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चंडीगढ़ शहर में नरक जैसी जिंदगी जीने को मजबूर लोग, तस्वीरें देखकर चौंक जाएंगे - चंडीगढ़ झुग्गी झोपड़ियां

जब चंडीगढ़ शहर के बारे में बात की जाती है तो जहन में एक ऐसे शहर की तस्वीरें आती है जो चकाचौंध से भरा है. लेकिन इसी बेहतरीन शहर चंडीगढ़ का एक और चेहरा भी है जो पूरी तरह से अनदेखा है. यह चेहरा कभी किसी के सामने नहीं लाया जाता. ईटीवी भारत की टीम ने इस जगह का दौरा किया और जाना कि आखिर नरक जैसे हालात में लोग किस तरह जिंदगी बिता रहे हैं.

slums of chandigarh
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Published : Dec 22, 2019, 10:02 PM IST

चंडीगढ़: सिटी ब्यूटीफुल यानि चंडीगढ़, बेहद हरा भरा, साफ-सुथरा, जहां लोगों की जीवन शैली बेहतरीन है, चौड़ी सड़कें हैं, जिन पर महंगी-महंगी कारें दौड़ती हैं. इसलिए चंडीगढ़ को देश के सबसे बेहतरीन शहरों में शुमार किया जाता है लेकिन इस शहर की एक और तस्वीर भी है.

इन तस्वीरों को देखकर आप यकीन नहीं कर पाएंगे कि ये चंडीगढ़ की तस्वीर हैं. ये झुग्गी झोपड़ियां और ये गंदी बस्ती चंडीगढ़ का ही एक हिस्सा है. इन कच्चे घरों और गंदगी में हजारों लोग यहां रहने को मजबूर हैं क्योंकि इसके अलावा इनके पास कोई और विकल्प नहीं है और ना ही प्रशासन को इनकी कोई फिक्र है.

चंडीगढ़ शहर में नरक जैसी जिंदगी जीने को मजबूर लोग, देखिए ये रिपोर्ट.

नरक जैसे हालात में जीने को मजबूर लोग
ये तस्वीरें चंडीगढ़ के सेक्टर-25 की हैं. जहां इस बस्ती में हजारों लोग सालों से रह रहे हैं. ये लोग बेहद गरीबी की हालत में यहां पर रह रहे हैं. सुविधाओं के नाम पर इन लोगों के पास ना तो पीने का पानी है, न बिजली की व्यवस्था है और ना ही साफ सफाई. इन लोगों के लिए तो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी बेहद मुश्किल है.

ये भी पढ़ें- नागरिकता संशोधन एक्ट पर साधु समाज की प्रतिक्रिया, कहा- राष्ट्र की सद्भावना के शत्रु न बनें

जब हमने यहां पर रह रहे लोगों से बात की तो इन लोगों ने बताया कि वे लोग यहां पर पिछले 20 सालों से रह रहे हैं लेकिन 20 सालों से यहां पर विकास की एक नई ईंट नहीं लगाई गई. इस जगह पर लोगों को ना तो पानी मिल पाता है, न बिजली और ना ही यहां पर साफ-सफाई की व्यवस्था है. लोग जैसे नरक में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं लेकिन वे गरीबी के चलते मजबूर हैं.

नेता आते हैं, वादे करके चले जाते हैं
वहीं हर बार जब चुनाव आते हैं तो नेता यहां पर आते हैं और इन लोगों से बड़े-बड़े वादे करके जाते हैं लेकिन चुनाव के बाद सब इन्हें भूल कर बैठ जाते हैं. इन लोगों का कहना है कि उनके बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है क्योंकि जो सेक्टर-25 का स्कूल है वहां पर बच्चों को ठीक से पढ़ाया नहीं जाता और अगर ये अपने बच्चों को किसी और स्कूल में दाखिल करवाना चाहते हैं तो वह स्कूल यहां रहने वाले बच्चों को दाखिला नहीं देते इसलिए इनके बच्चों का भविष्य भी अंधकार में है.

लोगों ने प्रशासन पर ये आरोप भी लगाया कि प्रशासन का जब मन करता है तब इनके आधार कार्ड और वोटर कार्ड बना देता है और जब प्रशासन चाहे इनके आधार कार्ड और इनके वोटर कार्ड को भी रद्द कर दे जाता है. लोग बिना किसी पहचान के यहां पर रहने के लिए मजबूर हैं क्योंकि वोटर कार्ड और आधार कार्ड ना होने की वजह से इन्हें कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है. इन लोगों ने कहा कि जिनका एक बार वोटर कार्ड और आधार कार्ड बना दिया जाता है तो उसे दोबारा रद्द क्यों किया जाता है.

