फरीदाबाद: कट फ्लॉवर्स से शादी समारोह और दूसरे धार्मिक समारोह की शोभा बढ़ाने वाले किसान लॉक डाउन के चलते बर्बादी की कगार पर आ खड़े हुए हैं. किसानों की फूल की फसल खेत में ही खड़ी बर्बाद हो रही है जिससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है.
यूं तो कट फ्लॉवर्स की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित होती है लेकिन कोरोना वायरस की मार ने यह खेती किसानों के लिए घाटे की खेती साबित कर दी है. कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉक डाउन है और इस लॉक डाउन के बीच कट फ्लॉवर्स की खेती करने वाले किसानों की फसल भी खेत में लॉक हो चुकी है.
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इस लॉक डाउन में ना तो कोई शादी समारोह हो रहा है, ना ही किसी प्रकार का कोई दूसरा समारोह जिसमें कट फ्लॉवर्स का प्रयोग किया जा सके जिस वजह से कट फ्लॉवर्स की मार्केट बिल्कुल तबाह हो चुकी है. जबकि अप्रैल के महीने में कट फ्लॉवर्स की मांग सबसे ज्यादा होती है और इनकी कीमत भी सबसे ज्यादा होती है.
अप्रैल के महीने में कट फ्लॉवर्स की कीमत ₹200 से लेकर ₹300 किलो तक होती है लेकिन इस बार यह कट फ्लॉवर्स खेत में ही खड़े होकर टूट कर नीचे गिर रहे हैं. किसान मजबूर है फसल को काट कर भी किसानों को कोई फायदा नहीं है इसीलिए कट फ्लॉवर्स की फसल खेतों में ज्यो की त्यों खड़ी हुई है.
किसानों ने कई-कई एकड़ में कट फ्लॉवर्स की खेती की हुई है लेकिन अब वह खेती घाटे का सौदा बन चुकी है. जिस वजह से किसान बर्बादी की कगार पर खड़ा हुआ है और मदद की गुहार लगा रहा है. अब ऐसे में देखना होगा कि इन किसानों की सहायता के लिए कौन आगे आता है.
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