चंडीगढ़: हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने मुख्यमंत्री से विभिन्न निजी क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन न काटे जाने की अपील कर रहे हैं. लाम्बा ने कहा कि हम इसका समर्थन करते है मगर हरियाणा में नियमित और अनुबंध आधार पर लगे कई विभागों के कर्मचारियों को 2 से 3 महीने का वेतन नहीं मिला है.
सुभाष लंबा ने कहा कि कोरोना फाइटर के तौर पर हेल्थ विभाग में अनुबंध आधार पर काम करने वाले कर्मचारियों को फरवरी के बाद का वेतन नहीं मिला है. इसके इलावा कई अन्य विभागों में अनुबंध व नियमित आधार पर लगे कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. सुभाष लाम्बा के अनुसार वो इसको लेकर कई चिट्टियां भी लिख चुके हैं. जिसके बाद मामूली सुधार हुआ है और एनएचएम और हेल्थ के कर्मचारियों को 2 महीने का वेतन दिया गया है.
लाम्बा ने कहा कि कई जरूरी सेवाओं में बिना पर्याप्त सुरक्षा उपरकर्णों के भी काम कर रहे हैं जिन्हें सुरक्षित रखना व वेतन देना सरकार की जिम्मेदारी है. कोरोना के चलते देशभर में उद्योगों के लिए ये समय काफी मुश्किलों भरा है. इस बीच देश और प्रदेश में उद्योगपतियों से बार-बार अपील की जा रही है कि वो अपने पास काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन दें.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी बार-बार जनता से संबोधन के दौरान कर्मचारियों के वेतन की अपील कर चुके हैं. एक तरफ हरियाणा के मुख्यमंत्री जहां निजी क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन की सिफारिश कर रहे हैं.
वहीं, हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने हरियाणा सरकार को हरियाणा सरकार के अधीन काम करने वाले कई नियमित और अनुबंध आधार पर लगे कर्मचारियों के रुके हुए वेतन के बारे में याद दिलाया है.
लाम्बा के मुताबिक इन्हें नहीं मिल रहा वेतन
- सुभाष लाम्बा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग में आईसीडीएस सुपरवाइजर को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है.
- यमुनानगर में 4 महीने से इन्हें वेतन नहीं मिला है.
- वहीं रोडवेज में 3 महीने से अनुबंध आधार पर चालक व परिचालकों को 3 महीने से वेतन नहीं मिला है.
- पशुपालन विभाग में कांट्रेक्ट पर लगे बीएल्डी को 2 से 3 महीने का वेतन नहीं मिला है.
- हुड्डा विभाग में कांट्रेक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों, पंचायती पम्प ऑपरेटरों को 2 से 3 महीने से वेतन नहीं मिला है.
- नगर निगम करनाल में पब्लिक हेल्थ के सीवर मेन को 3 महीने से वेतन नहीं मिला है.
सुभाष लाम्बा ने कहा कि अब इन कर्मचारियों को दुकानदारों ने उधार राशन देना बंद कर दिया है जबकि इंजीनियरिंग कॉलेज और प्राइवेट स्कूलों ने भी फीस का दबाव बनाना शुरू कर दिया है. ऐसे में सरकार को इन कर्मचारियों का वेतन तुरन्त जारी करना चाहिए.
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