चंडीगढ़: नागरिक संशोधन कानून को लेकर हो रहे विवाद पर सुभाष बराला ने कांग्रेस से सवाल किया है. सुभाष बराला ने कहा कि 26 सितंबर 1947 को महात्मा गांधी ने पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान में हिंदू और सिखों के उत्पीड़न की बात कही थी और इन लोगों से भारत आने की अपील भी की थी. इस दौरान महात्मा गांधी ने विस्थापित होकर भारत आने वाले लोगों के पुनर्वास के लिए भी सरकार से व्यवस्था करने को भी कहा था.
बराला ने कहा कि कांग्रेस के लोगों से सवाल है कि क्या वे महात्मा गांधी की बात का अनुसरण करेंगे या फिर राहुल गांधी और सोनिया गांधी की बात मानेंगे. बराला ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर देश में अस्थिरता फैला रही है लेकिन बीजेपी इसकी निंदा करती है. सीएए को लेकर जागरूक करने के लिए बीजेपी प्रदेश में एक जन जागरण अभियान चलाएगी.
सुभाष बराला ने कहा कि समय-समय पर देश में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह भी संसद और संसद के बाहर हिंदू और सिखों के अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का मुद्दा उठाते रहे लेकिन यह लोग कभी भी इन देशों में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न नहीं रोक पाए. इन देशों में आज भी गैर इस्लामिक समुदायों पर जुल्म किया जा रहा है.
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वहां पर इनकी जमीनों पर कब्जे किए जाते हैं, बहन बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ होता है और अमानवीय यातनाएं देते हैं. ऐसे में यदि केंद्र की एनडीए सरकार इन लोगों को मुख्य विचारधारा में शामिल कर सुरक्षा देना चाहती है तो इसमें गलत क्या है. बराला ने कहा कि नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ विपक्षी दलों के आंदोलन को लेकर बीजेपी भी रणनीति बनाएगी.
इसके तहत 26 दिसंबर को पार्टी के सांसदों, विधायकों, नेताओं जिला अध्यक्ष, बोर्ड और निगमों के विभिन्न चेयरमैन की एक बैठक होगी जिसमें आगामी 20 जनवरी तक पूरे प्रदेश में जन जागरण अभियान चलाने का खाका तैयार किया जाएगा. इस दौरान बीजेपी समाज के सभी वर्गों से संपर्क साधेगी और जिला स्तर पर मार्च और सभाओं का आयोजन किया गया जाएगा.
सुभाष बराला ने कहा तीनों देशों में मुस्लिम बहुसंख्यक है. उनको अनुमति नहीं दी जा सकती. शरणार्थी और घुसपेठियों में अंतर करने की आवश्यकता है. कांग्रेस घुसपेठियों की तरफदारी कर रही है. बराला ने कहा कि पीएम मोदी ने रामलीला मैदान में सम्बोधन में असम में एनआरसी की बात स्पष्ट की है. सिटीजन एमेंडमेंट एक्ट और एनआरसी दोनों अलग-अलग है. इनमें अंतर है इसको समझना जरूरी है.
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कांग्रेस जानबूझकर भ्रम फैला रही है. देश के विभाजन के बाद से ही इसकी मांग होती रही है. ये बिल दोनों सदनों से पारित हुए हैं. प्रमाण के तौर पर लोगों को बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में गैर इस्लामिक समुदाय पर हो रहे हमले और उनको लेकर कांग्रेसी नेताओं द्वारा की गई पैरवी को लेकर साहित्य भी लोगों को बांटा जाएगा.
वहीं बीजेपी विधायक लीला राम गुज्जर की तरफ से दिए गए बयान पर सुभाष बराला ने कहा कि उनका संधर्भ किसी और विषय को लेकर था. गौरतलब है कि बीजेपी विधायक लीलाराम गुर्जर ने कहा था कि ये गांधी और नेहरू का हिन्दुस्तान नहीं, नरेंद्र मोदी और अमित शाह का हिन्दुस्तान है. गुर्जर ने इस दौरान एक विवादित बयान देते हुए कहा था कि देश का नुकसान करने वालों का सफाया कर दिया जाएगा.