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चंडीगढ़ में महीनों से तैयार खड़े हैं 10 रेलवे आइसोलेशन कोच, आपातकाल की है तैयारी

कोरोना मरीजों के लिए चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर 6 रेलवे कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया था जिसके बाद इनकी संख्या बढ़ाकर 10 कर दी गई, लेकिन खतरा कम होने पर अभीतक इन आइसोलेशन कोचों का इस्तेमाल नहीं हुआ है.

use of railway bogeys turned into covid quarantine centers in chandigarh
चंडीगढ़ में महीनों से तैयार खड़े हैं रेलवे आइसोलेशन कोच, आपातकाल का है इंतजार
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Published : Oct 28, 2020, 1:38 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से नॉर्दन रेलवे को 370 आइसोलेशन कोच तैयार करने के लिए कहा था, ताकी आपातकाल की स्थिति में इन्हें आइसोलेशन वार्ड की तरह इस्तेमाल में लाया जा सके. इसी के तहत चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर भी 6 कोच तैयार किए गए थे. जिस काम के लिए ये आइसोलेशन कोच तैयार किए गए थे. क्या ये उस काम आ रहे हैं? ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने अंबाला डीआरएम टीपी सिंह से बात की.

अंबाला डीआरएम टीपी सिंह ने कहा कि अंबाला और चंडीगढ़ में अभी तक जो आइसोलेशन कोचे बनाए गए हैं, उनको इस्तेमाल नहीं किया गया. हालांकि दिल्ली और उत्तरप्रदेश में ये काफी इस्तेमाल में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर रेलवे ने ये कदम उठाया था, लेकिन हरियाणा में कोरोना की स्थिति ज्यादा खराब नहीं हुई. जिस वजह से इनका इस्तेमाल नहीं किया गया.

चंडीगढ़ में महीनों से तैयार खड़े हैं 10 रेलवे आइसोलेशन कोच, आपातकाल का है इंतजार

टीपी सिंह ने आगे कहा कि ये कोच इस्तेमाल में नहीं आए ये हमारे लिए अच्छी बात है. जिसका सीधा मतलब ये है कि हरियाणा में कोरोना कंट्रोल में है.

आइसोलेशन कोच क्या हैं?

कोरोना को हराने की तैयारी में मार्च में पीएमओ और दूसरे अन्य मंत्रियों की ओर से ये सुझाव आया कि ट्रेन के कोच को कोविड मरीजों के लिए तैयार कर देना चाहिए. कोच को आइसोलेट कोच बनाकर मरीजों को रखने में आसानी हो सकती है. बाद में अधिकारियों ने ये साफ किया कि ये सुझाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आया था.

अब तक 5,321 कोच को आइसोलेशन कोच बना दिया गया है. नॉन एसी स्लीपर ट्रेनों के कोच को 16 जोनल रेलवे की ओर से तैयार किया गया है. इन्हें कोविड केयर लेवल-1 सेंटर के तौर पर बनाया गया है. यहां संदिग्ध और उन मरीजों को रखा जाना है, जिनमें कोरोना के हल्के लक्षण हैं.

कहां कितने आइसोलेशन कोच हैं?

दिल्ली में पांच सौ से ज्यादा कोच है, जबकि उत्तर प्रदेश ने 24 जगहों पर कोच बनाने की बात कही गई है. इसके अलावा पहले चंडीगढ़ में 6 आइसोलेशन कोच बनाए गए थे, लेकिन बाद में इस संख्या को बढ़ाकर 10 कर दिया गया.

आइसोलेशन कोच में किए गए इंतजाम:

  1. ट्रेन के कोच में कई अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं
  2. इन वार्ड में डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए अलग चैंबर है
  3. मरीजों को भर्ती करने के लिए अलग से इंतजाम किए गए हैं
  4. मरीजों के लिए बेड बनाए गए हैं
  5. ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए अलग से खांचे बनाए गए हैं
  6. कोच में दवाइयों और दूसरे समान के लिए अतिरिक्त डब्बे जोड़े गए हैं
  7. हर कोच के बाहर टॉयलेट बनाए गए हैं.

