चंडीगढ़: कोरोना काल में देशभर के अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं. मरीजों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. जिससे बहुत से मरीजों की मौत भी हो चुकी है. हालांकि ऑक्सीजन की सप्लाई को लगातार किया जा रहा है, लेकिन फिर भी जितनी ऑक्सीजन की इस समय जरूरत है उतनी ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है.
वहीं चंडीगढ़ की बात की जाए तो चंडीगढ़ में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और यहां के अस्पतालों में बेड लगभग फुल हो चुके हैं. वहीं चंडीगढ़ में ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर हमने स्टेट नोडल ऑफिसर (ऑक्सीजन) डॉ. मंजीत सिंह से बात की.
उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में इस समय सिलेंडर और लिक्विड ऑक्सीजन टैंको द्वारा अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. इसके अलावा चंडीगढ़ में तीन ऑक्सीजन प्लांट भी लगा दिए गए हैं. यह प्लांट सेक्टर-16, सेक्टर-32 और सेक्टर-48 के सरकारी अस्पतालों में लगाए गए हैं. इन तीनों प्लांट्स को बेहद कब समय में तैयार किया गया है. इनके लिए केंद्र सरकार की ओर से फंड भेजा गया था.
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उन्होंने कहा कि सेक्टर-16 के सरकारी अस्पताल में लगाए गए प्लांट की क्षमता 500 लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट है. ये 24 घंटे में करीब 23 लाख लीटर ऑक्सीजन तैयार कर सकता है. इसके अलावा सेक्टर-48 के में लगाया गया प्लांट प्रति मिनट 100 लीटर और सेक्टर-32 जीएमसीएच में लगाया गया प्लांट प्रति मिनट 1000 लीटर ऑक्सीजन तैयार कर सकता है.
उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती जिन मरीजों को ऑक्सीजन पर रखा गया है, एक अनुमान के अनुसार गंभीर मरीज प्रति मिनट 10 से 15 लीटर ऑक्सीजन इस्तेमाल करता है. ये उसकी स्थिति पर निर्भर करता है. फिलहाल यहां पर ऑक्सीजन की कमी नहीं है. मरीजों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध है, लेकिन जिस तरह से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं उसको देखते हुए हमने केंद्र सरकार के सामने तीन और ऑक्सीजन प्लांट की मांग रखी है.
चंडीगढ़ में जो तीन प्लांट लगाए गए हैं वह हवा से ऑक्सीजन को अलग करते हैं ताकि उस ऑक्सीजन को मरीजों तक पहुंचाया जा सके. इस तरह के प्लांट में पहले हवा को कंप्रेस किया जाता है. इसके बाद हवा में मौजूद नमी को अलग कर लिया जाता है और सूखी हवा को एक अन्य टैंक में जमा किया जाता है. जहां से हवा को एक दूसरी मशीन में भेजा जाता है. अलग की गई ऑक्सीजन को स्टोरेज टैंक में भेजा जाता है. जहां से उसे मरीजों के लिए सप्लाई कर दिया जाता है.
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