ये भी पढ़ें- सोनिया और प्रियंका गांधी पर देश में नफरत फैलाने का मुकदमा दर्ज होना चाहिए: अनिल विज

कब आएंगे इन लोगों के अच्छे दिन?
सिटी ब्यूटीफुल की चकाचौंध वाली जिंदगी के अलावा गरीबी के अंधेरे में भी लोग रह रहे हैं जिन्हें बाकी दुनिया से छुपा के रखा जाता है. प्रशासन तो जैसे इन्हें भूल कर बैठ गया है या फिर प्रशासन इस जगह को चंडीगढ़ का हिस्सा मानता ही नहीं है क्योंकि इस जगह की हालत को देखकर तो ऐसा ही लगता है. हालांकि ये लोग आज भी इस उम्मीद में हैं कि कभी ना कभी प्रशासन को इन पर दया आएगी और उनके हालात भी सुधरेंगे. मगर फिलहाल तो ये लोग चंडीगढ़ जैसे शहर में रहते हुए भी नरक जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं.

चंडीगढ़: सिटी ब्यूटीफुल यानि चंडीगढ़, बेहद हरा भरा, साफ-सुथरा, जहां लोगों की जीवन शैली बेहतरीन है, चौड़ी सड़कें हैं, जिन पर महंगी-महंगी कारें दौड़ती हैं. इसलिए चंडीगढ़ को देश के सबसे बेहतरीन शहरों में शुमार किया जाता है लेकिन इस शहर की एक और तस्वीर भी है.

इन तस्वीरों को देखकर आप यकीन नहीं कर पाएंगे कि ये चंडीगढ़ की तस्वीर हैं. ये झुग्गी झोपड़ियां और ये गंदी बस्ती चंडीगढ़ का ही एक हिस्सा है. इन कच्चे घरों और गंदगी में हजारों लोग यहां रहने को मजबूर हैं क्योंकि इसके अलावा इनके पास कोई और विकल्प नहीं है और ना ही प्रशासन को इनकी कोई फिक्र है.

चंडीगढ़ शहर में नरक जैसी जिंदगी जीने को मजबूर लोग, देखिए ये रिपोर्ट.

नरक जैसे हालात में जीने को मजबूर लोग
ये तस्वीरें चंडीगढ़ के सेक्टर-25 की हैं. जहां इस बस्ती में हजारों लोग सालों से रह रहे हैं. ये लोग बेहद गरीबी की हालत में यहां पर रह रहे हैं. सुविधाओं के नाम पर इन लोगों के पास ना तो पीने का पानी है, न बिजली की व्यवस्था है और ना ही साफ सफाई. इन लोगों के लिए तो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी बेहद मुश्किल है.

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जब हमने यहां पर रह रहे लोगों से बात की तो इन लोगों ने बताया कि वे लोग यहां पर पिछले 20 सालों से रह रहे हैं लेकिन 20 सालों से यहां पर विकास की एक नई ईंट नहीं लगाई गई. इस जगह पर लोगों को ना तो पानी मिल पाता है, न बिजली और ना ही यहां पर साफ-सफाई की व्यवस्था है. लोग जैसे नरक में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं लेकिन वे गरीबी के चलते मजबूर हैं.

नेता आते हैं, वादे करके चले जाते हैं
वहीं हर बार जब चुनाव आते हैं तो नेता यहां पर आते हैं और इन लोगों से बड़े-बड़े वादे करके जाते हैं लेकिन चुनाव के बाद सब इन्हें भूल कर बैठ जाते हैं. इन लोगों का कहना है कि उनके बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है क्योंकि जो सेक्टर-25 का स्कूल है वहां पर बच्चों को ठीक से पढ़ाया नहीं जाता और अगर ये अपने बच्चों को किसी और स्कूल में दाखिल करवाना चाहते हैं तो वह स्कूल यहां रहने वाले बच्चों को दाखिला नहीं देते इसलिए इनके बच्चों का भविष्य भी अंधकार में है.

लोगों ने प्रशासन पर ये आरोप भी लगाया कि प्रशासन का जब मन करता है तब इनके आधार कार्ड और वोटर कार्ड बना देता है और जब प्रशासन चाहे इनके आधार कार्ड और इनके वोटर कार्ड को भी रद्द कर दे जाता है. लोग बिना किसी पहचान के यहां पर रहने के लिए मजबूर हैं क्योंकि वोटर कार्ड और आधार कार्ड ना होने की वजह से इन्हें कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है. इन लोगों ने कहा कि जिनका एक बार वोटर कार्ड और आधार कार्ड बना दिया जाता है तो उसे दोबारा रद्द क्यों किया जाता है.

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कब आएंगे इन लोगों के अच्छे दिन?
सिटी ब्यूटीफुल की चकाचौंध वाली जिंदगी के अलावा गरीबी के अंधेरे में भी लोग रह रहे हैं जिन्हें बाकी दुनिया से छुपा के रखा जाता है. प्रशासन तो जैसे इन्हें भूल कर बैठ गया है या फिर प्रशासन इस जगह को चंडीगढ़ का हिस्सा मानता ही नहीं है क्योंकि इस जगह की हालत को देखकर तो ऐसा ही लगता है. हालांकि ये लोग आज भी इस उम्मीद में हैं कि कभी ना कभी प्रशासन को इन पर दया आएगी और उनके हालात भी सुधरेंगे. मगर फिलहाल तो ये लोग चंडीगढ़ जैसे शहर में रहते हुए भी नरक जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं.