ये भी पढ़िए: निकिता हत्याकांड: बल्लभगढ़ में फिर बलि चढ़ी एक बेटी, देखिए दिल दहला देने वाली पूरी वारदात

कोरोना मरीजों के लिए चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर 6 रेलवे कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया था जिसके बाद इनकी संख्या बढ़ाकर 10 कर दी गई. इन आइसोलेशन कोच को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है, लेकिन खतरा कम होने पर अभीतक इन आइसोलेशन कोचों का इस्तेमाल नहीं हुआ है.

चंडीगढ़: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से नॉर्दन रेलवे को 370 आइसोलेशन कोच तैयार करने के लिए कहा था, ताकी आपातकाल की स्थिति में इन्हें आइसोलेशन वार्ड की तरह इस्तेमाल में लाया जा सके. इसी के तहत चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर भी 6 कोच तैयार किए गए थे. जिस काम के लिए ये आइसोलेशन कोच तैयार किए गए थे. क्या ये उस काम आ रहे हैं? ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने अंबाला डीआरएम टीपी सिंह से बात की.

अंबाला डीआरएम टीपी सिंह ने कहा कि अंबाला और चंडीगढ़ में अभी तक जो आइसोलेशन कोचे बनाए गए हैं, उनको इस्तेमाल नहीं किया गया. हालांकि दिल्ली और उत्तरप्रदेश में ये काफी इस्तेमाल में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर रेलवे ने ये कदम उठाया था, लेकिन हरियाणा में कोरोना की स्थिति ज्यादा खराब नहीं हुई. जिस वजह से इनका इस्तेमाल नहीं किया गया.

चंडीगढ़ में महीनों से तैयार खड़े हैं 10 रेलवे आइसोलेशन कोच, आपातकाल का है इंतजार

टीपी सिंह ने आगे कहा कि ये कोच इस्तेमाल में नहीं आए ये हमारे लिए अच्छी बात है. जिसका सीधा मतलब ये है कि हरियाणा में कोरोना कंट्रोल में है.

आइसोलेशन कोच क्या हैं?

कोरोना को हराने की तैयारी में मार्च में पीएमओ और दूसरे अन्य मंत्रियों की ओर से ये सुझाव आया कि ट्रेन के कोच को कोविड मरीजों के लिए तैयार कर देना चाहिए. कोच को आइसोलेट कोच बनाकर मरीजों को रखने में आसानी हो सकती है. बाद में अधिकारियों ने ये साफ किया कि ये सुझाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आया था.

अब तक 5,321 कोच को आइसोलेशन कोच बना दिया गया है. नॉन एसी स्लीपर ट्रेनों के कोच को 16 जोनल रेलवे की ओर से तैयार किया गया है. इन्हें कोविड केयर लेवल-1 सेंटर के तौर पर बनाया गया है. यहां संदिग्ध और उन मरीजों को रखा जाना है, जिनमें कोरोना के हल्के लक्षण हैं.

कहां कितने आइसोलेशन कोच हैं?

दिल्ली में पांच सौ से ज्यादा कोच है, जबकि उत्तर प्रदेश ने 24 जगहों पर कोच बनाने की बात कही गई है. इसके अलावा पहले चंडीगढ़ में 6 आइसोलेशन कोच बनाए गए थे, लेकिन बाद में इस संख्या को बढ़ाकर 10 कर दिया गया.

आइसोलेशन कोच में किए गए इंतजाम:

  1. ट्रेन के कोच में कई अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं
  2. इन वार्ड में डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए अलग चैंबर है
  3. मरीजों को भर्ती करने के लिए अलग से इंतजाम किए गए हैं
  4. मरीजों के लिए बेड बनाए गए हैं
  5. ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए अलग से खांचे बनाए गए हैं
  6. कोच में दवाइयों और दूसरे समान के लिए अतिरिक्त डब्बे जोड़े गए हैं
  7. हर कोच के बाहर टॉयलेट बनाए गए हैं.

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कोरोना मरीजों के लिए चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर 6 रेलवे कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया था जिसके बाद इनकी संख्या बढ़ाकर 10 कर दी गई. इन आइसोलेशन कोच को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है, लेकिन खतरा कम होने पर अभीतक इन आइसोलेशन कोचों का इस्तेमाल नहीं हुआ है.

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