रखा था. तब भी अंदरखाने इस प्रस्ताव का विरोध किया गया था. इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने एसईटी के गठन को मंजूरी दे दी थी. वहीं अब एसईटी की रिपोर्ट को दुष्यंत चौटाला ने भले ही खारिज कर दिया हो. लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही.
क्या है शराब घोटाला?
सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.
कैसे हुई तस्करी?
खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.
पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम ये रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा, जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात हैं. इस शराब घोटाले में खरखौदा थाने के दो एसएचओ समेत 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है.