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जब चंडीगढ़ शहर के बारे में बात की जाती है तो जेहन में एक ऐसे शहर की तस्वीरें भर्ती हैं जब बेहद हरा भरा है साफ सुथरा है जहां के लोगों की जीवन शैली बेहतरीन है चौड़ी सड़कें हैं जिन पर महंगी महंगी कारें दौड़ती हैं। इसलिए चंडीगढ़ को देश के सबसे बेहतरीन शहरों में शुमार किया जाता है लेकिन इसी बेहतरीन शहर चंडीगढ़ का एक और चेहरा भी है जो पूरी तरह से अनदेखा है यह चेहरा कभी किसी के सामने नहीं लाया जाता ।


Body:इन तस्वीरों को देखकर आप यकीन नहीं कर पाएंगे कि यह है चंडीगढ़ की तस्वीर है यह झुग्गी झोपड़ियां और यह गंदी बस्ती चंडीगढ़ का ही एक हिस्सा है। इन कच्चे घरों और गंदगी में हजारों लोग यहां रहने को मजबूर हैं क्योंकि यहां इन्हें पूछने वाला कोई नहीं है।
ये तस्वीरें चंडीगढ़ के सेक्टर 25 की है। जहा इस बस्ती में हजारों लोग सालों से रह रहे हैं। यह लोग बेहद गरीबी की हालत में यहां पर रह रहे हैं । सुविधाओं के नाम पर इन लोगों के पास ना तो पीने का पानी है न बिजली की व्यवस्था है और ना ही साफ सफाई की कोई व्यवस्था। इन लोगों के लिए तो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी बेहद मुश्किल है ।
प्रशासन जैसे इन्हें भूल कर बैठ गया है या फिर प्रशासन इस जगह को चंडीगढ़ का हिस्सा मानता ही नहीं है। क्योंकि इस जगह की हालत को देखकर तो ऐसा ही लगता है।
जब हमने यहां पर रह रहे लोगों से बात की तो इन लोगों ने बताया कि वे लोग यहां पर पिछले 20 सालों से रह रहे हैं। लेकिन 20 सालों से यह जगह वैसी की वैसी है यहां पर विकास की एक नई ईट नहीं लगाई गई ।इस जगह पर लोगों को ना तो पानी मिल पाता है न बिजली और ना ही यहां पर साफ-सफाई की व्यवस्था है। लोग जैसे नरक में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं। लेकिन वे गरीबी के चलते मजबूर हैं । इसलिए वे इस जल को छोड़कर कहीं और जा भी नहीं सकते। हर बार जब चुनाव आते हैं तो नेता यहां पर आते हैं और इन लोगों से बड़े बड़े वादे करके जाते हैं ।लेकिन चुनाव के बाद सब इन्हें भूल कर बैठ जाते हैं इनसे किया छोटे से छोटा वादा भी पूरा नहीं किया जाता इन लोगों का कहना है कि उनके बच्चों को भी शिक्षा नहीं मिल पा रही है ।क्योंकि जो सेक्टर 25 का स्कूल है ।वहां पर बच्चों को ठीक से पढ़या नहीं जाता और अगर यह अपने बच्चों को किसी और स्कूल में दाखिल करवाना चाहते हैं, तो वह स्कूल यहां रहने वाले बच्चों को दाखिला नहीं देते। इसलिए इनके बच्चों का भविष्य भी अंधकार में है।
साथ ही लोगों ने राशन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन का जब मन करता है। तब इनके आधार कार्ड और वोटर कार्ड बना देता है और जब प्रशासन चाहे इनके आधार कार्ड और इनके वोटर कार्ड को भी रद्द कर दे जाता है ।इसलिए लोग बिना किसी पहचान के यहां पर रहने के लिए मजबूर हैं। क्योंकि वोटर कार्ड और आधार कार्ड ना होने की वजह से इन्हें कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है।
इन लोगों ने कहा कि जिनका एक बार वोटर कार्ड और आधार कार्ड बना दिया जाता है तो उसे दोबारा रद्द क्यों किया जाता है। शायद प्रशासन 20 साल बाद भी ने चंडीगढ़ का निवासी नहीं मानता और इसीलिए इस जगह को अनदेखी का शिकार होना पड़ रहा है । यह लोग आज भी इस उम्मीद में है कि कभी ना कभी प्रशासन को इन पर दया आएगी और उनके हालात सुधरेंगे मगर फिलहाल यह लोग चंडीगढ़ शहर में रहते हुए भी नर्क जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

walkthrough with people's of slum area



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