फरीदाबाद: स्वस्थ शरीर और मन के लिए ध्यान या मेडिटेशन बहुत उपयोगी माना जाता है. इसके लिए शांत वातावरण या एकांत महौल की जरूरत पड़ती है और इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को ध्यान लगाने के लिए वक्त नहीं मिल पाता है. इसी को ध्यान में रखकर एक शिल्पकार ने ऐसी कलाकृति जो इन सारी मुश्किलों मददगार साबित हो सकती है. जी हां, गाजियाबाद के रहने वाले 8वीं पास शिल्पकार प्रदीप कुमार (craftsman of Ghaziabad) ने 3D और 5D का प्रयोग कर कुछ ऐसी कलाकृतियां (5d panting in surajkund mela) बनाई है, जिसकी मदद से कुछ ही लम्हों में ध्यान लगाया जा सकता है. प्रदीप कुमार ने 35वें सूरजकुंड मेले में अपनी कलाकृतियों को लेकर पहुंचे हैं.
इस तरह हुई शुरुआत- हस्तशिल्पकार प्रदीप कुमार का दावा है कि वे देश के इकलौते ऐसे शिल्पकार है जो इस कला को आगे बढ़ा रहे हैं. इनकी कलाकृतियों के पीछे जितना अनोखा रहस्य छिपा हुआ है. वहीं, उतना ही अनोखा रहस्य कला के प्रति उनके रुझान का भी है. एक समय था जब प्रदीप आर्थिक परेशानियों से तंग आकर अपना जीवन समाप्त करने के लिए चल पड़े थे, लेकिन एक कलाकृति को देखकर उन्होंने जब ध्यान लगाया तो उनके मन से सारे बुरे ख्याल निकल गए. इसके बाद इसी कला को लोगों तक पहुंचाने की ठान ली.
ध्यान लगाने पर नजर आती है देवी-देवताओं की तस्वीर- भारत में पहले चार ऐसे हस्तशिल्पकार थे जो इस तरह की कलाकृतियां बनाते थे, लेकिन आज प्रदीप अकेले ही ऐसे कलाकार बचे हैं जो यह कलाकृतियां बना रहे हैं. कलाकृतियों को दिव्य दृष्टि नाम दिया गया है. दरअसल, 3डी और 5डी का प्रयोग करते हुए इन कलाकृतियों को इस तरीके से बनाया गया है कि करीब मिनट भर ध्यान लगाकर देखने से आपको विभिन्न देवी देवताओं के प्रतिरूप के दर्शन होंगे और आपका ध्यान ईश्वर साधना में जुड़ जाएगा.
कलाकृतियों को बनाने में बेटी भी करती है मदद- आमतौर पर मेडिटेशन के लिए लोगों को काफी लंबा अभ्यास करना पड़ता है, लेकिन प्रदीप कुमार की इन कलाकृतियों से मिनट भर के समय में आप अपना मेडिटेशन शुरू कर देंगे. शुरुआत में उनको इस प्रकार की कलाकृतियां बनाने नहीं आती थी. तब वे इसे खरीदते थे, लेकिन फिर उन्होंने इस काम को सीखा और अपनी बेटी को भी इस काम की ट्रेनिंग दिलाई, जिसके बाद अब वह खुद ही इन कलाकृतियों को बनाकर तैयार करते हैं और लोगों तक पहुंचाते हैं.
लाखों में बिकती है प्रदीप की कलाकृतियां- उन्होंने कहा कि देश के सभी हिस्सों में वह इन कलाकृतियों को लेकर जा चुके हैं. लोगों को मेडिटेशन करने में जिन परेशानियों का सामना करना होता है, इन कलाकृतियों के माध्यम से वह परेशानियां दूर हो जाती हैं. अभी वह भगवान शिव, भगवान कृष्ण, गणेश, मां दुर्गा सहित अन्य देवी देवताओं की कलाकृतिया बना रहे हैं. प्रदीप के पास 2 हजार से लेकर लाखों रुपये की कीमत की कलाकृतियां हैं. प्रदीप बताते हैं कि उनके पास एक ऐसी कलाकृति है जिसे बनाने में उन्हें पांच साल का वक्त लग गया. वह केवल 8वीं कक्षा तक पढ़े हैं. उनका कहना है कि वे इन कलाकृतियों की मदद से लोगों को नया जीवन देने की कोशिश करते हैं.
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